सिसक रही धरती
06 May, 2024 | अनुज कुमार वाजपेईदुनियाभर में लोग अब ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले खतरों को पहचानने लगे हैं। इसकी बानगी हाल में आए स्विट्जरलैंड बनाम क्लिमासेनियोरिनन श्वेइज केस में यूरोप की शीर्ष...
दुनियाभर में लोग अब ग्लोबल वार्मिंग से होने वाले खतरों को पहचानने लगे हैं। इसकी बानगी हाल में आए स्विट्जरलैंड बनाम क्लिमासेनियोरिनन श्वेइज केस में यूरोप की शीर्ष...
कोई भी समाज अपने स्वरूप में विविधता लिए हुए होता है। समाज के वैविध्य से ही सामाजिक व्यवहार भी तय होता है। इन्हीं सामाजिक व्यवहारों व प्रतिक्रियाओं से फिर राजनीतिक व...
“अशक्यं प्रकृते: ऋते जीवनम्” अर्थात्– प्रकृति के बिना मानव जीवन संभव नहीं है। मानव हमेशा से ही अपनी सभी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्रकृति पर निर्भर रहा है। चाहे...
1947 में विभाजन से पहले अविभाजित भारत में करीब 584 रियासतें थीं। जिनका कामकाज राजा देखते थे। इसके लिए अंग्रेजों के साथ उनका एक खास करार था। ये रियासतें 40 फीसदी क्षेत्र और 23...
दिल एक धड़कता हुआ बहुत ही खूबसूरत शय है, यह न होता तो न हम होते और न ही हमें प्यार का दिलकश अहसास होता। बॉलीवुड के गानों और संवादों में भी इसे बहुत ही खूबसूरत तरीके से पिरोया...
जब पूरी दुनिया में बात ग्रीन वर्ल्ड की हो रही हो, तेजी से खत्म होते प्राकृतिक संसाधनों को बचाने की हो रही हो तो ग्रीन हाउस की परिकल्पना भी बहुत तेजी से हकीकत में बदल रही है।...
भारतीय शिलालेखों में तांडव नृत्य की चर्चा से पहले उस शिव की चर्चा ज़रूरी है कि आखिर क्या वजह है कि वे जन-जन के आराध्य हो गए। भोले बाबा का शिव तांडव। वाकई व्यक्तित्व का कितना...
तमिल में कच्चाथिवू का अर्थ होता है बंजर द्वीप, जो भौगौलिक दृष्टि से बंजर होते हुए भी रणनीतिक दृष्टिकोण से काफी उपजाऊ है। भारत और श्रीलंका के मध्य पाक जलडमरूमध्य में स्थित...
ट्रांस समुदाय के लोग बेहद प्रतिभाशाली, मज़बूत ,बुद्धिमान, सृजनशील, सहृदय और इरादों के पक्के होते हैं। हमें होना ही पड़ता है। हम अधिकारों को चुन या छोड़ नहीं सकते ,बस उम्मीद...
"इतिहास को इनसे और इनके परिवारों से माफ़ी मांगनी चाहिए क्योंकि जो कलंक और निष्कासन इन्होंने सदियों से भोगा है, उसकी कोई भरपाई नहीं की जा सकती"- जस्टिस इन्दु मल्होत्रा नवंबर...
दुनिया भर के आंदोलनों को यदि देखा जाए तो उसमें एक समानता दिखाई देती है और वह समानता ही आंदोलनों के जन्म लेने का मूल कारण है जो कि है शोषण, दमन, अत्याचार या समानता का न होना।...
मानव सभ्यता के विकासक्रम में कुछ समूह आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक बतौर अन्य समूहों के एवज में पिछड़ जाते हैं। उनके पिछड़ने का कारण स्थान, जाति और लिंग विशेष तौर पर अड़े हाथों...
''यदि धन खो दिया तो हमने कुछ नहीं खोया है, लेकिन यदि स्वास्थ्य खो दिया तो अवश्य कुछ खो दिया है।'' यह फ्रांसीसी लोकोत्ति बताती है कि स्वास्थ्य हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण...
"मुझे विश्वास ही नहीं कि कोई भी सभ्य समाज मृत्यु का सेवक हो सकता है। मुझे नहीं लगता कि कोई मानव ही मानव की मौत का देवदूत बन सकता है" -हेलेन प्रेजेन, एक्टिविस्ट, नन और...
“शादी वैवाहिक दुष्कर्म का लाइसेंस नहीं है, सहमति सबसे ज़रूरी है” मैरिटल रेप या वैवाहिक बलात्कार की अवधारणा ही भारतीय समाज को अनुचित लगती है। समाज इस बात को गले ही नहीं...
रहिमन देखि बड़ेन को लघु न दीजिये डारि।जहाँ काम आवे सुई, कहां करे तरवारि ।। कितनी सुन्दर बात कही है रहीम जी ने कि बड़ी वस्तुओं को देख छोटी वस्तुओं का अनादर करना उचित नहीं है,...
अपने भौगोलिक परिस्थितियों के परिदृश्य में विभिन्न प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित भिन्नताओं या विशेषताओं के साथ-साथ उनके अपने व्यक्तिगत नियम और विचार निर्मित होते हैं। यह...
रोमन दार्शनिक और विधिवेत्ता सिसरो ने इतिहासकारों के बारे में कहा था- “इतिहासकार का पहला नियम है- कभी झूठ कहने की हिम्मत न करना और दूसरा नियम है- जो सच है, उसे किसी भी कीमत पर...
"न्याय और शक्ति को एक साथ लाया जाना चाहिए ताकि जो कुछ न्यायसंगत है वह शक्तिशाली हो सके और जो शक्तिशाली है वह न्यायपूर्ण हो"-ब्लैज़ पास्कल ऐसा कौन प्राणी इस धरती पर होगा जो...
साहित्य, सिनेमा और समाज तीनों को एक ही पंक्ति में रखने का कारण इनके मध्य व्याप्त गहन अन्तर्संबंधितता रही है। साहित्य समाज से और समाज साहित्य से निरंतर वैचारिक आदान-प्रदान...