मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश में खाद्य अपमिश्रण के मामले
चर्चा में क्यों?
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, प्रताप राव जाधव ने राज्यसभा में उत्तर दिया कि, औसतन, मध्य प्रदेश में प्रतिदिन सात खाद्य अपमिश्रण (मिलावट) के मामले दर्ज होते हैं, जिससे राज्य खाद्य सुरक्षा उल्लंघनों के मामले में उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद भारत में तीसरे स्थान पर है।
मुख्य बिंदु
- FSS अधिनियम के तहत दंड: वित्तीय वर्ष 2024-25 में, कुल 13,920 खाद्य नमूनों के परीक्षण में से 2,597 मामलों पर खाद्य सुरक्षा और मानक (FSS) अधिनियम, 2006 के तहत दंड लगाया गया।
- यह 2023-24 की तुलना में 659 मामलों की वृद्धि को दर्शाता है, जब 13,842 नमूनों पर 1,938 दंड लगाए गए थे।
- रुझान विश्लेषण: पिछले पाँच वर्षों में, मध्य प्रदेश ने उत्तर प्रदेश और राजस्थान के बाद सभी राज्यों में खाद्य अपमिश्रण के लिये सबसे अधिक दंड लगाए जाने वाले मामलों का अनुभव किया है।
खाद्य अपमिश्रण
- परिचय: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अनुसार, खाद्य अपमिश्रण से तात्पर्य उन पदार्थों का आशय से जोड़ना, प्रतिस्थापन करना या हटाना है, जो खाद्य की प्रकृति, गुणवत्ता, या सुरक्षा पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- इसमें उन अप्रत्यक्ष संदूषण (unintentional contamination) को भी शामिल किया जाता है, जो खेती, फसल कटाई, भंडारण, प्रसंस्करण, परिवहन, या वितरण के दौरान हो सकता है।
- भारत में खाद्य अपमिश्रण के कारण:
- अप्रभावी प्रवर्तन और खंडित खाद्य आपूर्ति शृंखलाएँ (80% अनौपचारिक बाज़ारों में)।
- एकीकृत राष्ट्रीय नीति का अभाव और वैश्विक सुरक्षा मानकों से विचलन।
- प्रसंस्करण उद्योगों में संसाधन की कमी, तलने के तेल का पुन: उपयोग, अस्वच्छता।
- कीटनाशक अवशेष और निम्नस्तरीय पोषण संवर्द्धन प्रथाएँ; भ्रामक लेबलिंग।
- कानूनी और नीतिगत ढाँचा:
- FSSA, 2006 और FSSAI- उत्पादन, आयात, बिक्री और मानकों को नियंत्रित करता है।.
- पैकेजिंग और लेबलिंग नियम, 2011- सामग्री, एलर्जन और समाप्ति तिथि का खुलासा।
- उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019- अपमिश्रित खाद्य के लिये मुआवज़े का अधिकार।
- अनुशंसित उपाय:
- खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र को औपचारिक रूप प्रदान करना (जैसे, PM FME योजना)।
- नियमों को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाना; FSSA में संशोधन करना।
- कुशल कार्यबल बढ़ाना; उद्योग–शैक्षणिक सहयोग को बढ़ावा देना।
- निगरानी, दंड, मोबाइल लैब्स और आपूर्ति शृंखला प्रबंधन को सुदृढ़ करना।
- अपस्ट्रीम/डाउनस्ट्रीम संदूषण नियंत्रण के लिये वन हेल्थ दृष्टिकोण अपनाना।
राजस्थान Switch to English
पहला प्रवासी राजस्थानी दिवस
चर्चा में क्यों?
पहला प्रवासी राजस्थानी दिवस 10 दिसंबर, 2025 को जयपुर में मनाया जाएगा, जो राइजिंग राजस्थान पार्टनरशिप कॉन्क्लेव के साथ आयोजित होगा, ताकि अन्य राज्यों और देशों में रहने वाले राजस्थानी प्रवासियों के योगदान को सम्मानित किया जा सके।
मुख्य बिंदु
- परिचय: यह एक दो दिवसीय सम्मेलन (कॉन्क्लेव) है, जिसे वर्ष 2024 के राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के फॉलो-अप के रूप में आयोजित किया गया है, जिसमें प्रमुख घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्थानों पर पहले से ही निवेशक प्रदर्शनियाँ (investor roadshows) आयोजित की जाएँगी।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारी को प्रोत्साहन प्रदान करना और राज्य के प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय एवं बहुपक्षीय संगठनों के साथ संबंधों को सुदृढ़ करना है।
- कार्यक्रम: राज्य सरकार प्रवासी राजस्थानी सम्मान पुरस्कार प्रदान करेगी। यह पुरस्कार गैर-निवासी राजस्थानीयों (NRR) को उनके व्यवसाय, विज्ञान, कला, उद्योग, परोपकार, सामाजिक सेवा और संगीत में वैश्विक उपलब्धियों के लिये दिया जाएगा।
- महत्त्व: यह कार्यक्रम राजस्थानी प्रवासी समुदाय की उपलब्धियों का उत्सव मनाने और रणनीतिक औद्योगिक सहयोग को प्रोत्साहन प्रदान करने का एक मंच प्रदान करेगा।
- यह गैर-निवासी राजस्थानीयों (NRR) को अपनी जड़ों से पुनः जुड़ने और राज्य की वृद्धि तथा विकास में निवेश करने का अवसर प्रदान करेगा।
- यह कार्यक्रम राज्य सरकार की NRR नीति 2025 के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य प्रवासी समुदाय के साथ सतत् सहभागिता सुनिश्चित करना और निवेश के लिये एक सहायक वातावरण बनाना है।
- अन्य उपाय: राजस्थान सरकार (GoR) ने मार्च 2001 में ‘राजस्थान फाउंडेशन (RF)’ की स्थापना की थी, जो राजस्थान सोसाइटी रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1958 के तहत गैर-निवासी राजस्थानीयों (NRR) के साथ स्थायी और सार्थक संबंध बनाए रखने के लिये की गई थी।
प्रवासी भारतीय दिवस (PBD)
- परिचय: प्रवासी भारतीय दिवस (PBD) प्रत्येक दो वर्ष में 9 जनवरी को मनाया जाता है, ताकि भारतीय प्रवासी (इंडियन डायस्पोरा) समुदाय के अपने मातृभूमि के प्रति योगदान का उत्सव मनाया जा सके।
- 18वाँ प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन (PBD) 8 से 10 जनवरी, 2025 तक ओडिशा द्वारा आयोजित किया गया, जिसका विषय था ‘विकसित भारत में प्रवासी भारतीय समुदाय का योगदान’ (Diaspora's Contribution to a Viksit Bharat)।
- पृष्ठभूमि एवं इतिहास: यह द्विवार्षिक उत्सव 1915 के उस दिन की स्मृति में मनाया जाता है, जब महात्मा गांधी, जो सबसे महान प्रवासी (माइग्रेंट) थे, दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे ताकि देश की स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व कर सकें।
- PBD सम्मेलन: PBD सम्मेलन की स्थापना सबसे पहले वर्ष 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के तहत की गई थी, ताकि विदेशों में रहने वाले भारतीय समुदाय को सम्मानित करने और उनके साथ जुड़ने के लिये एक मंच प्रदान किया जा सके।
- प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार (PBSA): यह पुरस्कार, प्रवासी भारतीय कार्यक्रम के तहत प्रदान किया जाता है और यह गैर-निवासी भारतीय (NRI), भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO) या उनके द्वारा स्थापित और संचालित संगठन या संस्थान को दिया जाने वाला सर्वोच्च सम्मान है।
- यह पुरस्कार प्रवासी भारतीय समुदाय के योगदान को सम्मानित करने के लिये दिया जाता है, ताकि विदेशों में भारत की बेहतर समझ बनाई जा सके, भारत के उद्देश्यों का समर्थन किया जा सके और स्थानीय भारतीय समुदाय के कल्याण हेतु कार्य किया जा सके।