मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश ने प्रमुख विकास परियोजनाओं का शुभारंभ किया
चर्चा में क्यों?
अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती के उपलक्ष्य में, मध्य प्रदेश ने बुनियादी ढाँचे को बढ़ावा देने, महिलाओं को सशक्त बनाने और युवाओं के लिये रोज़गार सृजित करने के लिये प्रमुख पहलों की घोषणा की।
मुख्य बिंदु
- कैबिनेट के प्रमुख निर्णय:
- देवी अहिल्याबाई होल्कर प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना:
- इसका उद्देश्य कौशल विकास के माध्यम से युवाओं को रोज़गार से जोड़ना है।
- कौशल-आधारित ऋण पर प्रति व्यक्ति 10,000 रुपए तक की ब्याज सब्सिडी प्रदान करता है।
- वार्षिक सरकारी आवंटन 100 करोड़ रुपए होगा।
- देवी अहिल्याबाई होल्कर प्रशिक्षण कार्यक्रम योजना:
- मध्य प्रदेश महानगर क्षेत्र योजना एवं विकास अधिनियम, 2025:
- 10 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों के लिये महानगर योजना समितियों और विकास प्राधिकरणों के गठन को सक्षम बनाता है।
- लक्षित क्षेत्र इंदौर, भोपाल, उज्जैन और देवास जैसे शहरों में शहरी नियोजन, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और आर्थिक विकास होंगे।
- एकात्म धाम परियोजना के अंतर्गत आचार्य शंकर संग्रहालय:
- 2,195 करोड़ रुपए का संशोधित बजट स्वीकृत किया गया।
- ओंकारेश्वर में स्थित यह संग्रहालय अद्वैत वेदांत पर केंद्रित होगा तथा इसका उद्देश्य शिक्षा और पर्यटन को बढ़ावा देना है।
- औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत महिलाओं के छात्रावास:
- 249 करोड़ रुपए के बजट से 4 औद्योगिक क्षेत्रों में 26 छात्रावासों के निर्माण को मंजूरी दी गई।
- इसमें फूड कोर्ट, मनोरंजन क्षेत्र और चाइल्डकेयर क्षेत्र जैसी सुविधाएँ शामिल होंगी, जिससे महिला श्रमिकों के लिये सुरक्षित और सक्षम स्थान का निर्माण होगा।
- MYR अस्पताल और श्याम शाह मेडिकल कॉलेज का उन्नयन:
- महाराजा यशवंत राव अस्पताल (इंदौर) एवं श्याम शाह चिकित्सा महाविद्यालय (रीवा) के उन्नयन हेतु 1,095 करोड़ रुपए की स्वीकृति।
- इसमें नए अस्पताल ब्लॉक, नर्सिंग छात्रावास और बेहतर चिकित्सा बुनियादी ढाँचे का निर्माण शामिल है।
- राहवीर योजना:
- दुर्घटना पीड़ितों को “स्वर्णिम घंटे” के भीतर परिवहन करने वाले दर्शकों को प्रोत्साहित किया जाता है।
- जीवन रक्षक कार्य के लिये इनाम राशि 5,000 रुपए से बढ़ाकर 25,000 रुपए कर दी गई।
- मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता मिशन का विस्तार:
- इस योजना को 227 करोड़ रुपए के बजट के साथ वर्ष 2028-29 तक बढ़ाया गया।
- सफाई कर्मचारियों के लिये कीचड़ हटाने वाले वाहनों, सीवर सफाई उपकरणों और सुरक्षात्मक गियर की खरीद के माध्यम से शहरी स्वच्छता को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना।
अहिल्याबाई होल्कर
- जन्म और पृष्ठभूमि: अहिल्याबाई का जन्म 31 मई 1725 को चोंडी, अहमदनगर (महाराष्ट्र) में हुआ था। उनके पिता, मानकोजी राव शिंदे, गाँव के मुखिया थे।
- विवाह और प्रारंभिक जीवन: उनका विवाह वर्ष 1733 में खांडेराव होलकर से हुआ था, जो मल्हार राव होलकर के पुत्र थे। मल्हार राव होलकर मालवा के शासक और होलकर वंश के संस्थापक थे।
- वर्ष 1745 में कुम्हेर किले की घेराबंदी में खांडेराव की मृत्यु के बाद अहिल्याबाई विधवा हो गईं।
- मल्हार राव होल्कर ने अहिल्याबाई को सती होने से रोका और उन्हें सैन्य एवं प्रशासनिक मामलों में प्रशिक्षित किया।
- सत्ता पर आरोहण: वर्ष 1766 में मल्हार राव होलकर और वर्ष 1767 में उनके पुत्र मालेराव होलकर की मृत्यु के बाद, अहिल्याबाई होलकर ने मालवा की बागडोर संभाली और वर्ष 1767 में इंदौर की शासिका बनीं।
- उन्होंने तुकोजी राव होल्कर को सेनापति नियुक्त किया और मध्य प्रदेश में महेश्वर को होल्कर राजवंश की राजधानी बनाया।
- सामाजिक और आर्थिक योगदान: अहिल्याबाई होलकर ने सोमनाथ और काशी विश्वनाथ मंदिरों का पुनर्निर्माण कराया, जिससे भगवान शिव के प्रमुख ज्योतिर्लिंगों की पुनर्स्थापना हुई। उन्होंने खुशाली राम, मराठी कवि मोरोपंत और शाहीर अनंतफंदी जैसे विद्वानों को संरक्षण दिया।
- उन्होंने महिला शिक्षा, विधवा पुनर्विवाह को बढ़ावा दिया और सती प्रथा जैसी प्रथाओं का विरोध किया, साथ ही भील, गोंड जनजातियों तथा निम्न जातियों का उत्थान किया।
- उन्होंने महेश्वर और इंदौर को प्रमुख व्यापार केंद्र बनाया, माहेश्वरी बुनाई उद्योग को बढ़ावा दिया और माहेश्वरी साड़ियों को पूरे भारत में प्रसिद्ध बनाया तथा अब इसे भौगोलिक संकेतक (GI) टैग के साथ पंजीकृत किया गया है।

