उत्तर प्रदेश Switch to English
NMDC का IIT कानपुर के साथ समझौता
चर्चा में क्यों?
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) ने साइबर सुरक्षा बढ़ाने तथा डिजिटल प्रौद्योगिकियों को उन्नत करने के लिये भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किये हैं।
मुख्य बिंदु
- उद्देश्य: इस सहयोग का उद्देश्य उद्योग-अकादमिक संबंधों को मज़बूत करना तथा NMDC के परिचालनों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाने को बढ़ावा देना है।
- साइबर सुरक्षा: इस साझेदारी में साइबर सुरक्षा जोखिम आकलन, नीतियों, शासन तथा अनुपालन ढाँचे को मज़बूत करना और घटना प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाना शामिल है।
- AI–ML एकीकरण: NMDC दक्षता और निर्णय-निर्माण में सुधार के लिये परिचालन प्रक्रियाओं में AI–ML टूल्स को एकीकृत करने हेतु संस्थान के साथ सहयोग करेगा।
- ज्ञान निर्माण: क्षमता निर्माण और ज्ञान-साझाकरण पहल केंद्रीय घटक होंगे, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि NMDC के कार्यबल को उन्नत डिजिटल तथा साइबर सुरक्षा कौशल प्राप्त हों।
- अनुसंधान सहयोग: संयुक्त अनुसंधान एवं नवाचार गतिविधियाँ शुरू की जाएंगी, जिनका ध्यान NMDC की प्रौद्योगिकीय आवश्यकताओं के अनुरूप नए समाधान विकसित करने पर केंद्रित होगा।
- प्रशिक्षण पहल: दोनों संस्थान प्रशिक्षण कार्यक्रम तथा पायलट परियोजनाएँ संचालित करेंगे और नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण तथा परिशोधन करने के लिये अवधारणा-सिद्ध विकास तैयार करेंगे।
- रणनीतिक प्रभाव: NMDC ने कहा कि यह सहयोग उसके डिजिटल सुरक्षा बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेगा, परिचालन खुफिया में सुधार करेगा तथा संगठन के लिये भविष्य के लिये तैयार तकनीकी आधार स्थापित करेगा।
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC)
- परिचय: राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) 1958 में निगमित एक नवरत्न सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है, जो भारत सरकार के इस्पात मंत्रालय के अधीन कार्य करता है।
- नेतृत्व: NMDC भारत की सबसे बड़ी तथा विश्व की सबसे कम लागत वाली लौह अयस्क उत्पादक कंपनियों में से एक है तथा मध्य प्रदेश के पन्ना में देश की एकमात्र मशीनीकृत हीरा खदान के संचालन के लिये भी जाना जाता है।
- संचालन: निगम छत्तीसगढ़ और कर्नाटक में अत्यधिक मशीनीकृत लौह अयस्क खदानों का संचालन करता है तथा इसका पंजीकृत कार्यालय हैदराबाद, तेलंगाना में स्थित है।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
डॉ. अंबेडकर महापरिनिर्वाण दिवस
चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने महापरिनिर्वाण दिवस पर डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
दिवस के बारे में:
- महापरिनिर्वाण दिवस हर वर्ष 6 दिसंबर को भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।
- यह दिवस उनके सामाजिक सुधार, न्याय और समानता पर पड़े परिवर्तनकारी प्रभाव को सम्मानित करता है।
- “महापरिनिर्वाण” शब्द बौद्ध दर्शन से लिया गया है, जिसका अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति और यह बौद्ध कैलेंडर में सबसे पवित्र दिवस माना जाता है।
प्रमुख योगदान:
- सशक्तीकरण: शिक्षा को बढ़ावा देने, सामाजिक-आर्थिक स्थितियों में सुधार लाने और बहिष्कृत समुदायों को सशक्त बनाने के लिये बहिष्कृत हितकारिणी सभा (1923) की स्थापना की।
- वकालत: उत्पीड़ितों को मंच प्रदान करने और सामाजिक असमानताओं को चुनौती देने के लिये मूकनायक (मौन लोगों का नेता) समाचार-पत्र की स्थापना की।
- समानता: सार्वजनिक जल संसाधनों तक समान पहुँच की वकालत करते हुए महाड़ सत्याग्रह (1927) सहित ऐतिहासिक आंदोलनों का नेतृत्व किया।
- मुक्ति: वर्ष 1930 में पूजा स्थलों में जाति-आधारित प्रतिबंधों को तोड़ने के लिये कालाराम मंदिर प्रवेश आंदोलन (नासिक सत्याग्रह) का नेतृत्व किया, जो अस्पृश्यता के खिलाफ एक व्यापक लड़ाई का प्रतीक था।
- प्रतिनिधित्व: पूना समझौते पर बातचीत में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसने दलितों के लिये पृथक निर्वाचन क्षेत्रों के स्थान पर आरक्षित सीटें स्थापित कीं, जिससे उनके राजनीतिक प्रतिनिधित्व का मार्ग प्रशस्त हुआ।
- संविधान: वर्ष 1947 में नियुक्त प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में, डॉ. अंबेडकर ने विश्व के सबसे बड़े लिखित संविधान को तैयार करने की सावधानीपूर्वक प्रक्रिया की देखरेख की।
- अर्थशास्त्र: डॉ. अंबेडकर के डॉक्टोरल शोध ने भारत में वित्त आयोग की स्थापना और वर्ष 1934 के RBI अधिनियम के नीतिगत ढाँचे को प्रभावित किया।
पुरस्कार और सम्मान:
- भारत रत्न पुरस्कार: डॉ. अंबेडकर को वर्ष 1990 में मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया।
- अंबेडकर सर्किट: अंबेडकर के जीवन से जुड़े पाँच स्थानों को तीर्थस्थल के रूप में विकसित किया गया (पंचतीर्थ विकास):
- महू में जन्मस्थान
- लंदन में स्मारक (शिक्षा भूमि)
- नागपुर में दीक्षा भूमि
- मुंबई में चैत्य भूमि
- दिल्ली में महापरिनिर्वाण भूमि
- संविधान दिवस: संविधान वास्तुकार के रूप में भूमिका को सम्मानित करने हेतु वर्ष 2015 से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
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