इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

स्टेट पी.सी.एस.

  • 27 Mar 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तर प्रदेश Switch to English

520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट का फ्लैग ऑफ एवं टोल फ्री हेल्पलाइन-1962 का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

26 मार्च, 2023 को केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परशोत्तम रुपाला और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से ‘पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना’ के अंतर्गत 201 करोड़ रुपए की लागत से 520 मोबाइल वेटरनरी यूनिट का फ्लैग ऑफ एवं टोल फ्री हेल्पलाइन-1962 का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • वेटरनरी यूनिट फ्लैग ऑफ कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा पशुओं के लिये भारत सरकार के खर्चे से मोबाइल वेटरनरी यूनिट शुरु करना तथा असहाय पशुओं के लिये 108 डायल कर एम्बुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध करायी गई है। जिस तरह मानव बीमारी के लिये सबकी जुबां पर एम्बुलेंस की सुविधा के लिये 108 है उसी तरह अब सभी जानवरों को एम्बुलेंस जैसी सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 1962 हेल्पलाइन शुरु की गई है।
  • केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत विश्व में दुग्ध उत्पादन में नं. 1 है और उतर प्रदेश भारत में नं. 1 पर है। भारत के विश्व में सबसे आगे होने का कारण उतर प्रदेश का भारत में नं. 1 होना है।
  • उतर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि लगभग 6 करोड़ पशुधन के संरक्षण व संवर्धन की दृष्टि से भारत सरकार द्वारा मोबाइल वेटरनरी यूनिट्स उपलब्ध कराई गईं तथा प्रदेश में निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिये 6,600 से अधिक गो-आश्रय स्थल स्थापित किये गए हैं।
  • अब मोबाइल वेटरनरी वैन प्रदेश के 05 ज़ोन में इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के माध्यम से संचालित होंगी।
  • विदित है कि प्रदेश में कुल 12 लाख निराश्रित गोवंश हैं, उनमें से 11 लाख गोवंश के संरक्षण की जिम्मेदारी अकेले उत्तर प्रदेश सरकार उठा रही है।

उत्तर प्रदेश Switch to English

पीलीभीत टाइगर रिज़र्व को ‘कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स’का दर्जा मिला

चर्चा में क्यों?

26 मार्च, 2023 को पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (पीटीआर) के डिप्टी डायरेक्टर नवीन खंडेलवाल ने बताया कि बाघों के संरक्षण, रखरखाव के साथ बेहतर ढंग से प्रबंधन के लिये पीटीआर को एनटीसीए की ओर से ‘कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स’ का दर्जा मिला है।

प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) की ओर से देश के छह टाइगर रिज़र्व को बाघों के संरक्षण, रखरखाव के साथ बेहतर ढंग से प्रबंधन के लिये ‘कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स’ (सीएटीएस) का दर्जा दिया गया है। इनमें पीटीआर भी शामिल है।
  • जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के एनटीसीए के सहायक आईजीएफ हेमंत सिंह की ओर से पत्र जारी कर देश के छह टाइगर रिज़र्व- काली, मेलघाट, ताडोबा-अंधेरी, नवेगाँव-नगजीरा, पेरियार और पीलीभीत को सीएटीएस का दर्जा दिया गया है।
  • गौरतलब है कि पीलीभीत को वर्ष 2014 में टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया था। वर्ष 2014 में बाघों की संख्या मात्र 25 थी। टाइगर रिज़र्व बनने के बाद जंगल के अनुकूल वातारण के साथ बाघों की सुरक्षा एवं संरक्षण के लिये राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण की गाइडलाइन के अनुसार काम हुए। नतीजा यह रहा कि वर्ष 2020 में बाघों की संख्या बढ़कर 65 हो गई। इस उपलब्धि के लिये पूरे विश्व में पीलीभीत टाइगर रिज़र्व की चर्चा भी हुई।
  • विदित है कि संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) में पारिस्थितिक तंत्र और जैव विविधता के प्रमुख मिस मिंडोरी पैक्सटन की ओर से नवंबर 2020 को पीलीभीत टाइगर रिज़र्व को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का टाइगर एक्स टू अवार्ड दिया गया था।
  • इस अवार्ड की खास बात यह थी कि विश्व के 13 ऐसे देश, जहाँ बाघ पाए जाते हैं, इन देशों में सिर्फ भारत के पीलीभीत टाइगर रिज़र्व को बाघों की संख्या बढ़ाने पर यह अवार्ड मिला था। इसके बाद बाघों की बढ़ती संख्या का असर भी देखा गया। जंगल और उसके बाहर के इलाकों में बाघों की सक्रियता बढ़ गई। हालाँकि पूर्व की अपेक्षा मानव वन्यजीव संघर्ष में कमी आई।
  • उल्लेखनीय है कि ‘कंजर्वेशन एश्योर्ड टाइगर स्टैंडर्ड्स’ की अधिकारिक तौर पर वर्ष 2013 में शुरूआत की गई थी। इसके तहत सात मानक स्तंभों और 17 मूल तत्त्वों पर आधारित लक्षित प्रजातियों के प्रभावी प्रबंधन के लिये मानदंड तय किये जाते हैं। इसके तहत बाघों के संरक्षण के क्षेत्र को जाँच और परखने का अवसर दिया जाता है।

राजस्थान Switch to English

राष्ट्र स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग सम्मेलन

चर्चा में क्यों?

26 मार्च, 2023 को राजस्थान के आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने राज्य के शांति और अहिंसा विभाग का दो दिवसीय राष्ट्र स्तरीय खादी एवं ग्रामोद्योग सम्मेलन का बीकानेर के डागा पैलेस में उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री की पहल पर महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुँचाने के लिये देश का पहला शांति और अहिंसा विभाग राजस्थान में स्थापित किया गया है एवं इस विभाग के माध्यम से समय-समय पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
  • इन कार्यक्रमों के माध्यम से देश के विभिन्न क्षेत्रों में खादी और ग्रामोद्योग के लिये कार्य करने वाले लोगों और संस्थाओं को एक-दूसरे को समझने का अवसर मिलेगा।
  • राज्य भूदान यज्ञ बोर्ड के अध्यक्ष लक्ष्मण कड़वासरा ने बताया कि खादी को प्रोत्साहित करने के आंदोलन में बीकानेर की भूमिका महत्त्वपूर्ण रही है एवं यहां की अनेक खादी संस्थाओं ने जन-जन में देशभक्ति की भावना जगाई। बेरोज़गारी की समस्या के समाधान में खादी की भूमिका महत्त्वपूर्ण हो सकती है।
  • बीकानेर के ज़िला कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल ने बताया कि कार्यक्रम में देश के विभिन्न क्षेत्रों की 152 खादी संस्थाओं के प्रतिनिधि भागीदारी निभा रहे हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के प्रतिनिधि शामिल हैं।
  • दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिये जाएंगे।

राजस्थान Switch to English

राजस्थान साहित्य उत्सव (साहित्य कुंभ-2023) जोधपुर में शुरू

चर्चा में क्यों?

25 मार्च, 2023 को राजस्थान के कला एवं संस्कृति मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने तीनदिवसीय राजस्थान साहित्य उत्सव (साहित्य कुंभ-2023) के आयोजन का शुभारंभ जोधपुर के उम्मेद उद्यान स्थित जनाना बाग में किया।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री डॉ. बी.डी. कल्ला ने समारोह में विभिन्न अकादमियों की ओर से उल्लेखनीय कृतित्व तथा विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान के लिये 7 मनीषी विद्वानों/साहित्यकारों को विभिन्न पुरस्कारों से विभूषित किया।
  • इनमें राजस्थान संस्कृत अकादमी, जयपुर की ओर से जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय दिल्ली में संस्कृत एवं प्राच्य विद्या संस्थान में एसोसिएट प्रोफेसर प्रमोद कुमार शर्मा को अखिल भारतीय माघ पुरस्कार तथा आयुर्वेद एवं संस्कृत के मनीषी प्रो. वैद्य बनवारी लाल गौड़ को अंबिकादत्त व्यास पुरस्कार दिया गया।
  • राजस्थान उर्दू अकादमी, जयपुर की ओर से डॉ. अशरद अब्दुल हमीद (टोंक) को प्रो. महमूद शिरानी अवॉर्ड और आदिल रजा मंसूरी (जयपुर) को अख्तर शिरानी अवॉर्ड, प्रख्यात बाल साहित्यकार डॉ. दिविक रमेश (दिल्ली) एवं डॉ. प्रबोध कुमार गोविल (जयपुर) तथा कलाधर्मी एवं बहुआयामी सृजनात्मक रचनाकार चांद मोहम्मद घोसी (मेड़ता) को पंडित जवाहरलाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी जयपुर के बाल साहित्य मनीषी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।
  • समारोह में राजस्थान साहित्य अकादमी की ओर से पद्मश्री चंद्रप्रकाश देवल को पं जनार्दन राय नागर पुरस्कार तथा हबीब कैफी एवं शिवराज छंगाणी को विशिष्ट साहित्यकार सम्मान प्रदान किया गया।

मध्य प्रदेश Switch to English

रीवा के सुंदरजा आम और मुरैना की गजक को मिला जीआई टैग

चर्चा में क्यों?

26 मार्च, 2023 को केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए बताया कि मध्य प्रदेश के रीवा ज़िले के सुंदरजा आम और मुरैना की गज़क को GI टैग प्रदान किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि सुंदरजा आम मध्य प्रदेश के रीवा ज़िले के गोविंदगढ़ कस्बे में बहुतायत में होता है। फलों के राजा आम की यह एक विशेष प्रजाति है। सुंदरजा सिर्फ भारत के लोगों की ही पसंद नहीं है बल्कि विदेशों में भी इसकी चर्चा हैं। सुंदरजा आम की खासियत यह है कि यह बिना रेशे वाला होता है और इसमें पाई जाने वाली शर्करा का प्रकार कुछ ऐसा है कि इसे शुगर के मरीज भी खा सकते हैं।
  • विंध्य क्षेत्र की शान समझे जाने वाले सुंदरजा आम का उत्पादन पहले रीवा ज़िले के गोविंदगढ़ किले के बगीचों में होता था लेकिन कालांतर में गोविंदगढ़ इलाके के साथ ही रीवा शहर से लगे कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में भी बहुतायत मात्रा में इसकी खेती की जाती है।
  • हालाँकि गोविंदगढ़ के बागों में होने वाला सुंदरजा आम हल्का सफेद रंग लिये होता है जबकि रीवा के कुठुलिया फल अनुसंधान केंद्र में उत्पादित होने वाला सुंदरजा आम हल्का हरा होता है।
  • सुंदरजा आम की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि वर्ष 1968 में इस आम के नाम पर डाक टिकट जारी किया गया था।
  • वहीं, मुरैना का गज़क एक प्रकार की मिठाई है। अगर गज़क के साथ मुरैना का नाम जुड़ जाए तो लोग इसे क्वालिटी और स्वाद के लिये सर्वश्रेष्ठ मानते हैं। इसीलिये मुरैना की गज़क का स्वाद पूरे देश में प्रसिद्ध है।
  • गज़क बनाने का काम मुरैना का मुख्य उद्योग है। मुरैना जैसे छोटे ज़िले में लगभग गज़क की एक हज़ार से अधिक दुकानें हैं। अगर गुड़ और तिल से बनी मिठाइयों की बात आए तो गज़क को श्रेष्ठ माना जाता है। इस गज़क का इस्तेमाल लोग पूरे साल करते हैं, लेकिन सर्दियों में इसे खाना गुणकारी माना जाता है।
  • विदित है कि हाल ही में दिल्ली में प्रगति मैदान में लगी फूड फेस्टिवल में मुरैना के गज़क को इटली, दुबई, ब्रिटेन से आए डेलीगेट्स ने काफी पसंद किया था।
  • गौरतलब है कि किसी भी रीजन का जो क्षेत्रीय उत्पाद होता है, उससे उस क्षेत्र की पहचान होती है। उस उत्पाद की ख्याति जब देश-दुनिया में फैलती है तो उसे प्रमाणित करने के लिये एक प्रक्रिया होती है, जिसे ‘जीआई टैग’ यानी जियोग्राफिकल इंडीकेटर (भौगोलिक संकेतक) कहते हैं। किसी क्षेत्र के किसी खास उत्पाद के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया वर्ष 2003 में शुरू की गई थी। इसलिये जीआई टैग को 2003 में शुरू किया गया। भारत में सबसे पहला जीआई टैग 2004 में पश्चिम बंगाल की Darjeeling Tea (दार्जिलिंग चाय) को दिया गया था।
  • किसी भी क्षेत्र की विशेष वस्तु जो उस क्षेत्र के अलावा कहीं और नहीं पाई जाए, उसे विशेष पहचान दिलाने के लिये जीआई टैग दिया जाता है। जीआई टैग उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग द्वारा जारी किया जाता है, जो वाणिज्य मंत्रालय के तहत संचालित होता है।
  • उल्लेखनीय है कि सुंदरजा आम और मुरैना की गज़क के साथ ही छत्तीसगढ़ के धमतरी ज़िले के नागरी दूबराज चावल को भी जीआई टैग मिला है।

हरियाणा Switch to English

अरावली ग्रीन वाल परियोजना का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

25 मार्च, 2023 को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने हरियाणा के गुरुग्राम ज़िले के टिकली गाँव में अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में ‘अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट’ का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु

  • अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट का उद्देश्य पाँच राज्यों में फैली अरावली पर्वत श्रृंखला के लगभग 5 किमी. के बफर क्षेत्र को हरित बनाना है।
  • कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने वानिकी के माध्यम से मरुस्थलीकरण और भूमि क्षरण का मुकाबला करने के लिये एक कार्ययोजना और भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद द्वारा कृषि वानिकी पर प्रकाशित एफएक्यू का अनावरण किया।
  • अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के तहत वनरोपण, पुन: वनीकरण और जल स्रोतों की बहाली के माध्यम से न सिर्फ अरावली के हरित क्षेत्र और जैव विविधता में बढ़ोतरी होगी, बल्कि क्षेत्र की मिट्टी की उर्वरता, पानी की उपलब्धता और जलवायु में भी सुधार होगा।
  • यह परियोजना स्थानीय समुदायों को रोज़गार के अवसर, आय सृजन और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाएँ प्रदान करके लाभान्वित करेगी।
  • हरियाणा में अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के शुरुआती चरण में, परियोजना के तहत 75 जल स्रोतों का कायाकल्प किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 25 मार्च को अरावली परिदृश्य के प्रत्येक ज़िले में पाँच जल स्रोतों से हुई ।
  • परियोजना में अरावली क्षेत्र में बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण अभियान और जल संसाधनों का संरक्षण भी शामिल होगा। यह परियोजना गुरुग्राम, फरीदाबाद, भिवानी, महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी ज़िलों में बंजर भूमि को शामिल करेगी।
  • स्वैच्छिक संगठन, सोसाइटी फॉर जियोइन्फॉर्मेटिक्स एंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट और एनजीओ, आईएमगुरुग्राम क्रमश: बंधवाड़ी और घाटबंध में जल स्रोतों के पुनरुद्धार के लिये श्रमदान के उद्देश्य से लोगों को जुटाने के काम में लगे हुए हैं।
  • उल्लेखनीय है कि अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट केंद्रीय वन मंत्रालय के भूमि क्षरण और मरुस्थलीकरण से निपटने के लिये देश भर में ग्रीन कॉरिडोर तैयार करने के विजन का हिस्सा है। इस परियोजना में हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और दिल्ली राज्य शामिल हैं जहाँ 60 लाख हेक्टेयर क्षेत्र पर अरावली की पहाड़ियाँ फैली हैं।
  • इस परियोजना में तालाबों, झीलों और नदियों जैसे सतही जल स्रोतों के कायाकल्प और पुनर्स्थापन के साथ-साथ झाड़ियों, बंजर भूमि और खराब वन भूमि पर पेड़ों और झाड़ियों की मूल प्रजातियों को लगाना शामिल होगा।
  • यह परियोजना स्थानीय समुदायों की आजीविका बढ़ाने के लिये कृषि वानिकी और चरागाह विकास पर भी ध्यान केंद्रित करेगी।
  • अरावली ग्रीन वाल प्रोजेक्ट के निम्नलिखित उद्देश्य हैं-
    • अरावली रेंज के पारिस्थितिकी सेहत में सुधार।
    • थार मरुस्थल के पूर्व की ओर विस्तार को रोकने और हरित बाधाओं को बनाकर भूमि क्षरण को कम करना, जो मिट्टी के कटाव, मरुस्थलीकरण और धूल भरी आंधियों को रोकेंगे।
    • यह हरित दीवार अरावली क्षेत्र में देशी वृक्ष प्रजातियों को लगाकर, वन्यजीवों के लिये आवास प्रदान करके तथा पानी की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार करके अरावली रेंज की जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को बढ़ाने के लिये कार्बन पृथक्करण और जलवायु परिवर्तन को कम करने में मदद करेगी।
    • वनीकरण, कृषि-वानिकी और जल संरक्षण गतिविधियों से स्थानीय समुदायों को जोड़कर सतत् विकास और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा देना जिससे आय, रोज़गार, खाद्य सुरक्षा और सामाजिक लाभ सामने आएंगे।
    • इस परियोजना को केंद्र और राज्य सरकारों, वन विभागों, अनुसंधान संस्थानों, नागरिक समाज संगठनों, निजी क्षेत्र की संस्थाओं और स्थानीय समुदायों जैसे विभिन्न हितधारकों द्वारा निष्पादित किया जाएगा। परियोजना की सफलता सुनिश्चित करने के लिये पर्याप्त वित्तपोषण, तकनीकी कौशल, नीति समन्वय और जन-जागरूकता आदि पर काम किया जाएगा।
    • यूएनसीसीडी (यूनाइटेड नेशंस कन्वेंशन टू काम्बैट डायवर्सिफिकेशन), सीबीडी (कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी) और यूएनएफसीसीसी (यूनाइटेशन नेशंस फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑन क्लाइमेट चेंज) जैसे विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों के तहत भारत की प्रतिबद्धताओं के लिये योगदान करना।
    • पर्यावरण संरक्षण और हरित विकास में वैश्विक लीडर के रूप में भारत की छवि को आगे बढ़ाना।

हरियाणा Switch to English

हरियाणा की दो महिला मुक्केबाजों ने विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में जीते दो गोल्ड मेडल

चर्चा में क्यों?

25 मार्च, 2023 को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में हरियाणा की दो खिलाड़ियों-नीतू घणघस और स्वीटी बूरा ने गोल्ड मेडल जीतकर हरियाणा और हिन्दुस्तान का नाम रोशन किया।

प्रमुख बिंदु

  • विदित है कि नीतू घणघस राज्य के भिवानी ज़िले के गाँव धनाना की रहने वाली है तथा स्वीटी बूरा हिसार ज़िले के घिराय गाँव की है।
  • नीतू घणघस का 45-48 किलोग्राम भार वर्ग में फाइनल मुकाबला मंगोलिया की लुत्शेखान अल्तांतसेग के साथ था। इस मुकाबले में नीतू ने अपने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए मंगोलिया की मुक्केबाज को 5-0 से हराते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया।
  • गौरतलब है कि पिछले साल कॉमनवेल्थ गेम्स में भी नीतू घणघस ने गोल्ड मेडल जीतकर हिन्दुस्तान और हरियाणा का गौरव बढ़ाया था।
  • वहीं दूसरी ओर स्वीटी बूरा ने 81 किलोग्राम भारवर्ग में चीन की वैंग लीना को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम किया। स्वीटी ने ये मुकाबला 4-3 के स्प्लिट डिसिजन से जीता। इससे पहले स्वीटी बूरा ने नौ साल पहले इसी प्रतियोगिता में सिल्वर मेडल जीता था।

छत्तीसगढ़ Switch to English

खेल अकादमी बिलासपुर की बालिका ने जीता गोल्ड मेडल

चर्चा में क्यों?

26 मार्च, 2023 को खेल एवं युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भारतीय खेल प्राधिकरण एवं प्रदेश आरचरी एसोसिएशन द्वारा ज़िला रायपुर में महिलाओं के लिये आयोजित दस का दम तीरंदाज़ी प्रतियोगिता में खेल अकादमी बिलासपुर की तुलेश्वरी खुसरो ने गोल्ड मेडल प्राप्त किया है।

प्रमुख बिंदु

  • विभाग के अधिकारियों ने बताया कि दस का दम तीरंदाज़ी प्रतियोगिता में बिलासपुर के ग्राम शिवतराई में संचालित तीरंदाज़ी प्रशिक्षण उपकेंद्र की खिलाड़ी कु. तुलेश्वरी खुसरो ने इंडियन राउंड में 656 अंक प्राप्त करते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त किया तथा संचालित राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र (खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस) बिलासपुर की खिलाड़ी कु. दिव्या यादव ने 647 अंक प्राप्त करते हुए तीसरा स्थान प्राप्त किया।
  • विदित है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग प्रदेश में निरंतर खेलों को बढ़ावा दे रहा है, जिस हेतु विभाग द्वारा राज्य में खेल अकादमी प्रारंभ की जा रही हैं, जहाँ खिलाड़ियों को उच्चतम स्तर की सुविधाओं के साथ गुणवत्तायुक्त प्रशिक्षण दिये जा रहे हैं।
  • भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा स्व. बी. आर. यादव राज्य खेल प्रशिक्षण केंद्र को खेलो इंडिया स्टेट सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्वीकृत किया गया है, जिसके तहत हॉकी अकादमी जून 2022 एवं तीरंदाज़ी व एथलेटिक अकादमी नवंबर 2022 से प्रारंभ हुई।
  • इन अकादमियों में खिलाड़ियों को नि:शुल्क आवासीय व्यवस्था के साथ राष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त प्रशिक्षकों के माध्यम से प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है, जिससे एक वर्ष से भी कम समय में खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित किये हैं तथा अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के लिये भी क्वालीफाई किया है।
  • इनमें अमित कुमार ने 33वीं वेस्ट ज़ोन एथलेटिक चैंपियनशिप रायपुर, वॉक रेस 10 किमी. में स्वर्ण पदक, अंकित अहलावत ने राष्ट्रीय इंटर डिस्ट्रिक्ट एथलेटिक मीट, आंध्र प्रदेश, डिस्कस थ्रो में कांस्य पदक, अर्जुन कोवाची ने तीसरी एकलव्य आवासीय विद्यालय नेशनल स्पोर्ट्स मीट, आंध्र प्रदेश, 1500 मी. रेस में स्वर्ण पदक, गितेश यादव ने चौथी खेलो इंडिया ईस्ट ज़ोन आरचरी चैंपियनशिप, कोलकाता, इंडियन राउंड में रजत पदक और अमित कुमार ने राष्ट्रीय एथलेटिक चैंपियनशिप, बंगलूरू, वॉक रेस में कांस्य पदक के साथ एशियन चैंपियनशिप हेतु क्वालीफाई किया तथा आदित्य कुमार जूनियर इंडिया कैंप हेतु चयनित हुआ।
  • राज्य शासन द्वारा ग्राम शिवतराई, ज़िला बिलासपुर में तीरंदाज़ी प्रशिक्षण उपकेंद्र स्वीकृत किया गया है, जिसे खेलो इंडिया लघु केंद्र के रूप में भी चिह्नित किया गया है। प्रशिक्षण उपकेंद्र प्रारंभ होने से खिलाड़ियों को डाईटमनी के साथ ही इंडियन एवं रिकर्व बो प्रदाय कर नि:शुल्क प्रशिक्षण उपलब्ध कराया जा रहा है।
  • अकादमी प्रारंभ होने के 1 वर्ष के भीतर यहाँ के खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय स्तर पर पदक अर्जित किया है। इनमें कुबेर सिंह जगत ने चौथी खेलो इंडिया ईस्ट ज़ोन आरचरी चैंपियनशिप, कोलकाता, इंडियन राउंड में स्वर्ण पदक तथा विकास कुमार, अजय कुमार एवं कुबेर सिंह जगत ने 42वीं एन.टी.पी.सी. जूनियर नेशनल आरचरी चैंपियनशिप गोवा, इंडियन राउंड में रजत पदक जीता।

उत्तराखंड Switch to English

पहली बार यात्रा मार्गों पर लगेंगे 50 हेल्थ एटीएम

चर्चा में क्यों?

26 मार्च, 2023 को उत्तराखंड में चारधाम यात्रा पर आने वाले तीर्थयात्रियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिये पहली बार यात्रा मार्गों पर 50 हेल्थ एटीएम लगाए जाने हेतु मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में स्वास्थ्य विभाग और हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज (एचपीई) के बीच एमओयू किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि चारधाम यात्रा में हेल्थ एटीएम लगाए जाने से श्रद्धालुओं को काफी सुविधा होगी।
  • हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज के निदेशक अंकुर मल्होत्रा ने बताया कि सीएसआर के तहत चारधाम यात्रा के लिये हेल्थ एटीएम उपलब्ध कराए जा रहे हैं, जिसमें 70 से अधिक जाँच की जा सकती हैं।
  • जाँच के साथ ही हेल्थ एटीएम से टेली मेडिसिन के माध्यम से विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श लिया जा सकेगा। हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज की ओर से 24 घंटे ये सेवाएँ प्रदान की जाएंगी।
  • आगामी तीन माह तक कंपनी के इंजीनियरों की ओर से हेल्थ एटीएम की देखरेख की जाएगी। 24 अप्रैल, 2023 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसका शुभारंभ करेंगे।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि मानसखंड स्थित पवित्र स्थानों मानसरोवर यात्रा, बैजनाथ धाम, कैंची धाम, पूर्णागिरी, चितई धाम के लिये भी हेवलेट पैकर्ड एंटरप्राइज से हेल्थ एटीएम की सुविधा प्रदान की जानी चाहिये। केदारखंड की तर्ज पर मानसखंड के लिये भी सीएसआर के तहत हेल्थ एटीएम मेडिकल कियोस्क मशीन उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियाँ न हो, इसके लिये स्वास्थ्य सुविधाओं को लगातार बेहतर बनाया जा रहा है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में जल्द ही गर्भवती महिलाओं को बर्थ वेंटिग होम की सुविधा

चर्चा में क्यों?

25 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि प्रदेश में मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत उच्च जोखिम गर्भवती महिलाओं को प्रसव की संभावित तिथि से पूर्व बर्थ वेटिंग होम की सुविधा उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।

प्रमुख बिंदु

  • बर्थ वेटिंग होम की सुविधा प्रदेश के सभी 13 जनपदों में स्थापित वन स्टॉप सेंटर व कामकाजी महिला छात्रावास में की जाएगी।
  • राज्य में 1 माह से 5 वर्ष तक की आयु के बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम करने के लिये सीमांत ज़िला पिथौरागढ़ में पोषण पुनर्वास केंद्र स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र में कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को भर्ती कर मानकों के अनुसार पोषण चिकित्सा की देखभाल प्रदान की जाएगी।
  • स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत विभिन्न योजनाओं के लिये 150 करोड़ की बजट की मंजूरी दी है।
  • योजना के तहत दूरस्थ क्षेत्रों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय देखभाल समय पर प्राप्त होगी। साथ ही प्रसव से पूर्व गर्भवती महिलाओं को सहूलियत होगी। होम डिलीवरी को संस्थागत प्रसव में प्रोत्साहित करने के लिये पर्वतीय जनपदों के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में बर्थ वेटिंग होम का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल ज़िले में मोबाइल टीबी वैन शुरू की जाएगी, जिसमें जाँच के लिये एक्सरे व ट्रूनेट मशीन स्थापित होंगी।
  • अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी को मोबाइल एक्सरे के साथ मोबाइल मेडिकल यूनिट में सहमति दी गई। इससे टीबी के मरीजों की स्क्रीनिंग करने में आसानी होगी। मोतियाबिंद की स्क्रीनिंग के लिये टिहरी व पिथौरागढ़ ज़िले में मोबाइल वेन की सुविधा उपलब्ध कराए जाने की स्वीकृति मिली है।
  • एएनएम और सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी को बेसिक लाइफ सपोर्ट का प्रशिक्षण दिया जाएगा। चमोली ज़िले में एनएचएम ऑफिस एवं प्रशिक्षण हॉल की स्वीकृति दी गई है।
  • मरीजों को पर्ची बनाने के लिये लंबी कतार से छुटकारा देने के लिये 14 अस्पतालों में कतार प्रबंधन व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसमें मरीजों को टोकन दिया जाएगा, जिससे उन्हें लाइन में खड़ा न होना पड़े। इसके अलावा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भूपतवाला में खाली पदों को एनएनएम के माध्यम से भरा जाएगा।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2