शासन व्यवस्था
सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का मसौदा जारी
चर्चा में क्यों?
सरकार ने सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) अधिनियम के प्रस्तावित संशोधनों जो व्हाट्सएप, फेसबुक और ट्विटर जैसे प्लेटफार्मों पर ‘गैरकानूनी’ जानकारी उपलब्ध कराने वाले ‘प्रवर्तक’ का पता लगाने और ऐसी सूचनाएँ अधिसूचित होने के 24 घंटे बाद इस तरह की सामग्री को हटाना अनिवार्य करते हैं, का मसौदा जारी किया है।
- उल्लेखनीय है कि फेक न्यूज/व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया साइटों के जरिये फैलाई गई अफवाहों के कारण 2018 में मॉब लिंचिंग की अनेक घटनाएँ हुईं।
- यह मसौदा सर्वोच्च न्यायालय के उस आदेश के बाद आया है जिसमें सरकार को गूगल, फेसबुक, यूट्यूब और व्हाट्सएप जैसे सोशल मीडिया मंचों के जरिये चाइल्ड पोर्नोग्राफी, बलात्कार और सामूहिक बलात्कार जैसे यौन दुर्व्यवहार संबंधी ऑनलाइन सामग्री के प्रकाशन और इनके प्रसार से निपटने के लिये दिशा-निर्देश या मानक संचालन प्रक्रिया (Standard Operating Procedure-SOP) तैयार करने के लिये मंज़ूरी दी गई थी।
सूचना प्रौद्योगिकी कानून
- सूचना प्रौद्योगिकी कानून (आईटी कानून), 2000 को इलेक्ट्रोनिक लेन-देन को प्रोत्साहित करने, ई-कॉमर्स और ई-ट्रांजेक्शन के लिये कानूनी मान्यता प्रदान करने, ई-शासन को बढ़ावा देने, कंप्यूटर आधारित अपराधों को रोकने तथा सुरक्षा संबंधी कार्य प्रणाली और प्रक्रियाएँ सुनिश्चित करने के लिये अमल में लाया गया था।
- यह कानून 17 अक्तूबर, 2000 को लागू किया गया।
- सूचना प्रौद्योगिकी कानून के अनुच्छेद 79 में कुछ मामलों में मध्यवर्ती संस्थाओं को देनदारी से छूट के बारे में विस्तार से बताया गया है। अनुच्छेद 79(2)(c) में जिक्र किया गया है कि मध्यवर्ती संस्थाओं को अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए उचित तत्परता बरतनी चाहिये और साथ ही केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित अन्य दिशा-निर्देशों का भी पालन करना चाहिये। तद्नुसार सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिये दिशा-निर्देश) नियम, 2011 को अप्रैल-2011 में अधिसूचित किया गया।
2011 के नियमों के स्थान पर नए नियम
- सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 2011 में अधिसूचित नियमों के स्थान पर सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती संस्थानों के लिये दिशा-निर्देश) नियम, 2018 का मसौदा तैयार किया। जिस पर विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है।
- विभिन्न मंत्रालयों के बीच और उसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म/फेसबुक, गूगल, ट्विटर, याहू, वॉट्सएप और मध्यवर्ती संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले अन्य एसोसिएशनों जैसे इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (IAMAI), सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया (ISPAI) जैसे प्लेटफॉर्मों सहित अन्य साझेदारों के साथ विचार-विमर्श के बाद जनता से सुझाव आमंत्रित करने हेतु मसौदा जारी किया गया है।
सूचना प्रौद्योगिकी [मध्यवर्ती संस्थानों के लिये (संशोधन) दिशा-निर्देश] नियम, 2018 के अंतर्गत प्रमुख प्रावधान
केंद्र द्वारा तैयार किये SOP मसौदे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से गैरकानूनी सामग्री को हटाने के लिये निम्नलिखित प्रावधान हैं-
- सामग्री को हटाने के लिये सक्रिय निगरानी उपकरण स्थापित करना।
- गैरकानूनी सामग्री की पहचान कर उसको हटाने के लिये विश्वसनीय फ़्लैगर्स (flaggers) की तैनाती।
- कानून प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता के लिये 24X7 तंत्र स्थापित करना।
- पूरे भारत में संपर्क अधिकारियों की नियुक्ति करना।
- प्लेटफॉर्म पर गैरकानूनी सामग्री उपलब्ध कराने वाले को ट्रेस करने की सुविधा।
- साइबर सुरक्षा से संबंधी घटनाओं को भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम के साथ दर्ज करना।
- किसी भी सरकारी एजेंसी द्वारा मांगी गई जानकारी को 72 घंटे के भीतर उपलब्ध कराना।
संविधान के तहत नागरिकों को प्राप्त है बोलने तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
- सरकार भारत के संविधान में प्रदत्त अपने नागरिकों को बोलने और अभिव्यक्ति तथा निजता की आज़ादी देने के लिये प्रतिबद्ध है। इसलिये सरकार अभी तक सोशल नेटवर्क प्लेटफॉर्म पर प्रकाशित होने वाली सामग्री को नियंत्रित नहीं करती।
- हालाँकि सूचना प्रौद्योगिकी कानून, 2000 में अधिसूचित नियम के अनुसार, सोशल नेटवर्क प्लेटफार्म को यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उनके मंच का इस्तेमाल आतंकवाद, उग्रवाद, हिंसा और अपराध के लिये नहीं किया जाता है।
सोशल मीडिया का दुरुपयोग एक बड़ी चुनौती
- अपराधियों और राष्ट्र विरोधी तत्त्वों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग के मामलों ने कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने नई चुनौतियाँ खड़ी कर दी हैं।
- सोशल मीडिया के दुरुपयोग में आतंकवादियों की भर्ती के लिये प्रलोभन, अश्लील सामग्री का प्रसार, वैमनस्य फैलाना, हिंसा भड़काना, फेक न्यूज़ आदि शामिल हैं।
स्रोत : पी.आई.बी एवं द हिंदू
सामाजिक न्याय
30 मिलियन नवजात शिशुओं को मदद की ज़रूरत
संदर्भ
हाल ही में UNICEF और WHO द्वारा संयुक्त रूप से किये गए एक अध्ययन, ‘सर्वाइव एंड थ्राइव: ट्रांसफॉर्मिंग केयर फॉर एवरी स्माल एंड सिक न्यूबोर्न (Survive and thrive: Transforming care for every small and sick newborn)’ की रिपोर्ट में यह कहा गया है कि प्रतिवर्ष लगभग 30 मिलियन नवजात शिशुओं को अस्पतालों में खास देखभाल की ज़रूरत है। इस देखभाल के बिना उनमें से ज़्यादातर शिशुओं की या तो मृत्यु हो जाती है या पूरी ज़िंदगी के लिये उन्हें विकलांगता जैसे अभिशाप से जूझना पड़ता है।
भारत की स्थिति
- यूनिसेफ द्वारा पूर्व में कराए गए एक अध्ययन के अनुसार, भारत में जन्म लेने वाले प्रति 1,000 शिशुओं में से 25.4 की मृत्यु हो जाती है। भारत में प्रतिवर्ष 6.4 लाख नवजात शिशुओं की मृत्यु होती है।
वैश्विक स्थिति
- रिपोर्ट में यह बताया गया है कि वर्ष 2017 में जन्म से 28 दिनों के अंदर लगभग 2.5 मिलियन नवजात शिशुओं की मृत्यु हो गई, जिनमें से लगभग 80% शिशुओं का वज़न कम था और 65% शिशु प्रीमेच्योर (समय से पूर्व) पैदा हुए थे।
- इसके अलावा, 1.5 मिलियन छोटे और बीमार नवजात शिशु जीवित तो बच जाते हैं लेकिन पूरी जिंदगी परेशान करने वाली बीमारियों जैसे- मस्तिष्क पक्षाघात (Cerebral Palsy) से पीड़ित रहते हैं।
सतत् विकास लक्ष्य का एक हिस्सा
- सतत् विकास लक्ष्य (SDG) के एक हिस्से के रूप में दुनिया के सभी देशों के सामने यह चुनौती है कि 2030 तक जन्म लेने वाले प्रति 1,000 शिशुओं में मृत्यु दर को 12 या उससे नीचे लाएँ।
- यह लक्ष्य प्राप्त करने के लिये दुनिया के सभी देशों को प्रत्येक गर्भवती महिला और प्रत्येक नवजात को बिना किसी भेदभाव (सामाजिक, आर्थिक) के जन्म से पहले और बाद में उच्च-गुणवत्ता वाली सस्ती सेवाएँ उपलब्ध करानी होंगी।
सतत् विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goals)
- अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने संयुक्त राष्ट्र के माध्यम से 17 सतत् विकास लक्ष्यों (SDG) की ऐतिहासिक योजना शुरू की है जिसका उद्देश्य वर्ष 2030 तक अधिक संपन्न, अधिक समतावादी और अधिक संरक्षित विश्व की रचना करना है।
- ये लक्ष्य विभिन्न सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से संबंधित है तथा इनमें विकास के आर्थिक, सामाजिक एवं पर्यावरणीय आयामों को शामिल किया गया हैं।
- 17 सतत् विकास लक्ष्य और 169 उद्देश्य सतत् विकास के लिये 2030 एजेंडा के अंग हैं जिसे सितम्बर, 2015 में संयुक्त राष्ट्रमहासभा की शिखर बैठक में 193 सदस्य देशों ने अनुमोदित किया था।
- यह एजेंडा पहली जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ है। इन लक्ष्यों को निर्धारित करने के लिये हुई अभूतपूर्व परामर्श प्रक्रिया में राष्ट्रीय सरकारों और दुनिया भर के लाखों नागरिकों ने मिलकर बातचीत की और अगले 15 वर्ष के लिये सतत् विकास हासिल करने का वैश्विक मार्ग अपनाया।
- विश्व अभी सतत् विकास लक्ष्य (SDG) युग के तीसरे वर्ष (2016 में शुरुआत के बाद) में है।
रिपोर्ट में प्रस्तावित सिफारिशें
- इस रिपोर्ट में दुनिया के सभी देशों से आग्रह किया गया है कि वे सुभेद्य नवजात शिशुओं- छोटे और बीमार की मृत्यु को रोकने के लिये स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेश करें।
- इस रिपोर्ट ने इस बात पर भी ज़ोर दिया है कि शिशुओं की गुणवत्तापूर्ण देखभाल वैश्विक स्तर पर होने वाली नवजात शिशुओं की मृत्यु को रोक सकती है।
- निम्न और मध्यम आय वाले देश 2030 तक हर तीन नवजात मौतों में से दो को रोक सकते हैं यदि वे अपने निवेश को प्रति व्यक्ति 0.20 डॉलर से बढ़ा दें।
स्रोत- द हिंदू
शासन व्यवस्था
सभी बिजली मीटरों को ‘स्मार्ट प्रीपेड’ बनाने की योजना
भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय ने 01 अप्रैल, 2019 से शुरू करके अगले 3 वर्षों में सभी मीटरों को ‘स्मार्ट प्रीपेड’ बनाने की योजना बनाई है।
योजना के लाभ
इस कदम से विद्युत क्षेत्र में क्रांति आने की संभावना है। कुल तकनीकी एवं वाणिज्यिक (All Technical and commercial- AT&C) हानियों में कमी होने, विद्युत वितरण कंपनियों (Distribution Companies- DISCOMs) की वित्तीय स्थिति सुधरने, ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलने, बिल अदायगी में सुविधा होने और कागजों पर लिखित बिल उपलब्ध कराने की व्यवस्था समाप्त हो जाने से ही इस क्षेत्र में क्रांति संभव हो पाएगी।
- स्मार्ट मीटरों की ओर उठाया जा रहा कदम दरअसल गरीब अनुकूल कदम है क्योंकि इसके लागू होने से उपभोक्ताओं को पूरे महीने का बिल एक ही बार में अदा करने की आवश्यकता नहीं होगी। इसकी बजाय उपभोक्ता अपनी जरूरत के हिसाब से भुगतान कर सकते हैं।
- स्मार्ट प्रीपेड मीटरों का निर्माण करने से युवाओं के लिये कौशलपूर्ण रोज़गार भी सृजित होंगे।
- राज्य सरकारों ने इससे पहले ‘सभी के लिये बिजली’ दस्तावेज पर हस्ताक्षर किये थे और उन्होंने अपने-अपने उपभोक्ताओं को चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति करने पर सहमति जताई थी।
- अत: विद्युत वितरण के लाइसेंसधारक 01 अप्रैल, 2019 तक या उससे पहले ही अपने-अपने उपभोक्ताओं को चौबीसों घंटे बिजली मुहैया कराना शुरू कर देंगे।
- हालाँकि असाधारण या विशिष्ट परिस्थितियों में संबंधित आयोग इस समयावधि में कुछ रियायत दे सकता है। इसमें होने वाली देरी के कारणों को लिखित में दर्ज करना होगा।
स्रोत : पी.आई.बी
भारतीय अर्थव्यवस्था
बोगीबील सड़क-रेल पुल
संदर्भ
हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री ने असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने वाले देश के सबसे लंबे सड़क और रेल पुल का उद्घाटन किया है। गौरतलब है कि यह पुल ब्रह्मपुत्र नदी के ऊपर बनाया गया है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- बोगीबील असम के डिब्रूगढ़ को अरुणाचल प्रदेश के पासीघाट से जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा सड़क और रेल पुल है।
- इस पुल में सबसे ऊपर तीन लेन वाली एक सड़क है, जबकि उसके ठीक नीचे दोहरी रेल लाइन है। यह पुल ब्रह्मपुत्र के जलस्तर से 32 मीटर की ऊँचाई पर है।
- बोगीबील सड़क-रेल पुल का निर्माण 2002 में शुरू हुआ था। इस पुल को स्वीडन और डेनमार्क को जोड़ने वाले पुल की तर्ज़ पर बनाया गया है।
पुल की महत्ता
-
क्षेत्रीय सहयोग को बढ़ावा
♦ यह पुल असम के डिब्रूगढ़ से अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर तक की यात्रा को काफी कम कर देगा। यह पर्यटकों, व्यापार और चिकित्सा के लिये लाभकारी साबित होगा।
-
रक्षा क्षेत्र को सहयोग
♦ इस ब्रिज का सबसे बड़ा फायदा तो चीन सीमा पर तैनात हमारी सेना को होगा।
♦ यह पुल अरुणाचल प्रदेश की सीमा पर सशस्त्र बलों हेतु रसद की आपूर्ति में सहायता प्रदान करेगा।
♦ इस पुल को इतना मज़बूत बनाया गया है कि इससे सेना के टैंक भी निकल सकेंगे और हवाई मार्ग पर होने वाला खर्च बचेगा।
-
अंतर्राष्ट्रीय संबंधो का सुदृढ़ीकरण
♦ यह पुल अंतर्राष्ट्रीय संपर्क के साथ-साथ इंट्रा-नॉर्थ-ईस्ट कनेक्टिविटी और ट्रांसनेशनल लिंकेज के साथ अन्य क्षेत्रों में भी अभूतपूर्व अवसर खोलगा।
विविध
Rapid Fire 27 December
- 25 दिसंबर: सुशासन दिवस; पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में मनाया जाता है स्वशासन दिवस; पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन सुनिश्चित करना है सुशासन दिवस का उद्देश्य; इसके अलावा सरकार की प्रतिबद्धताओं से आम जनता को अवगत कराना भी सुशासन दिवस के लक्ष्यों में है शामिल; 2014 में हुई थी सुशासन दिवस मनाने की शुरुआत
- देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर 23 दिसंबर को मनाया गया ‘किसान दिवस’; 2001 में सरकार ने 23 दिसंबर को बतौर किसान दिवस मनाने की घोषणा की थी; देश के पाँचवें प्रधानमंत्री थे चौधरी चरण सिंह; 28 जुलाई, 1979 से 14 जनवरी, 1980 तक रहा उनका कार्यकाल
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 दिसंबर को किया देश के सबसे लंबे रेल-सड़क पुल का उद्घाटन; असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगीबील में बना 4.94 किलोमीटर लंबा यह पुल सामरिक दृष्टि से भी महत्त्वपूर्ण है; 1997-98 में अनुशंसित किया गया यह पुल असम समझौते का हिस्सा रहा है; यह पुल भारतीय सेना के लिये सीमा तक आवागमन में मदद करेगा; असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तट के बीच संपर्क की सुविधा प्रदान करेगा बोगीबील पुल; असम में डिब्रूगढ़ शहर से 17 किमी. दूर बने इस पुल में तीन लेन की सड़कें और दोहरा ब्रॉड गेज ट्रैक है
- विजया और देना बैंकों के बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय की तैयारी; अनिवार्य प्रक्रिया के तहत विलय योजना को संसद में प्रस्तुत किया जाएगा; सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में और पूंजी डालने के लिये कोष उपलब्ध करा रही है; पिछले साल सरकार ने भारतीय स्टेट बैंक में उसके पाँच सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय किया था; इसके बाद दुनिया के शीर्ष 50 बैंकों में शामिल हो गया स्टेट बैंक
- तमिलनाडु के तिरुवाइयरू में केंद्र सरकार की सहायता से स्थापित होगा देश का पहला संगीत संग्रहालय; कर्नाटक संगीत के धुरंधर माने जाने वाले संत त्यागराज का जन्म स्थान है तिरुवाइयरू
- केंद्रीय विद्युत मंत्रालय 1 अप्रैल 2019 से देश में बिजली के सभी मीटरों को स्मार्ट मीटर में बदलने की करेगा शुरुआत; 3 वर्षों में पूरा किया जाएगा यह काम; सभी राज्य सरकारें ‘सभी के लिये बिजली’ दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर चुकी हैं; इसके तहत अपने उपभोक्ताओं को 24 घंटे विद्युत आपूर्ति करने पर जताई थी सहमति; स्मार्ट मीटरों से उपभोक्ताओं को एक ही बार में पूरे महीने के बिल की अदायगी नहीं करनी पड़ती; वे अपनी ज़रूरतों के हिसाब से भुगतान कर सकते हैं; इससे बिल अदायगी में सुविधा होगी और कागज़ों में बिल उपलब्ध कराने की व्यवस्था समाप्त हो जाएगी
- ईरान स्थित चाबहार बंदरगाह पर भारत को मिला कामकाज का नियंत्रण; भारतीय कंपनी इंडिया पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड के कार्यालय ने शाहिद बहिश्ती बंदरगाह पर काम करना शुरू कर दिया; कंपनी को यह बंदरगाह फिलहाल 18 महीने के लिये लीज़ पर दिया गया है, जिसे बाद में 10 वर्ष के लिये आगे बढ़ा दिया जाएगा; चाबहार में 24 दिसंबर को ईरान-भारत और अफगानिस्तान के बीच हुई अधिकारी स्तर की त्रिपक्षीय बैठक में जल्द ही त्रिपक्षीय ट्रांजिट समझौते को भी लागू करने पर बनी सहमति; तीनों देश इसके लिये ट्रांजिट, सड़क, सीमा-शुल्क आदि मुद्दों पर तालमेल कर प्रोटोकॉल को अंतिम रूप देने पर हुए सहमत
- ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स के शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए एक अध्ययन के अनुसार जलवायु परिवर्तन की वज़ह से वैश्विक जलापूर्ति में आ रही है कमी; 160 देशों के 43 हज़ार वर्षा केंद्रों और 5300 नदी निगरानी स्थलों के आँकड़ों का विश्लेषण करके निकला गया है यह निष्कर्ष; जलग्रहण क्षेत्र में मिट्टी में नमी कम होने की वज़ह से नदियों में पानी कम जाता है, क्योंकि अधिकांश पानी मिट्टी सोख लेती है
- अमेरिका में पैट्रिक शनाहन को नया रक्षा सचिव नियुक्त किया गया; सीरिया से सेना वापस बुलाने के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले के विरोध में वर्तमान रक्षा सचिव जेम्स मैटिस ने दे दिया है इस्तीफा; इससे पहले उप रक्षा सचिव रह चुके पैट्रिक शनाहन 1 जनवरी को संभालेंगे पदभार
- बुरुंडी की सरकार ने गितेगा (Gitega) को अपनी नई राजधानी घोषित किया है; बुरुंडी एक अल्प-विकसित अफ्रीकी देश है, जिसके पूर्व और दक्षिण में तंज़ानिया, उत्तर में रवांडा और पश्चिम में कांगो है; इससे पहले तांगानिका झील के किनारे स्थित बुजुम्बरा थी बुरुंडी की राजधानी; अब कॉमर्शियल कैपिटल के तौर पर काम करेगी बुजुम्बरा
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच 26 दिसंबर को शुरू हुआ तीसरा टेस्ट मैच; ऑस्ट्रेलिया में किसी भी क्रिकेट टीम के दौरे में मेलबोर्न क्रिकेट ग्राउंड पर 26 दिसंबर से शुरू होने वाले टेस्ट मैच को कहा जाता है ‘बॉक्सिंग-डे टेस्ट’; क्रिसमस के अगले दिन को कहा जाता है बॉक्सिंग-डे; ब्रिटेन, कनाडा, न्यूज़ीलैंड और ऑस्ट्रेलिया में बॉक्सिंग-डे के दिन होता है सार्वजनिक अवकाश
- रियल मैड्रिड ने UAE के क्लब अल ऐन को 4-1 से हराकर लगातार तीसरी बार और रिकॉर्ड चौथी बार क्लब वर्ल्ड कप का खिताब जीता; अबू धाबी के जायद स्पोर्ट्स सिटी में खेले गए इस मैच में बैलन डी’ओर (Ballon d'Or) पुरस्कार विजेता लुका मोड्रिच ने बेहतरीन खेल का प्रदर्शन किया; यूरोपीय चैंपियन रियल मैड्रिड ने सातवीं बार क्लब विश्व कप खिताब जीता है; सेमीफाइनल में हैट्रिक लगाने वाले फॉरवर्ड खिलाड़ी गैरेथ बेल को टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया
प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 26 दिसंबर, 2018
सदैव अटल (Sadaiv Atal)
‘सदैव अटल’ भारत रत्न भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का समाधि स्थल है। 25 दिसंबर, 2018 को इसे राष्ट्र को समर्पित किया गया ।
- यह समाधि एक कवि, मानवतावादी राजनेता और एक महान नेता के रूप में उनके व्यक्तित्व को दर्शाती है।
- इस समाधि को विकसित करने की पहल अटल स्मृति न्यास सोसायटी ने की थी।
- यह सोसायटी प्रख्यात व्यक्तियों द्वारा गठित की गई है तथा 1860 के सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत है। समाधि के निर्माण का पूरा खर्च ‘अटल स्मृति न्यास सोसाइटी’ ने उठाया है।
- समाधि के लिये सरकार ने राजघाट के पास भूमि उपलब्ध करवाई गई है। समाधि के लिये निर्धारित यह भूमि सरकार की ही रहेगी।
- समाधि के निर्माण में देश के विभिन्न हिस्सों से लाए गए पत्थरों का उपयोग किया गया है।
- मुख्य समाधि का पत्थर खम्मम, तेलंगाना की सबसे अच्छी खदानों से प्राप्त मोनोलिथिक जेड ब्लैक पत्थर है।
- परिक्रमा क्षेत्र में सफेद मिश्रित टाइलें लगाई गई हैं, जो धूप में गर्म नहीं होती हैं।
- समाधि के केंद्र में बनाया गया दीया, खम्मम से प्राप्त लैदर फिनिश काले ग्रेनाइट पत्थर से बना है। दीये की लौ क्रिस्टल में बनाई गई हैं जिसमें LED लाइटें लगी हैं।
- इस समाधि का निर्माण कार्य केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) ने 10.51 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया है।
बदल सकता है अंडमान-निकोबार के तीन द्वीपों का नाम
केंद्र सरकार ने अंडमान और निकोबार में तीन द्वीपों का नाम बदलने का फैसला किया है।
- केंद्र सरकार द्वारा किये गए नवीनतम फैसले के अनुसार, रॉस द्वीप (Ross Island) को नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वीप, नील द्वीप (Neil Island) को शहीद द्वीप और हैवलॉक द्वीप (Havelock Island) स्वराज द्वीप किया जा सकता है।
- प्रधानमंत्री 30 दिसंबर को पोर्ट ब्लेयर का दौरा करने के दौरान नाम परिवर्तन की घोषणा कर सकते हैं।
- उल्लेखनीय है कि नवंबर 2018 में यह मांग की गई थी कि सुभाष चंद्र बोस को श्रद्धांजलि के रूप में अंडमान और निकोबार द्वीप का नाम बदलकर 'शहीद और स्वराज द्वीप' किया जाए।