शासन व्यवस्था
ऑनलाइन बिक्री हेतु कड़े किये गए नियम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में केंद्र सरकार ने कहा है कि ई-कॉमर्स कंपनियों (e-commerce companies) को उन फर्मों से उत्पाद बेचने पर रोक लगाईं जाएगी जिनमें उनकी ‘हिस्सेदारी’ या उन पर ‘नियंत्रण’ है।
मंत्रालय का रुख?
- वाणिज्य मंत्रालय (Ministry of Commerce) ने समेकित एफडीआई नीति परिपत्र 2017 (Consolidated FDI Policy Circular 2017) के संबंध में इसे एक स्पष्टीकरण के रूप में जारी किया है। यह स्पष्टीकरण पहले की नीति में खामियों को दूर करने पर लक्षित है।
- वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ई-कॉमर्स के ‘मार्केटप्लेस मॉडल (marketplace model)’ में स्वचालित प्रक्रिया के तहत 100% एफडीआई की अनुमति है। ई-कॉमर्स के ‘इन्वेंट्री-आधारित मॉडल (inventory-based model)’ में FDI की अनुमति नहीं है।
नियंत्रण से तात्पर्य
-
‘इन्वेंट्री-आधारित मॉडल’
♦ किसी भी ई-कॉमर्स को ‘इन्वेंट्री-आधारित मॉडल’ तब कहा जाता है जब उपभोक्ताओं को बेची जाने वाली ‘वस्तु एवं सेवा’ पर ई-कॉमर्स इकाई का ही स्वामित्व हो।
-
‘मार्केटप्लेस मॉडल’
♦ किसी भी ई-कॉमर्स को ‘मार्केटप्लेस मॉडल’ तब कहा जाता है जब कोई ई-कॉमर्स कंपनी खरीदार और विक्रेता के बीच एक सुविधा प्रदाता (Service Provider) के रूप में मात्र एक सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) प्लेटफॉर्म प्रदान करती है।
- मंत्रालय का रुख उक्त परिभाषाओं से ही स्पष्ट हो जाता है। मंत्रालय के अनुसार, मार्केटप्लेस उपलब्ध कराने वाली ई-कॉमर्स इकाई बेचे जानी वाली किसी भी वस्तु या सेवा पर स्वामित्व या नियंत्रण कायम नहीं करेगी।
- इन्वेंट्री पर इस तरह का स्वामित्व या नियंत्रण ‘मार्केटप्लेस मॉडल’ को इन्वेंट्री-आधारित मॉडल व्यापार के रूप में संदर्भित करेगा।
- यदि किसी विक्रेता की 25% से अधिक बिक्री ‘ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस’ इकाई विशिष्ट या उस समूह की अन्य कंपनियों से हो रही हो तो उस विक्रेता की इन्वेंट्री को ‘ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस’ इकाई विशिष्ट द्वारा नियंत्रित माना जाएगा ।
मंत्रालय के निर्देश
- मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत स्पष्टीकरण में यह भी कहा गया है कि एक ‘ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस’ किसी भी विक्रेता को अपने प्लेटफॉर्म पर किसी भी उत्पाद को बेचने के लिये मजबूर नहीं करेगा।
- ‘ई-कॉमर्स मार्केटप्लेस इकाई’ को हर साल 30 सितंबर तक वैधानिक लेखा परीक्षक (statutory auditor) की रिपोर्ट के साथ एक प्रमाण पत्र भारतीय रिज़र्व बैंक को प्रस्तुत करना आवश्यक होगा, जिसमें सभी दिशा-निर्देशों के अनुपालन की पुष्टि होगी।
स्रोत-द हिंदू
विविध
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स- 2018
चर्चा में क्यों?
हाल ही में रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (Reporters Without Borders) द्वारा जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स (World Press Freedom Index) में भारत को 138वाँ स्थान प्राप्त हुआ है।
वैश्विक परिदृश्य
- इस वर्ष कुल 80 पत्रकारों की हत्या हुई है, 348 इस समय जेल में कैद हैं और 60 को बंधक बनाकर रखा गया है जो पूरी दुनिया में मीडिया कर्मियों के प्रति शत्रुता के उच्च स्तर को दर्शाता है।
- मारे गए 80 पत्रकारों में से 63 पेशेवर पत्रकार थे, जबकि 13 गैर-पेशेवर पत्रकार और 4 मीडिया कर्मचारी थे।
- 49 पत्रकारों की या तो हत्या हुई या उन्हें जान-बूझकर निशाना बनाया गया, जबकि 31 पत्रकार रिपोर्टिंग के दौरान मारे गए।
- मारे गए सभी 80 पत्रकारों में 77 पुरुष पत्रकार तथा 3 महिला पत्रकार शामिल थीं।
- पिछले 10 सालों में कुल मिलाकर 702 पत्रकार मारे जा चुके हैं।
- प्रतिवर्ष पत्रकारों की मौत से संबंधित आँकड़े इस प्रकार हैं-
पत्रकारों के लिये सबसे खतरनाक देश
पत्रकारों के लिये सबसे खतरनाक देशों की सूची में शामिल हैं-
- अफगानिस्तान (15)
- सीरिया (11)
- मेक्सिको (9)
- यमन (8)
- भारत और अमेरिका (प्रत्येक में 6)
जेलों में कैद पत्रकार
- पूरी दुनिया के जेलों में कैद पत्रकारों की कुल संख्या 348 है। इनमें 179 पेशेवर पत्रकार, 150 गैर-पेशेवर पत्रकार तथा 19 मीडियाकर्मी शामिल हैं। यदि जेलों में कैद पुरुष और महिला पत्रकारों की बात की जाए तो इन कैदियों में 324 पुरुष और 24 महिला पत्रकार शामिल हैं।
- 2017 की तरह इस वर्ष भी जेल में कैद पत्रकारों की कुल संख्या में से आधे से अधिक पत्रकार केवल पाँच देशों की जेलों में हैं। ये देश हैं-
- चीन (60)
- मिस्र (38)
- तुर्की (33)
- ईरान (28)
- सऊदी अरब (28)
बंधक पत्रकार
- वर्तमान में पूरी दुनिया में 60 पत्रकारों को बंधक बनाकर रखा गया है। इनमें 45 पेशेवर पत्रकार, 9 गैर-पेशेवर पत्रकार और 6 मीडिया कर्मचारी शामिल हैं।
- बंधक बनाए गए कुल पत्रकारों में से 98% पत्रकारों को मध्य-पूर्व के देशों में, जबकि 2% को शेष विश्व में बंधक बनाया गया है।
- बंधक बनाए जाने वाले पत्रकारों में से 59 को मध्यपूर्वी देशों- सीरिया (31), यमन (17) और ईराक (11) में बंधक बनाया गया है, जबकि 1 पत्रकार को यूक्रेन में बंधक बनाया गया है।
प्रेस को स्वतंत्रता प्रदान करने वाले शीर्ष 10 देश और उनका स्कोर
रैंकिंग | देश | स्कोर |
1. | नॉर्वे | 7.63 |
2. | स्वीडन | 8.31 |
3. | नीदरलैंड | 10.01 |
4. | फिनलैंड | 10.26 |
5. | स्विट्ज़रलैंड | 11.27 |
6. | जमैका | 11.33 |
7. | बेल्जियम | 13.16 |
8. | न्यूज़ीलैंड | 13.62 |
9. | डेनमार्क | 13.99 |
10. | कोस्टा रिका | 14.01 |
भारतीय परिदृश्य
- भारत को इस सूचकांक में 43.24 अंकों के साथ 138वाँ स्थान हासिल हुआ है जबकि वर्ष 2017 में भारत इस सूचकांक में 136वें स्थान पर था।
- इस वर्ष देश में कुल 6 पत्रकारों की हत्या हुई है।
रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स
- रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स (RSF) एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी, गैर-लाभकारी संगठन है, जो सार्वजनिक हित में संयुक्त राष्ट्र, यूनेस्को, यूरोपीय परिषद, फ्रैंकोफोनी के अंतर्राष्ट्रीय संगठन और मानव अधिकारों पर अफ्रीकी आयोग के साथ सलाहकार की भूमिका निभाता है।
मुख्यालय
- इसका मुख्यालय पेरिस में है।
वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स
- RSF द्वारा जारी वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स का प्रथम संस्करण वर्ष 2002 में प्रकाशित किया गया।
- इस सूचकांक में पत्रकारों के लिये उपलब्ध स्वतंत्रता के स्तर के आधार पर 180 देशों की रैंकिंग की जाती है।
- प्रेस की स्वतंत्रता से संबंधित मानचित्र, सूचकांक में प्रत्येक देश की स्थिति का दृश्य अवलोकन प्रदान करता है। इस मानचित्र में अलग-अलग श्रेणियों के लिये सफेद, पीले, नारंगी, लाल और काले रंगों का प्रयोग किया गया है-
♦ अच्छी स्थिति लिये- सफेद
♦ ठीक-ठाक स्थिति के लिये- पीला
♦ समस्या ग्रस्त देशों के लिये- नारंगी
♦ खराब स्थिति वाले देशों के लिये- लाल
♦ बहुतखराब स्थिति वाले देशों के लिये- काला
स्रोत : रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स वेबसाइट
अंतर्राष्ट्रीय संबंध
जापान फिर से शुरू करेगा व्हेल का वाणिज्यिक शिकार
चर्चा में क्यों?
हाल ही में जापान ने अंतर्राष्ट्रीय व्हेलिंग आयोग (International Whalling Commission- IWC) की सदस्यता छोड़कर फिर से व्हेल का वाणिज्यिक शिकार शुरू करने की घोषणा की है।
जापान द्वारा IWC की सदस्यता त्यागने का कारण
- इससे पहले भी जापान ने कई बार इस निकाय से बाहर निकलने की धमकी दी थी और जानवरों के शिकार पर प्रतिबंध लगाने वाली संधि का हस्ताक्षरकर्त्ता होने के बावजूद ‘वैज्ञानिक अनुसंधान’ के लिये एक वर्ष में सैकड़ों व्हेल पकड़ने के कारण नियमित रूप से इसकी आलोचना की जाती रही है।
- जापान ने IWC से मांग की थी कि उसे व्हेल का वाणिज्यिक शिकार फिर से शुरू करने की अनुमति दी जाए लेकिन जापान की इस मांग को व्हेल के शिकार का विरोध करने वाले देशों जिनमें ऑस्ट्रेलिया, यूरोपीय संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं, के विरोध के चलते स्वीकार नहीं किया गया।
- जापान आधिकारिक तौर पर इस वर्ष के अंत तक अपने फैसले के बारे में IWC को सूचित करेगा, जिसका तात्पर्य यह है कि जापान द्वारा इस आयोग की सदस्यता छोड़ने का फैसला 30 जून, 2019 तक लागू हो सकेगा।
IWC की सदस्यता त्यागने के मायने
- उल्लेखनीय है कि व्हेल का वाणिज्यिक शिकार जापान के क्षेत्रीय जल और विशेष आर्थिक क्षेत्रों तक सीमित होगा। वह अंटार्कटिक या दक्षिणी गोलार्द्ध में शिकार नहीं करेगा।
- IWC की सदस्यता छोड़ने का मतलब है कि जापान आइसलैंड और नॉर्वे जैसे देशों में शामिल हो जाएगा जो व्हेल के वाणिज्यिक शिकार पर IWC द्वारा लगाए गए प्रतिबंध का खुले तौर पर विरोध करते है।
- IWC की सदस्यता छोड़ने का तात्पर्य यह है कि IWC द्वारा वर्तमान में संरक्षित मिंक और अन्य व्हेल का जापान के तटीय क्षेत्रों में फिर से शिकार किया जा सकेगा।
- लेकिन जापान अंटार्कटिक में अपने तथाकथित वैज्ञानिक अनुसंधान हेतु किये जाने वाले शिकार को जारी रखने में सक्षम नहीं होगा क्योंकि इसे यह अनुसंधान जारी रखने की अनुमति अंटार्कटिक संधि के तहत IWC का सदस्य होने के कारण दी गई है।
सदस्यता त्यागने के पीछे जापान का तर्क
- जापान ने सदियों से व्हेलों का शिकार किया है और द्वितीय विश्व के बाद जब यह देश बेहद गरीबी की स्थिति का सामना कर रहा था उस समय माँस ही यहाँ के निवासियों के लिये प्रोटीन का महत्त्वपूर्ण स्रोत था।
- जापान का तर्क है कि व्हेलिंग जापान की परंपराओं का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है और IWC की सदस्यता त्यागने से मछुआरों को व्हेल का शिकार करने की अनुमति मिलेगी। इससे देश में व्हेल के वाणिज्यिक शिकार की संस्कृति को आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।
अंतर्राष्ट्रीय व्हेलिंग आयोग (International Whaling Commission- IWC)
- अंतर्राष्ट्रीय व्हेलिंग आयोग (IWC) एक वैश्विक निकाय है जिसे व्हेल के संरक्षण और शिकार संबंधी प्रबंधन का अधिकार प्राप्त है।
- IWC के सभी सदस्य व्हेलिंग के विनियमन पर अंतर्राष्ट्रीय अभिसमय के (International Convention for the Regulation of Whaling) के हस्ताक्षरकर्त्ता हैं।
- यह अभिसमय एक प्रकार का कानूनी तंत्र है जिसके अंतर्गत वर्ष 1946 में IWC की स्थापना की गई थी।
IWC के सदस्य
- वर्तमान में IWC के सदस्य देशों की संख्या 89 है।
अंटार्कटिक संधि (Antarctic Treaty)
- अंटार्कटिक संधि को वाशिंगटन संधि के नाम से भी जाना जाता है।
- इस संधि पर आरम्भ में 12 देशों- अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, चिली, फ्राँस, जापान, न्यूज़ीलैंड, नॉर्वे, दक्षिण अफ्रीका, तत्कालीन सोवियत संघ, युनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका ने वाशिंगटन में हस्ताक्षर किये।
- बाद में 27 अन्य देशों ने इस संधि को स्वीकार किया और 23 जून, 1961 को यह संधि प्रभाव में आई।
स्रोत : द हिंदू एवं IWC वेबसाइट
शासन व्यवस्था
पुलिस स्टेशनों और न्यायालयों को एकीकृत करने के लिये पायलट प्रोजेक्ट
चर्चा में क्यों?
सर्वोच्च न्यायालय के एक पैनल ने तेलंगाना के वारंगल ज़िले में आपराधिक न्याय वितरण प्रणाली के दो महत्त्वपूर्ण स्तंभों- अदालतों और पुलिस स्टेशनों को एकीकृत करने के लिये एक पायलट परियोजना शुरू की है।
प्रमुख बिंदु
- शीर्ष अदालत की ई-कमेटी की एक पहल, इंटर-ऑपरेबल क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम (Inter-operable Criminal Justice System- ICJS) सभी आपराधिक अदालतों और पुलिस स्टेशनों के बीच डेटा के लाइव आदान-प्रदान को संभव बनाने का प्रयास करती है।
- जस्टिस एम.बी. लोकुर, सर्वोच्च न्यायालय की ई-कमेटी के प्रमुख हैं और ICJS के अध्यक्ष भी हैं।
- यह परियोजना सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के साथ संरेखित है और ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देगी।
- यह प्रथम सूचना रिपोर्ट (First Information Reports-FIR) और चार्जशीट दायर करने जैसी कागज़ी कार्रवाई और दस्तावेज़ी सबूतों के काम को पूरा करने में लगने वाले समय को बचाने में मदद करेगी।
- जाँच अधिकारियों के लिये अदालती कार्रवाई की ट्रैकिंग आसान हो जाएगी।
- इसके अगले चरण में ICJS डेटा साझाकरण को अन्य राज्यों में विस्तारित करना और इसे जेलों, फोरेंसिक केंद्रों, अभियोजन प्रणालियों तथा किशोर गृहों तक विस्तारित करना शामिल हैं।
- ई-न्यायालय परियोजना का उद्देश्य देश भर में ज़िला और अधीनस्थ अदालतों का कंप्यूटरीकरण है।
- यह कार्यान्वयन के अंतिम चरण में पहुँच गया है। इसमें 16,755 ज़िला अदालतों को शामिल किया गया है। परियोजना के तहत ई-सम्मन, वकीलों और वादियों को SMS अलर्ट तथा ई-फाइलिंग जैसी कई इलेक्ट्रॉनिक सेवाएँ शुरू की गई हैं।
- नेशनल न्यायिक डाटा ग्रिड (National Judicial Data Grid) 100 मिलियन से अधिक मामलों की एक गतिशील रिपॉज़िटरी की मेज़बानी करता है।
राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड (National Judicial Data Grid-NJDG)
- राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड ई-न्यायालय एकीकृत मिशन मोड परियोजना का अंग है। ई-न्यायालय राष्ट्रीय पोर्टल (ecourts.gov.in) की शुरुआत अगस्त 2013 में की गई थी।
- तब से अब तक 2852 से अधिक ज़िला और तालुका कोर्ट कॉम्प्लेक्स ने NJDG पोर्टल पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है।
- NJDG मामलों की पहचान करने, प्रबंधन एवं लंबित होने की अवधि को कम करने के लिये निगरानी के साधन के रूप में कार्य करता है।
- NJDG ने विशेष रूप से भारत को वर्ल्ड बैंक की ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार करने में मदद की है।
स्रोत : हिंदुस्तान टाइम्
विविध
Rapid Fire करेंट अफेयर्स (27 December)
- केंद्र सरकार ने जारी किया आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के लिये अलग-अलग हाई कोर्ट का नोटिफिकेशन; फिलहाल काम कर रहे संयुक्त हाई कोर्ट में कार्यरत न्यायाधीशों को दोनों राज्यों में किया गया आवंटित; आंध्र प्रदेश को 16 और तेलंगाना को मिलेंगे 10 न्यायाधीश; 1 जनवरी से अलग-अलग काम करेंगे दोनों राज्यों के हाई कोर्ट; आंध्र प्रदेश का अलग हाई कोर्ट अमरावती में काम शुरू करेगा; यह देश का 25वाँ हाई कोर्ट होगा
- खाद्य सुरक्षा नियामक यानी फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने शुरू किया ‘प्रोजेक्ट धूप’; इसके तहत स्कूलों को मॉर्निंग असेंबली सुबह 11 बजे से दोपहर 1 बजे के बीच शिफ्ट करने की दी गई है सलाह; देश के विभिन्न शहरों में कराए गए एक अध्ययन से पता चला है कि 90% विद्यार्थियों में थी विटामिन-D की कमी; FSAAI ने NCERT, नई दिल्ली म्यूनिसिपल काउंसिल और नॉर्थ MCD स्कूलों के साथ मिलकर तैयार किया है ‘प्रोजेक्ट धूप'
- उत्तराखंड में शुरू हुई ‘अटल आयुष्मान योजना’; इस योजना में 60 साल से अधिक आयु के बुजुर्गों और 14 साल तक की आयु के बच्चों को सरकार निःशुल्क OPD की सुविधा देगी; राज्य सरकार की ओर से जारी पत्र और कोई भी ID लेकर जाने से तुरंत मिलेगा योजना का लाभ; इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाएगी; सूचीबद्ध अस्पतालों में योजना के तहत पहुँचने वाले मरीज़ों की सहायता के लिये ‘आरोग्य मित्र’ होंगे तैनात; राज्य के लगभग 23 लाख परिवार होंगे लाभान्वित
- रिज़र्व बैंक के आरक्षित कोष पर सुझाव देने के लिये रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर बिमल जालान की अध्यक्षता में बनाई गई समिति; रिज़र्व बैंक से उसकी आरक्षित पूंजी का एक हिस्सा सरकार को देने की मांग के बाद गठित की गई है यह समिति; रिज़र्व बैंक का कुल आरक्षित कोष 9.63 लाख करोड़ रुपए का है; सरकार इसमें से मांग रही है 3.6 लाख करोड़ रुपए
- सैन्य संबंधों को मज़बूत करने के लिये भारत और म्यांमार के सैन्य अधिकारियों ने की एक-दूसरे के देश की यात्रा; पूर्वी कमान से जुड़े थे म्यांमार गए भारतीय सैन्यकर्मी; दोनों देशों के बीच है 1643 किमी. लंबी भू-सीमा; देश के चार उत्तर-पूर्वी राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मणिपुर और मिज़ोरम से लगी हुई है यह सीमा; वीज़ा मुक्त आवागमन संधि के तहत दोनों देशों के नागरिक एक-दूसरे के देश की सीमा में 16 किमी. भीतर तक जा सकते हैं
- अंतर्राष्ट्रीय स्तर के भारतीय गोल्फर ज्योति रंधावा दुधवा टाइगर रिज़र्व के निकट कतरनिया घाट वन्यजीव प्रभाग में जंगली जानवरों का अवैध शिकार करने के आरोप में हुए गिरफ्तार; जंगल में किसी भी प्रकार के शिकार पर लगी है पाबंदी; दोषी पाए जाने पर 7 साल तक की जेल और 20 लाख रुपए तक जुर्माने का है प्रावधान; भारत-नेपाल सीमा पर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर-खीरी और बहराइच ज़िलों में फैला है दुधवा टाइगर रिज़र्व
- रूस ने किया हाइपरसोनिक न्यूक्लियर मिसाइल सिस्टम का सफल परीक्षण; राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मौज़ूदगी में रूस की स्ट्रेटेजिक मिसाइल फोर्स ने अवंगार्ड (Avangard) मिसाइल से सफलतापूर्वक लक्ष्य को भेदा; रूस के अनुसार अभेद्य (Invulnerable) है उसकी यह मिसाइल प्रणाली; इस प्रकार की मिसाइल का परीक्षण करने वाला विश्व का एकमात्र देश है रूस
- जापान ने छोड़ी इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन की सदस्यता; अब जापान में व्यावसायिक उद्देश्य से व्हेल का शिकार करना नहीं होगा गैर-कानूनी; जापान में वैज्ञानिक अनुसंधान के लिये व्हेल को मारने की पहले से ही थी इज़ाज़त; दुनियाभर में व्हेल के शिकार पर रोक लगाने के उद्देश्य से 1946 में किया गया था इंटरनेशनल व्हेलिंग कमीशन का गठन; 1986 में व्हेल की कुछ प्रजातियों के लगभग विलुप्त होने के बाद व्यावसायिक व्हेलिंग पर लगाया गया था प्रतिबंध; IUCN के अनुसार व्हेलों की संख्या 10 हज़ार से 25 हज़ार के बीच
- रेल संपर्क फिर से बहाल करने की तैयारी कर रहे हैं उतर और दक्षिण कोरिया; दोनों देशों ने रखी रेल-सड़क आधुनिकीकरण परियोजना की आधारशिला; 1950 से 1953 तक चले युद्ध के बाद अवरुद्ध हो गया था रेल संपर्क; निर्माण पूरा होने पर कोरियाई प्रायद्वीप को यूरोप से जोड़ने के लिये ट्रांस साइबेरियन रेलवे योजना की भी हो सकेगी शुरुआत; फिलहाल उत्तर कोरिया पर प्रतिबंधों के चलते इस परियोजना पर नहीं शुरू हो पाएगा वास्तविक निर्माण कार्य
- थाईलैंड की अंतरिम संसद ने मेडिकल उपयोग और शोध के लिये मारिजुआना के प्रयोग को दी अनुमति; दूसरी और तीसरी सुनवाई में पारित हुआ कानून रॉयल गैजेट में प्रकाशित होने पर हो जाएगा लागू; नशे के रूप में इसका प्रयोग अभी भी माना जाएगा गैर-कानूनी; ऐसा करने वाला दक्षिण-पूर्वी एशिया का पहला देश बना थाईलैंड; इसके अलावा इज़राइल ने भी मेडिकल उपयोग और शोध के लिये मारिजुआना के इस्तेमाल को अनुमति दे दी है
- द्रोणाचार्य अवार्ड से नवाज़े जा चुके सी.ए. कटप्पा भारत के पुरुष मुक्केबाजी के नए कोच बने; एस.आर. सिंह की जगह लेंगे कटप्पा; अब तक सहायक कोच की भूमिका निभा रहे थे कटप्पा; राष्ट्रीय खेलों में गोल्ड मैडल जीत चुके हैं कर्नाटक के कटप्पा; सेना में भी कोच की ज़िम्मेदारी निभा चुके हैं कटप्पा
प्रारंभिक परीक्षा
प्रीलिम्स फैक्ट्स : 27 दिसंबर, 2018
सस्टेनेबल प्लास्टिक
हाल ही में इज़राइल के तेल अवीव विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने समुद्री शैवाल खाने वाले रोगाणुओं से उत्पन्न बायोप्लास्टिक विकसित किया है।
- खारे पानी वाले एकल-कोशिकीय रोगाणु एक बहुलक को उत्पन्न करते हैं जिसका उपयोग बायोप्लास्टिक बनाने के लिये किया जा सकता है।
- यह बिना कृषि योग्य भूमि को प्रभावित किये और ताजे पानी का उपयोग किये महासागरों को साफ करने हेतु दुनिया के प्रयासों में क्रांति ला सकता है।
- संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, समुद्र में 90 फीसदी प्रदूषण की वज़ह प्लास्टिक ही है।
- प्लास्टिक के विघटन में सैकड़ों वर्ष लगते हैं इसलिये प्लास्टिक के बैग और बोतल समुद्री जीवन को प्रभावित और पर्यावरण को दूषित करते हैं।
- पहले से ही ऐसे कारखाने हैं जो वाणिज्यिक स्तर पर इस प्रकार के बायोप्लास्टिक का उत्पादन करते हैं, लेकिन वे ऐसे पौधों का उपयोग करते हैं जिनके लिये कृषि भूमि और ताज़े पानी की आवश्यकता होती है।
- यह नई प्रक्रिया समुद्री सूक्ष्मजीवों से 'प्लास्टिक' का उत्पादन करती है जो पूरी तरह से जैविक कचरे में पुन:चक्रित हो जाती है।
- यह प्रक्रिया इज़राइल, चीन और भारत जैसे ताज़े पानी की कमी वाले देशों को पेट्रोलियम-व्युत्पन्न प्लास्टिक को बायोडिग्रेडेबल प्लास्टिक में बदलने में सक्षम बना देगी।
थाईलैंड में मारिजुआना का प्रयोग वैध
- हाल ही में थाईलैंड की विधानमंडल ने चिकित्सकीय उपयोगों के लिये मारिजुआना को वैध कर दिया है। हालाँकि नशे के रूप में इसका उपयोग अब भी प्रतिबंधित है।
- रॉयल राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद यह परिवर्तन कानून बन जाएगा और चिकित्सा प्रयोजनों के लिये मारिजुआना तथा क्रैटम उत्पादों के उत्पादन, आयात, निर्यात एवं उपयोग को वैध बना देगा।
- थाईलैंड दक्षिण पूर्व एशिया में मारिजुआना को वैध करने वाला पहला देश बन गया है।
- उत्पादकों और शोधकर्त्ताओं को इसके लिये लाइसेंस की आवश्यकता होगी, जबकि इन उत्पादों का उपभोग करने वाले लोगों को चिकित्सकिय सलाह पर ही उपलब्ध हो सकेगी
- ध्यातव्य हो कि इज़राइल ने भी चिकित्सकीय उपयोग के लिये मारिजुआना के उपयोग को वैध कर दिया है।
आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हेतु अलग-अलग उच्च न्यायालय
- सुप्रीम कोर्ट ने 1 जनवरी तक आंध्र प्रदेश और तेलंगाना हेतु उच्च न्यायालयों के के संदर्भ में आदेश दिया था, जिसके तहत भारत के राष्ट्रपति ने उभयनिष्ठ हैदराबाद उच्च न्यायालय को आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के दो अलग-अलग उच्च न्यायालयों में विभाजित करने का आदेश दिया है।
- दोनों न्यायालयों में 1 जनवरी, 2019 से कार्य शुरू हो जाएगा।
- आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2014 के अनुसार, दोनों राज्यों हेतु तब तक एक उभयनिष्ठ उच्च न्यायालय होना तय था, जब तक कि अलग-अलग न्यायालयों का गठन नहीं हो जाता।
- संविधान के अनुच्छेद 214 में यह प्रावधान है कि प्रत्येक राज्य के लिये एक उच्च न्यायालय होगा।
- इस नए उच्च न्यायालय के निर्माण के साथ ही देश में अब कुल 25 उच्च न्यायालय हैं।
- वर्तमान में उत्तराखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रहे जस्टिस रमेश रंगनाथन आंध्र प्रदेश के नए उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश होंगे। इसमें मुख्य न्यायाधीश के अलावा 15 न्यायाधीश होंगे।
- शेष दस न्यायाधीश, जो उभयनिष्ठ उच्च न्यायालय के हिस्सा थे, अब तेलंगाना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश होंगे।