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डेली न्यूज़

  • 08 Dec, 2018
  • 34 min read
भारतीय अर्थव्यवस्था

12 सर्वश्रेष्ठ वैश्विक प्रथाओं में से एक मिशन इंद्रधनुष

चर्चा में क्यों?


हाल ही में गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिये सरकारी टीकाकरण कार्यक्रम, मिशन इंद्रधनुष को एक स्वतंत्र चिकित्सा ज़ूरी द्वारा स्वास्थ्य देखभाल के स्तर को बढ़ाने वाली बारह सर्वोत्तम वैश्विक प्रथाओं में से एक के रूप में चुना गया है।

प्रमुख बिंदु

  • भारत द्वारा आयोजित किये जाने वाले सम्मेलन ‘पार्टनर्स फोरम’ का आयोजन नई दिल्ली में होगा।
  • इस शिखर सम्मेलन में माँ, बच्चे और किशोरावस्था के स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने के लिये एक मंच पर 85 देशों के स्वास्थ्य अधिकारियों को एक साथ एक मंच पर लाने का प्रयास किया जाएगा।
  • इस शिखर सम्मेलन में दुनिया भर से प्राप्त 300 आवेदनों में से सर्वश्रेष्ठ बारह प्रथाओं को प्रदर्शित किया जाएगा।
  • इन 12 शोधों को ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (BMJ) के एक विशेष अंक में प्रकाशित किया जाएगा।
  • भारत का लक्ष्य वर्ष 2020 तक सभी गर्भवती महिलाओं और बच्चों का 90 प्रतिशत टीकाकरण करना है।
  • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (NFHS) के आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2015-16 में यह संख्या 62 प्रतिशत थी।

सफलता के आँकड़े

  • 1990 के दशक में भारत में मातृ मृत्यु दर 77 प्रतिशत से घटकर अब 44 प्रतिशत और पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर 126 प्रति हजार जीवित जन्म से घटकर 39 हो गई है।
  • प्रारंभिक बचपन के विकास के लिये चिली और जर्मनी की सामाजिक सुरक्षा नीतियों की सराहना की गई है।
  • इसके अत्तिरिक्त कंबोडिया में गरीबों के लिये विकास कार्यक्रम और भारत में मिशन इंद्रधनुष को गुणवत्ता, समानता और गरिमा की कहानियों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जबकि किशोरावस्था के स्वास्थ्य और कल्याण में सर्वोत्तम प्रथाओं के लिये इंडोनेशिया और अमेरिका को एक अच्छा प्रदर्शक माना गया है।
  • साथ ही मलावी की टोल फ्री हेल्पलाइन और मलेशिया के सार्वभौमिक एंटी-एचपीवी (anti-HPV) टीकाकरण कवरेज को यौन और प्रजनन अधिकारों के लिये सबसे अच्छी पहल के रूप में उद्धृत किया जा रहा है।
  • दशकों के युद्ध और अस्थिरता के बाद अफगानिस्तान की स्वास्थ्य सेवाओं की भी स्केलिंग की गई है और साथ ही साथ सिएरा लियोन के रेडियो कार्यक्रम, जो इबोला प्रभावित बच्चों और उनके समुदायों का समर्थन करता है, को मानवतावादी और सबसे उदार मामलों में से माना गया हैं।

मिशन इंद्रधनुष के बारे में

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 25 दिसंबर 2014 को ‘मिशन इन्द्रधनुष’ की शुरुआत की।
  • इस मिशन का उद्देश्य वर्ष 2020 तक ऐसे सभी बच्चों का टीकाकरण करना है, जिन्हें सात बीमारियों से लड़ने के टीके नहीं लगाए गए हैं या आंशिक रूप से लगाए गये हैं।

तीव्र मिशन इंद्रधनुष

  • 1 अगस्त, 2017 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा पूर्ण टीकाकरण कवरेज में तेजी लाने और निम्न टीकाकरण कवरेज वाले शहरी क्षेत्रों एवं अन्य इलाकों पर अपेक्षाकृत ज्यादा ध्यान देने हेतु मंत्रालय द्वारा ‘तीव्र मिशन इंद्रधनुष’ लॉन्च किया गया था।
  • इसके अनुसार वर्ष 2018 तक पूर्ण टीकाकरण कवरेज का लक्ष्य है।
  • तीव्र मिशन इंद्रधनुष के तहत उन शहरी क्षेत्रों पर अपेक्षाकृत ज़्यादा ध्यान दिया जा रहा है, जिन पर मिशन इंद्रधनुष के तहत ध्यान केंद्रित नहीं किया जा सका था।
  • तीव्र मिशन इंद्रधनुष की एक विशिष्‍ट खूबी यह है कि इसके तहत अन्‍य मंत्रालयों/विभागों विशेषकर महिला एवं बाल विकास, पंचायती राज, शहरी विकास, युवा मामले, एनसीसी इत्‍यादि से जुड़े मंत्रालयों एवं विभागों के साथ सामंजस्‍य बैठाने पर अपेक्षाकृत ज़्यादा ध्‍यान दिया जा रहा है।
  • विभिन्‍न विभागों के जमीनी स्‍तर वाले कामगारों जैसे कि आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कर्मचारियों, एनयूएलएम के तहत जिला प्रेरकों, स्‍वयं सहायता समूहों के बीच समुचित सामंजस्‍य तीव्र मिशन इंद्रधनुष के सफल क्रियान्‍वयन के लिहाज से अत्‍यंत आवश्‍यक है।
  • भारत के 'सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम' की शुरुआत वर्ष 1985 में चरणबद्ध तरीके से की गई थी, जो कि विश्व के सबसे बड़े स्वास्थ्य कार्यक्रम में से एक था, जिसका उद्देश्य देश के सभी ज़िलों को 90% तक पूर्ण प्रतिरक्षण प्रदान करना था।
  • हालाँकि कई वर्षों से परिचालन में होने के बावजूद UIP केवल 65% बच्चों को उनके जीवन के प्रथम वर्ष में होने वाले रोगों से पूरी तरह से प्रतिरक्षित कर पाया था। अतः मिशन इंद्रधनुष को प्रारंभ किया गया।

स्रोत : बिज़नेस लाइन (द हिंदू )


विविध

सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट- 2018

चर्चा में क्यों?


हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट- 2018 (Global status report on road safety 2018) जारी की जिसके अनुसार, सड़क हादसे में होने वाली मौतों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है।

रिपोर्ट के अनुसार,

  • सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या सालाना 1.35 मिलियन के स्तर पर पहुँच गयी है।
  • सड़क दुर्घटना के कारण प्रत्येक 23 सेकेंड में एक मौत होती है।
  • 5 से 29 साल की उम्र के बच्चों की मौत का एक प्रमुख कारक सड़क हादसों में लगी चोट है।
  • वैश्विक स्तर पर सड़क हादसों में होने वाली मौतों की कुल संख्या में वृद्धि के बावजूद, हाल के वर्षों में विश्व जनसंख्या के आकार के सापेक्ष मृत्यु की दर स्थिर हो गई है। इससे पता चलता है कि कुछ मध्यम और उच्च आय वाले देशों में मौजूदा सड़क सुरक्षा प्रयासों के कारण इस स्थिति में कमी आई है।

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  • वास्तव में, उच्च आय वाले देशों की तुलना में कम आय वाले देशों में सड़क यातायात में होने वाली मृत्यु का खतरा तीन गुना अधिक रहता है।
  • अफ्रीका में सड़क यातायात में होने वाली मृत्यु की दरें सबसे अधिक (प्रति 100,000 की जनसंख्या पर 26.6) और यूरोप में सबसे कम (प्रति 100,000 की आबादी पर 9.3) हैं।
  • रिपोर्ट के पिछले संस्करण के बाद से दुनिया के तीन क्षेत्रों- अमेरिका, यूरोप और पश्चिमी प्रशांत में सड़क यातायात की मौत दरों में गिरावट आई है।
  • सड़क यातायात की मौतों में विविधता सड़क उपयोगकर्त्ता के प्रकार से भी प्रभावित होता है। वैश्विक स्तर पर, सड़क हादसों में होने वाली मौतों में पैदल यात्री और साइकिल चालकों का प्रतिशत 26% था, इस आँकड़ों में 44% के लिये अफ्रीका और 36% के लिये पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र (Eastern Mediterranean) ज़िम्मेदार है।
  • सड़क यातायात में होने वाली कुल मौतों में मोटरसाइकिल सवार और यात्रियों की हिस्सेदारी 28% है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में यह अनुपात अधिक है, उदाहरण के लिये दक्षिण-पूर्व एशिया में यह 43% और पश्चिमी प्रशांत में 36% है।

रिपोर्ट के बारे में

  • सड़क सुरक्षा पर WHO की वैश्विक स्थिति रिपोर्ट हर दो से तीन साल जारी की जाती है, और सड़क सुरक्षा कार्यवाही के दशक (Decade of Action for Road Safety) 2011-2020 हेतु महत्त्वपूर्ण निगरानी उपकरण के रूप में कार्य करती है।
  • इससे पूर्व यह रिपोर्ट 2015 में जारी की गई थी।
  • सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट 2018 ब्लूमबर्ग फिलेंथ्रोपिज़ (Bloomberg Philanthropies) द्वारा वित्त पोषित है।

रिपोर्ट के अन्य निष्कर्ष


2015 में जारी पिछली रिपोर्ट की तुलना में, सड़क सुरक्षा पर वैश्विक स्थिति रिपोर्ट 2018 के अन्य निष्कर्ष इस प्रकार हैं:

  • 22 अतिरिक्त देशों ने एक या अधिक जोखिम कारकों पर अपने कानूनों में संशोधन किया ताकि उन्हें सर्वोत्तम तरीके से लागू किया जा सके और 1 बिलियन अतरिक्त लोगों को शामिल किया जा सके।
  • 3 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 46 देशों में गति सीमा तय करने संबंधी कानून है जो सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप है।
  • वर्तमान में 2.3 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 45 देशों में शराब पीकर गाड़ी चलाने पर कानून हैं जो सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप हैं।
  • 2.7 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 49 देशों में वर्तमान में मोटरसाइकिल चलते समय हेलमेट के उपयोग पर कानून हैं यह भी सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप है।
  • 5.3 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 105 देशों में, वर्तमान में सीट-बेल्ट के उपयोग पर कानून हैं जो सर्वोत्तम अभ्यास के अनुरूप हैं।
  • 652 मिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले 33 देशों में वर्तमान में बाल संयम प्रणाली (child restraint systems) के उपयोग पर कानून हैं जो सर्वोत्तम अभ्यास के साथ संरेखित होते हैं।
  • वर्तमान में 114 देशों ने मौजूदा सड़कों का कुछ व्यवस्थित मूल्यांकन या स्टार रेटिंग शुरू की है।
  • 1 बिलियन लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले केवल 40 देशों ने संयुक्त राष्ट्र वाहन सुरक्षा मानकों (UN vehicle safety standards) कम से कम 7 या सभी 8 प्राथमिकता मानकों को लागू किया है।
  • आपातकालीन देखभाल प्रणाली को सक्रिय करने के लिये आधे से अधिक देशों (62%) के पास देश में पूर्ण कवरेज वाला एक टेलीफोन नंबर है।
  • 55% देशों में प्री-अस्पताल देखभाल प्रदाताओं (pre-hospital care providers) को प्रशिक्षित और प्रमाणित करने के लिये औपचारिक प्रक्रिया है।

WHO रिपोर्ट और भारत


भारत में सड़क हादसों में होने वाली मौतों का आकलन सर्वोच्च न्यायलय की उस टिपण्णी से ही लगाया जा सकता है जिसमें सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कहा कि देश में इतने लोग सीमा पर या आतंकी हमले में नहीं मरते जितने सडकों पर गड्ढों की वज़ह से मर जाते हैं। लोगों का इस तरह मरना निश्चित तौर पर दुर्भाग्यपूर्ण है।

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  • WHO के अनुमान के अनुसार, भारत में सड़क दुर्घटना में मरने वालों की दर प्रति 100,000 पर 22.6 है।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत के शहरों में यातायात दुर्घटनाओं में कमी आई है और मीडिया अभियानों तथा मजबूत प्रवर्तन के माध्यम से अधिकाँश शहरों में शराब पीकर गाड़ी चलाने वालों की संख्या में कमी आई है।
  • इसके बावजूद भारत में वर्ष 2016 में 150,785 मौते सड़क दुर्घटनाओं में हुईं। इस प्रवृत्ति से पता चलता है कि 2007 से अब तक सड़क दुर्घटना में होने वाली मृत्यु की संख्या में वृद्धि हुई है।
  • भारत ने लोगों की सुरक्षा के लिये आवश्यक अधिकांश नियमों को स्थापित किया है, लेकिन ये नियम सडकों पर होने वाली मौतों के आँकड़ों को कम करने में असफल रहे हैं।
  • अतः सतत् विकास एजेंडा 2030 की प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिये सरकारों को अपने सड़क सुरक्षा प्रयासों को बढ़ाने की तत्काल आवश्यकता है।
  • रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र वाहन सुरक्षा मानकों की प्राथमिकता के सात या आठ के कार्यान्वयन के लिये भारत को एक उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया गया है।

स्रोत : WHO वेबसाइट एवं डाउन टू अर्थ


विविध

भारत में 8 मौतों में से 1 का कारण वायु प्रदूषण

चर्चा में क्यों?


हाल ही में द लांसेट प्लैनेटरी हेल्थ (The Lancet Planetary Health) में प्रकाशित एक शोध निष्कर्ष को ICMR में जारी किया गया। जिसके अनुसार, वर्ष 2017 में भारत में होने वाली आठ मौतों में से एक के लिये भारत में व्याप्त वायु प्रदूषण ज़िम्मेदार था जो कि भारत में होने वाली मौतों के लिये एक प्रमुख जोखिम कारक साबित हुआ।

प्रमुख बिंदु

  • इंडिया स्टेट लेवल डीज़ीज़ बर्डन इनिशिएटिव (India State-Level Disease Burden Initiative) द्वारा प्रकाशित प्रत्येक राज्य में वायु प्रदूषण से जुड़े जीवन प्रत्याशा में कमी के पहले व्यापक अनुमानों के अनुसार, दुनिया की 18% आबादी वाले देश भारत में वायु प्रदूषण के कारण कुल वैश्विक समय पूर्व मौतों और बीमारी के बोझ का 26% भाग शामिल है।
  • इंडिया स्टेट लेवल डीज़ीज़ बर्डन इनिशिएटिव, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research-ICMR), पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (Public Health Foundation of India-PHFI) और इंस्टीट्यूट हेल्थ मेट्रिक्स और इवोल्यूशन (Institute for Health Metrics and Evaluation -IHME) का एक संयुक्त उद्यम है जो 100 से अधिक भारतीय संस्थानों से जुड़े विशेषज्ञों और हितधारकों के साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से संचालित होता है।
  • शोध के मुख्य निष्कर्षों में यह तथ्य शामिल है कि वर्ष 2017 में भारत में 12.4 लाख मौतें वायु प्रदूषण के कारण हुईं, जिसमें 6.7 लाख मौतें बाहरी पार्टिकुलेट मैटर वायु प्रदूषण और 4.8 लाख मौतें घरेलू वायु प्रदूषण के कारण हुईं।
  • वायु प्रदूषण के कारण हुई कुल मौतों में लगभग आधी से अधिक मौतें 70 वर्ष से कम उम्र के लोगों की हुईं। वर्ष 2017 में भारत की 77% आबादी राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानकों द्वारा अनुशंसित सीमा से ऊपर पार्टिकुलेट मैटर PM2.5 के संपर्क में थी।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली में PM2.5 का संपर्क स्तर उच्चतम था, इसके बाद अन्य उत्तर भारतीय राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार और हरियाणा का स्थान था।
  • इस शोध पत्र में निष्कर्ष वायु प्रदूषण के सभी उपलब्ध आँकड़ों पर आधारित हैं जिनका विश्लेषण ग्लोबल बर्डन ऑफ़ डीज़ीज़ स्टडी के मानकीकृत तरीकों का उपयोग करके किया गया था।
  • इसके अलावा, अध्ययन में कहा गया है कि वर्ष 2017 में भारत में प्रमुख गैर-संक्रमणीय बीमारियों के लिये वायु प्रदूषण के कारण विकलांगता-समायोजित जीवन वर्ष (Disability-Adjusted Life Years-DALYs) कम-से-कम उतना ही अधिक था जितना तंबाकू के उपयोग के कारण था।
  • अध्ययन के अनुसार, वायु प्रदूषण का निम्नतम स्तर जिससे स्वास्थ्य हानि होती है यदि कम हो जाए तो राजस्थान (2.5 वर्ष), उत्तर प्रदेश (2.2 वर्ष) और हरियाणा (2.1 साल) में उच्चतम वृद्धि के साथ भारत में औसत जीवन प्रत्याशा 1.7 वर्ष अधिक होगी।
  • अध्ययन में इस बात का सुझाव दिया गया है कि वायु प्रदूषण के जोखिम और इसके स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को कम करने के लिये नीतियों की योजना बनाते समय बाहरी और घरेलू वायु प्रदूषण के संपर्क में राज्यों के बीच भिन्नताओं को ध्यान में रखा जाना चाहिये।
  • ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के निदेशक प्रो रणदीप गुलरिया के अनुसार, "स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण का अत्यधिक प्रतिकूल प्रभाव तेज़ी से पहचाना जा रहा है। वायु प्रदूषण एक वर्ष भर की घटना है, खासकर उत्तर भारत में, जो श्वसन बीमारियों से कहीं अधिक स्वास्थ्य पर अन्य प्रभाव का कारण बनती है।"

राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक

  • राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक (National Ambient Air Quality Standards-NAAQS) को वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1961 के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 18 नवंबर, 2009 को अधिसूचित किया गया।
  • इसमें 12 प्रदूषकों को शामिल किया गया है- सल्फर डाई ऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड (NO2), PM-10, PM-2.5, ओजोन (O3), सीसा (Pb), कार्बन मोनो ऑक्साइड (CO), अमोनिया (NH3), बेंजीन (C6H6), आर्सेनिक (As), निकिल (Ni), बेंजो पायरीन (BaP)।
  • इनमें से 3 प्रदूषकों (PM10, SO2 और NO2) की निगरानी केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) द्वारा विभिन्‍न राज्‍य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों (SPCB) एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिये प्रदूषण नियंत्रण समितियों (PCC) के सहयोग से 254 नगरों/शहरों में 612 स्‍थानों पर की जाती है।

स्रोत : द हिंदू


विविध

दुनियाभर में बढ़ रहे हैं खसरे के मामले : WHO

चर्चा में क्यों?


विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा प्रकाशित एक नई रिपोर्ट के मुताबिक खसरा (measles) के मामलों की संख्या वर्ष 2017 में बढ़ी है, क्योंकि कई देशों ने इस गंभीर बीमारी का लंबे समय से अनुभव किया जा रहा है।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

  • इस रिपोर्ट में बताया गया है कि टीकाकरण कवरेज में अंतराल के कारण सभी क्षेत्रों में खसरा का प्रकोप बढ़ा है और इस बीमारी से अनुमानित 1,10,000 मौतें हुईं हैं।
  • इस रिपोर्ट में अद्यतन रोग मॉडलिंग डेटा का उपयोग करके, पिछले 17 वर्षों में खसरा प्रवृत्तियों का सबसे व्यापक अनुमान प्रदान किया गया है।
  • रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2000 से 21 मिलियन से अधिक लोगों को खसरा टीकाकरण के माध्यम से बचाया गया है। हालाँकि, 2016 से दुनिया भर में दर्ज किए गए मामलों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।
  • अमेरिका, पूर्वी भूमध्य क्षेत्र और यूरोप ने 2017 के मामलों में सबसे बड़ी उछाल का अनुभव किया तो वहीं पश्चिमी प्रशांत एकमात्र विश्व स्वास्थ्य संगठन क्षेत्र जहाँ खसरा की घटननाओं में कमी आई है।

खसरा (Measles) क्या है ?

  • खसरा श्वसन प्रणाली में वायरस, विशेष रूप से मोर्बिलीवायरस (Morbillivirus) के जीन्स पैरामिक्सोवायरस (paramicovirus) के संक्रमण से होता है।
  • मोर्बिलीवायरस भी अन्य पैरामिक्सोवायरसों की तरह ही एकल असहाय, नकारात्मक भावना वाले RNA वायरसों द्वारा घिरे होते हैं।
  • इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, बहती हुई नाक, लाल आंखें और एक सामान्यीकृत मेकुलोपापुलर एरीथेमाटस चकते भी शामिल है।
  • शुरूआती दौर में मस्तिष्क की कोशिकाओं (brain cell) में सूजन आ जाता है और बाद में समस्या के गंभीर होने पर कई सालों बाद व्यक्ति का मस्तिष्क क्षतिग्रस्त हो जाता है।

स्रोत : बिज़नेस लाइन ( द हिंदू)


भारतीय अर्थव्यवस्था

दूसरी तिमाही में चालू खाता घाटा 2.9% तक बढ़ा

चर्चा में क्यों?


हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा कि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान 1.1% की तुलना में उच्च व्यापार घाटे के कारण इस वर्ष जुलाई-सितंबर तिमाही के लिये चालू खाता घाटा (CAD) सकल घरेलू उत्पाद के 2.9% तक बढ़ गया।


प्रमुख बिंदु

  • पिछले साल की समान अवधि में 6.9 अरब डॉलर की तुलना में इस वर्ष दूसरी तिमाही के लिये घाटा 19.1 बिलियन डॉलर था। अप्रैल-जून तिमाही के लिये CAD सकल घरेलू उत्पाद का 2.4% या 15.9 बिलियन डॉलर था।
  • केंद्रीय बैंक ने कहा कि सालाना आधार पर CAD की बढ़ोत्तरी मुख्य रूप पिछले वर्ष के 32.5 अरब डॉलर की तुलना में इस वर्ष के 50 बिलियन डॉलर के उच्च व्यापार घाटे के कारण थी।
  • विशेषज्ञों के अनुसार, तेल की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण चालू खाता घाटा बढ़ गया। लेकिन अब कीमतों में शीर्ष स्तर से 31% तक कमी आई है। डॉलर के मुकाबले रुपए के कमज़ोर होने के बाद भी निर्यात में वृद्धि हुई। अतः चालू खाते घाटे का पूरे वर्ष इसी प्रकार उच्च बने रहने की उम्मीद नहीं है।
  • सॉफ्टवेयर और वित्तीय सेवाओं से शुद्ध आय में वृद्धि के कारण निवल सेवाओं की प्राप्तियों में मुख्य रूप से 10.2% की वृद्धि हुई।
  • निजी हस्तांतरण प्राप्तियाँ (Private Transfer Receipts), मुख्य रूप से विदेशों में नियोजित भारतीयों द्वारा प्रेषण के कारण 20.9 बिलियन डॉलर थी, जो पिछले वर्ष से 19.8% अधिक है।
  • आरबीआई के अनुसार, "वित्तीय खाते में, शुद्ध विदेशी प्रत्यक्ष निवेश 2017-18 की दूसरी तिमाही में 12.4 बिलियन डॉलर की तुलना में घटकर 2018-19 की दूसरी तिमाही में 7.9 बिलियन डॉलर हो गया।"
  • पोर्टफोलियो निवेश ने पिछले साल की दूसरी तिमाही में 2.1 बिलियन डॉलर के अंतर्वाह की तुलना में 2018-19 की दूसरी तिमाही में ऋण और इक्विटी बाज़ारों में शुद्ध बिक्री के कारण 1.6 बिलियन डॉलर का शुद्ध बहिर्वाह दर्ज किया।
  • गैर-निवासी जमा (non-resident deposits) के कारण शुद्ध प्राप्तियाँ 2018-19 की दूसरी तिमाही में 3.3 अरब डॉलर हो गईं जो पिछले वर्ष 0.7 बिलियन डॉलर थीं।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक ने कहा कि 2017-18 दूसरी तिमाही में 9.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि के मुकाबले इस वर्ष की दूसरी तिमाही में विदेशी मुद्रा भंडार (भुगतान संतुलन के आधार पर) में 1.9 बिलियन डॉलर की कमी आई।

रुपए की गिरावट को रोकना

  • केंद्रीय बैंक ने रुपए में तेज़ गिरावट को रोकने के लिये डॉलर बेचकर मुद्रा बाज़ार में हस्तक्षेप किया था। अक्टूबर 2018 तक रुपया डॉलर के मुकाबले 15% कमज़ोर हो गया था, लेकिन नवंबर में तेल की कीमतों में कमी आने से रुपए में मज़बूती देखी गई।
  • हाल ही में जारी किये गए नवीनतम आँकड़ों से पता चला है कि 30 नवंबर से एक हफ्ते के दौरान विदेशी मुद्रा भंडार 932.8 मिलियन डॉलर बढ़कर 393.718 बिलियन डॉलर हो गया।
  • कुल मिलाकर देश का भुगतान संतुलन जुलाई-सितंबर तिमाही में 1.9 बिलियन डॉलर के घाटे में था, जबकि पिछले वर्ष की समान अवधि में इसमें 9.5 बिलियन डॉलर का अधिशेष था।
  • पिछले वर्ष की पहली छमाही में GDP के 1.8% की तुलना में 2018-19 की समान अवधि में चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 2.7% तह बढ़ गया है। रेटिंग एजेंसी फिच ने हाल ही में कहा कि चालू खाता अंतर के बढ़ने के कारण रुपया 75 प्रति डॉलर तक गिर सकता है।

स्रोत : द हिंदू


प्रारंभिक परीक्षा

प्रीलिम्स फैक्ट्स : 08 दिसंबर, 2018

कृत्रिम बुद्धिमत्ता पर वैश्विक हैकथॉन (Global Hackathon On Artificial Intelligence)


सिंगापुर स्थित आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) स्टार्टअप, पर्लिन (Perlin) के साथ साझेदारी में नीतिआयोग ने ‘AI 4 All Global Hackathon’ लॉन्च किया है।

  • इस हैकथॉन के ज़रिये डेवलपर्स, छात्रों, स्टार्ट-अप और कंपनियों को भारत के लिये महत्त्वपूर्ण कृत्रिम बुद्धिमत्ता एप्लीकेशंस को विकसित करने के लिये आमंत्रित किया जाएगा।
  • कृत्रिम बुद्धिमत्ता रणनीति में ‘AI 4 All’ के विचार को आगे बढ़ाने के लिये नीति आयोग ने इस वैश्विक हैकथॉन का आयोजन किया है।
  • इस आयोजन का लक्ष्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विकास में आने वाली विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के लिये प्रौद्योगिकीय और नवाचार संबंधी उपाय सुझाना है।

विविध

Rapid Fire करेंट अफेयर्स (8 दिसंबर)

  • 7 दिसंबर को मनाया गया इंटरनेशनल सिविल एविएशन डे; प्रत्येक चार वर्षों के लिये तय की जाती है एक थीम; 2015 से 2018 के लिये Working Together to Ensure No Country is Left Behind रखी गई है थीम
  • इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस, हैदराबाद के एसोसिएट प्रोफेसर और कार्यकारी निदेशक कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यम होंगे देश के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार; सेबी और रिज़र्व बैंक की कई समितियों में रहे हैं शामिल; अरविंद सुब्रह्मण्यम की जगह लेंगे कृष्णमूर्ति
  • दिल्ली और अलवर के बीच हाईस्पीड रैपिड रेल की डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट को NCR ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन बोर्ड ने दी मंज़ूरी; 106 किलोमीटर होगी पहले कॉरीडोर की लंबाई; कुल 165 किलोमीटर लंबा है कॉरीडोर
  • ICMR ने किये चौंकाने वाले खुलासे; 2017 में हर 8 मौतों में से 1 मौत की वज़ह था वायु प्रदूषण
  • रूस के साथ मैत्री संधि खत्म करने के लिये यूक्रेन की संसद ने किया मतदान; रूस के साथ सहयोग, सहभागिता भी होगी खत्म
  • संयुक्त राष्ट्र ने की नए फ्रेमवर्क, UN Global Counter-Terrorism Coordination Compact की शुरुआत; आतंकवाद से निपटना होगा इसका लक्ष्य
  • जर्मनी ने केरल में बाढ़ से तबाह हो चुके पुलों और सड़कों के पुनर्निर्माण के लिये रखा अल्पतम ब्याज दर पर 720 करोड़ के कर्ज़ का प्रस्ताव
  • 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट घोषित करने के भारत के प्रस्ताव को खाद्य एवं कृषि संगठन ने दी मंज़ूरी
  • नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय को दिया गया स्कोच (Skoch) पुरस्कार; देश में लगभग 73 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता स्थापित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिये दिया गया है यह पुरस्कार
  • नीति आयोग ने शुरू किया AI 4 All Global Hackathon; ‘आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-सबके लिये’ (AI 4 All) विचार को आगे बढ़ाना है इसका लक्ष्य
  • स्वतंत्र जूरी द्वारा चुना गया भारत का मिशन इंद्रधनुष विश्व की 12 सर्वश्रेष्ठ स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं में से एक; विश्व के सबसे बड़े शिशु टीकाकरण कार्यक्रमों में से एक है मिशन इंद्रधनुष
  • अमेरिकी दबाव के बावजूद ओपेक और रूस के नेतृत्व वाले देश तेल उत्पादन घटाने पर हुए सहमत; उत्पादन घटाकर दाम बढ़ाने के विकल्प पर विचार कर रहे हैं ये देश
  • सुनील मित्तल को ESCP यूरोप बिजनेस स्कूल के सबसे बड़े सम्मान, Doctor Honoris Causa से नवाजा गया; ESCP के दो सौ वर्षों के इतिहास में यह सम्मान पाने वाले पहले भारतीय हैं सुनील मित्तल
  • फेसबुक इंडिया की पूर्व एमडी किर्तिगा रेड्डी को सॉफ्टबैंक ने 100 अरब डॉलर के विज़न फंड के लिये नियुक्त किया पार्टनर; भारतीय मूल की किर्तिगा इस विज़न फंड की होंगी पहली महिला पार्टनर
  • उपराष्ट्रपति श्री एम. वैंकेया नायडू ‘लोकतंत्र के स्वर’ तथा ‘दि रिपब्लिकन एथिक’ शीर्षक से राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के चुने हुए भाषणों के संग्रह का किया लोकार्पण
  • मुफ्त में पब्लिक ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराने वाला लग्ज़मबर्ग बना विश्व का पहला देश; बस, ट्रेन और ट्राम के लिए नहीं चुकाना पड़ेगा किराया; देश के पर्यावरण को बचाने और ट्रैफिक समस्या से निज़ात पाने के लिए सरकार बना रही है खास योजना
  • इटली की टीम ने एडमिरल कप 2018 रेगेटा जीता; सिंगापुर दूसरे और अमेरिका तीसरे स्थान पर रहा; एडमिरल कप नौका प्रतियोगिता के नौवें संस्करण में 30 देशों ने हिस्सा लिया; भारतीय नौसेना अकादमी (आईएनए) एझिमला के एट्टिकुलम समुद्र तट पर हुआ था आयोजन

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