इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

प्रिलिम्स फैक्ट्स

  • 16 May, 2023
  • 15 min read
प्रारंभिक परीक्षा

मेरी लाइफ एप

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून को) से पहले जलवायु परिवर्तन हेतु युवाओं को एकजुट के लिये "मेरी लाइफ" (Meri LiFE) नामक मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया है।

  • मंत्रालय ने लाइफ के लिये दो समर्पित पोर्टल विकसित किये हैं: मिशन लाइफ पोर्टल और मेरी लाइफ पोर्टल।

मेरी लाइफ (LiFE) एप का लक्ष्य: 

  • मेरी लाइफ एप का उद्देश्य दैनिक जीवन में सरल कार्यों के प्रभाव पर ज़ोर देकर पर्यावरण को बचाने में नागरिकों, विशेष रूप से युवा लोगों की शक्ति का प्रदर्शन करना है।
    • एप मिशन LiFE को प्रगति की निगरानी करने हेतु एक संगठित साधन प्रदान करके पर्यावरण के लिये जीवनशैली (Lifestyle for Environment- LiFE) हेतु एक राष्ट्रीय आंदोलन को उत्प्रेरित करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।
  • यह उपयोगकर्त्ताओं को पाँच थीम के तहत जीवन से संबंधित कार्यों की एक शृंखला में भाग लेने हेतु प्रोत्साहित करता है, ये थीम हैं-  ऊर्जा बचाओ, जल बचाओ, एकल उपयोग प्लास्टिक को कम करो, सतत् खाद्य प्रणाली को अपनाओ और स्वस्थ जीवन शैली को अपनाओ।
    • सफलतापूर्वक साइन-अप के बाद उपयोगकर्त्ताओं को गेम जैसे अनुभव के माध्यम से निर्देशित किया जाता है कि वे 5 फॉर 5 चुनौती में भाग लें और 5 जून, 2023 तक पाँच LiFE कार्रवाई करें।  

पर्यावरण के लिये जीवनशैली (LiFE) मिशन:  

  • भारत के प्रधानमंत्री द्वारा 1 नवंबर, 2021 को ग्लासगो में 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26) में LiFE का विचार पेश किया गया था।
  • LiFE मिशन का उद्देश्य सामूहिक कार्रवाई की शक्ति का उपयोग करना और विश्व भर में लोगों को अपने दैनिक जीवन में सरल जलवायु-अनुकूल कार्य करने के लिये प्रेरित करना है।
    • यह जलवायु से संबंधित सामाजिक मानदंडों को प्रभावित करने के लिये सामाजिक नेटवर्क की ताकत का लाभ उठाने का प्रयास करता है।
  • इस मिशन की योजना व्यक्तियों का एक वैश्विक नेटवर्क बनाने और उसका पोषण करने की है, जिसका नाम 'प्रो-प्लैनेट पीपल' (P3) है। P3 पर्यावरण के अनुकूल जीवनशैली को अपनाने और बढ़ावा देने के लिये एक साझा प्रतिबद्धता होगी।
    • P3 समुदाय के माध्यम से यह मिशन एक पारिस्थितिकी तंत्र बनाने का प्रयास करता है जो पर्यावरण के अनुकूल व्यवहारों को आत्मकेंद्रित होने के लिये सुदृढ़ और सक्षम करेगा। 
  • इस मिशन ने चक्रीय अर्थव्यवस्था के साथ प्रचलित 'यूज़-एंड-डिस्पोज़' अर्थव्यवस्था को बदलने की कल्पना की है जिसमें विचारहीन और हानिकारक उपभोग के बजाय सचेत और सुविचारित उपयोग पर ज़ोर दिया जाएगा।

विश्व पर्यावरण दिवस 2023: 

  • परिचय:  
    • विश्व पर्यावरण दिवस की स्थापना 5 जून, 1974 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गई थी। यह जागरूकता बढ़ाने और पर्यावरणीय मुद्दों पर कार्यवाही करने के लिये एक वैश्विक मंच के रूप में कार्य करता है।  
  • 2023 के लिये थीम: 
    • विश्व पर्यावरण दिवस 2023 का विषय प्लास्टिक प्रदूषण का समाधान है, जो मिशन LiFE के सात विषयों में से एक के साथ संरेखित है: "एकल उपयोग वाली प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को कम करना।" 
    • प्रत्येक वर्ष 400 मिलियन टन से अधिक प्लास्टिक का उत्पादन होता है, जिसमें से आधे को केवल एक बार उपयोग करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इसमें से 10 फीसदी से भी कम को रिसाइकिल किया जाता है। अनुमानित 19-23 मिलियन टन झीलों, नदियों और समुद्रों में समाप्त हो जाता है।
  • मेज़बान:  
    • यह कोत दिव्वार (Côte d'Ivoire) द्वारा नीदरलैंड के साथ साझेदारी में आयोजित किया जाता है।
      • भारत ने थीम के रूप में "बीट प्लास्टिक पॉल्यूशन" के साथ वर्ष 2018 विश्व पर्यावरण दिवस की मेज़बानी की।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स:

प्रश्न. UNEP द्वारा समर्थित 'कॉमन कार्बन मीट्रिक' को किसके लिये विकसित किया गया है?  (2021)
 

(a) दुनिया भर में निर्माण कार्यों के कार्बन फुटप्रिंट का आकलन करना।
(b) दुनिया भर में वाणिज्यिक फैनिंग संस्थाओं को कार्बन उत्सर्जन व्यापार में प्रवेश करने में सक्षम बनाना।
(c) सरकारों को अपने देशों के कारण समग्र कार्बन फुटप्रिंट का आकलन करने में सक्षम बनाना। 
(d) एक इकाई समय में दुनिया द्वारा जीवाश्म ईंधन के उपयोग के कारण होने वाले समग्र कार्बन फुटप्रिंट का आकलन करना । 

उत्तर: (a)

स्रोत: पी.आई.बी


विविध

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 16 मई, 2023

मलेशिया का मादक पदार्थ की कम मात्रा को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का प्रस्ताव

मलेशिया के गृह मामलों के मंत्री के अनुसार, कम मात्रा में अवैध नशीले पदार्थों के कब्ज़े और उपयोग को कम करने हेतु विधेयक पेश करके आपराधिक न्याय सुधार की दिशा में पहल कर रहा है। प्रस्तावित कानून के तहत कम मात्रा में अवैध पदार्थों के साथ पकड़े जाने वाले व्यक्तियों को अभियोजन का सामना नहीं करना पड़ेगा बल्कि उन्हें इलाज हेतु मादक पदार्थ पुनर्वास केंद्रों में भेजा जाएगा। इस कदम का उद्देश्य जेल में भीड़-भाड़ को कम करना और सरकार द्वारा हाल ही में लागू किये गए सुधारों का पालन करना है। इन सुधारों में अनिवार्य मृत्युदंड एवं अजीवन कारावास की शर्तों को समाप्त करने के साथ-साथ आत्महत्या की घटनाओं को कम करना है। वर्तमान में मलेशिया में अपने कई दक्षिण-पूर्व एशियाई पड़ोसियों की तरह नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों हेतु गंभीर दंड का प्रावधान है, जिसमें मादक पदार्थों की तस्करी के लिये मृत्युदंड भी शामिल है। हालाँकि हाल के सुधार न्यायाधीशों को यह निर्णय लेने का अधिकार देते हैं कि यह सज़ा दी जाए या नहीं। मलेशिया को अवैध नशीले पदार्थों हेतु महत्त्वपूर्ण पारगमन केंद्र के रूप में जाना जाता है और यहाँ वर्ष 2022 में पुलिस ने लगभग 29,000 व्यक्तियों को विभिन्न नशीली दवाओं के अपराध में गिरफ्तार किया, जिनमें से अधिकांश व्यसनी थे।

और पढ़ें…भारत द्वारा ड्रग उन्मूलन हेतु प्रयास 

घड़ियाल

तीन दशक के बाद मूल रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाने वाले अद्वितीय मगरमच्छ प्रजाति- घड़ियाल को पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में देखा गया है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि ये घड़ियाल बाढ़ के दौरान भारत से आए होंगे और सीमा के पास सतलुज नदी में रहे होंगे जिसमें कुल 10 घड़ियाल होने की संभावना है। ब्यास और सतलुज नदियाँ सीमा से 50 किलोमीटर दूर हरिके आर्द्रभूमि में मिलती हैं तथा वर्ष 2017 एवं 2021 के बीच पंजाब सरकार द्वारा चलाए जा रहे एक संरक्षण कार्यक्रम के तहत 94 घड़ियालों को वहाँ छोड़ा गया था। घड़ियाल भारत के उत्तरी भाग के ताज़े जल में मुख्य रूप से चंबल नदी में पाए जाने वाले मगरमच्छ की एक प्रजाति है। वे अपने लंबे, पतले थूथन के लिये जाने जाते हैं। घड़ियालों को IUCN रेड लिस्ट में गंभीर रूप से लुप्तप्राय के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और CITES के परिशिष्ट I एवं वन्य जीवन (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची I में शामिल किया गया है। वे स्वच्छ नदी जल के महत्त्वपूर्ण संकेतक भी हैं। नदी प्रदूषण, बाँध निर्माण, मछली पकड़ने का कार्य, बाढ़, अवैध रेत खनन और अवैध शिकार उनके अस्तित्त्व के लिये मुख्य खतरे हैं। इन प्रजातियों तथा उनके आवासों की रक्षा के लिये लखनऊ में कुकरैल घड़ियाल पुनर्वास केंद्र एवं राष्ट्रीय चंबल अभयारण्य जैसे संरक्षण प्रयास किये जा रहे हैं।

और पढ़ें…घड़ियाल 

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो का निदेशक  

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (DoPT) के आदेश के अनुसार, कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रवीण सूद को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) का नया निदेशक नियुक्त किया गया है। इस नियुक्ति आदेश में दो साल का कार्यकाल निर्दिष्ट किया गया है। CBI के निदेशक को दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान अधिनियम, 1946 के तहत नियुक्त किया जाता है। निदेशक संगठन के प्रशासन के लिये ज़िम्मेदार होता है और दो साल के कार्यकाल के लिये नियुक्त किया जाता है, जैसा कि केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 में प्रावधान है। निदेशक की नियुक्ति तीन सदस्यीय समिति द्वारा की जाती है इस समिति में केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा में विपक्ष का नेता और भारत का मुख्य न्यायाधीश या सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश शामिल होते हैं। वर्ष 2014 में दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अधिनियम ने लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता को शामिल करने के लिये समिति की संरचना को संशोधित किया, इससे पहले  विपक्ष का कोई नेता इसमें शामिल नहीं था।

और पढ़ें… केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI)

आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन 

हाल ही में संपन्न कर्नाटक विधानसभा चुनाव में विशेष रूप से भारतीय दंड संहिता की धारा 171(E) और 171(F) के संबंध में आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन देखा गया। ये खंड क्रमशः "रिश्वतखोरी" और "चुनाव में अनुचित प्रभाव" से संबंधित हैं। इन धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर उम्मीदवार को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत अयोग्य घोषित किया जा सकता है। धारा 171(E) रिश्वतखोरी के लिये सज़ा से संबंधित है, जो इस तरह के कार्यों की गंभीरता को उजागर करती है। एक चुनाव में रिश्वतखोरी निष्पक्षता और समानता के सिद्धांतों को कमज़ोर करती है, क्योंकि यह गैरकानूनी तरीकों से परिणाम को प्रभावित करती है। इसके अतिरिक्त धारा 171(F) एक चुनाव में अनुचित प्रभाव प्रदर्शन का निपटान करती है। यह प्रावधान मतदाताओं को अवैध रूप से प्रभावित करने या उनके मतदान के निर्णय को प्रभावित करने के इरादे से किसी अन्य व्यक्ति को प्रतिरूपित करने के किसी भी प्रयास को प्रतिबंधित करता है। इस प्रकार के उल्लंघन लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमज़ोर करते हैं और चुनावी प्रणाली में जनता के विश्वास को खत्म करते हैं। चुनाव की शुचिता सुनिश्चित करने के लिये आदर्श आचार संहिता के संयोजन में इन धाराओं का प्रवर्तन महत्त्वपूर्ण है। वे अनैतिक प्रथाओं के खिलाफ निवारक के रूप में काम करते हैं और सभी उम्मीदवारों के लिये एक समान स्थिति बनाए रखने का प्रयास करते हैं। निर्वाचन आयोग के लिये यह अनिवार्य है कि वह उल्लंघन के आरोपों जाँच कर कानून के अनुसार उचित कार्रवाई करे। उम्मीदवारों की अयोग्यता सहित मामले में समय पर पारदर्शी कार्रवाई करे, जो भविष्य में इस तरह के कदाचार को हतोत्साहित करने के लिये एक मज़बूत संदेश के रूप में काम करेगी।

और पढ़ें…आदर्श आचार संहिता, भारत निर्वाचन आयोग


close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2