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छत्तीसगढ़ स्टेट पी.सी.एस.

  • 14 Oct 2025
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माओवादी-प्रभावित अबूझमाड़ से जोड़ने हेतु सड़क परियोजना

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ सरकार ने नारायणपुर ज़िले के माओवादी-प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले 21.5 किमी. लंबी सड़क खंड के निर्माण को मंज़ूरी प्रदान की है।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: यह सड़क तीन खंडों में विकसित की जाएगी और अनुमानित लागत ₹152 करोड़ होगी। इसे दो-लेन पक्की सड़क के साथ डिज़ाइन किया गया है, जो घने वन वाले क्षेत्र में पूरे वर्ष आवाजाही सुनिश्चित करेगी।
  • डायरेक्ट लिंक: नई सड़क माओवादी प्रभावित अबूझमाड़ क्षेत्र के दूरस्थ कुटुल क्षेत्र को महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित नीलांगुर से प्रत्यक्ष रूप से जोड़ देगी।
    • 21.5 किमी. का यह खंड 195 किमी. NH-130D का हिस्सा है, जो NH-30 की एक शाखा है, जो कोंडागाँव से शुरू होती है, नारायणपुर और कुटुल से गुजरती है और महाराष्ट्र में विस्तारित होती है।
    • महाराष्ट्र की ओर, यह मार्ग बिंगुंडा, लाहेरी, धोदराज, भामरगढ़, हेमा और लकासा से होकर गुजरेगा और इन क्षेत्रों को NH-353D, अलापल्ली से जोड़ेगा।
    • ऐतिहासिक रूप से, ये क्षेत्र माओवादी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित थे। हालाँकि, तीव्र नक्सल-विरोधी अभियानों के कारण उग्रवादी गतिविधियाँ काफी हद तक कम हो गई हैं, जिससे बुनियादी ढाँचे के विकास की संभावनाएँ बनी हुई हैं।
  • प्रभाव: सड़क निर्माण के पूरा होने के बाद बस्तर को राष्ट्रीय राजमार्ग नेटवर्क से प्रत्यक्ष कनेक्शन मिलेगा। इस कनेक्टिविटी से व्यापार, पर्यटन और वामपंथी उग्रवाद (LWE) प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा संचालन को बढ़ावा मिलने की आशा है।


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छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल ने धान खरीद मूल्य निर्धारित किया

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ मंत्रिमंडल ने मुख्यमंत्री विष्‍णु देव साय की अध्यक्षता में 2025-26 खरीफ विपणन सीजन (KMS) के लिये धान की खरीद के महत्त्वपूर्ण उपायों को मंज़ूरी दी है।

मुख्य बिंदु

  • खरीदी केंद्र: 2025-26 खरीफ के लिये धान की खरीद 15 नवंबर, 2025 से शुरू होगी, ₹3,100 प्रति क्विंटल दर पर, और यह प्रक्रिया 31 जनवरी, 2026 तक चलेगी। इससे राज्य भर के 25 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा।
    • कुल 2,739 खरीद केंद्र पूरे राज्य में स्थापित किये जाएँगे, साथ ही नई और पुरानी जूट के बोरे पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जाएँगे ताकि सुव्यवस्थित परिवहन और ढुलाई कार्य सुनिश्चित किया जा सके।
    • भारतीय खाद्य विभाग, भारत सरकार ने KMS 2025-26 के दौरान केंद्रीय पूल के लिये 73 लाख मीट्रिक टन चावल का लक्ष्य निर्धारित किया है।
  • भुगतान प्रक्रिया: किसान अपने उत्पाद को सहकारी समितियों को बेचने के 6 से 7 दिनों के भीतर भुगतान प्राप्त करेंगे। धान की खरीद के लिये प्रति एकड़ 21 क्विंटल की सीमा निर्धारित की गई है।
  • डिजिटल फसल सर्वेक्षण: 23 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में डिजिटल फसल सर्वेक्षण किया गया है, जिससे धान की खेती वाले क्षेत्रों का मानचित्र तैयार किया गया है। इस डेटा को 20,000 गाँवों में सार्वजनिक रूप से सत्यापित किया जा रहा है।
  • प्रौद्योगिकी-आधारित पहल:
    • टोकन तुंहर हाथ (Token Tunhar Haath) मोबाइल ऐप: यह किसानों को धान बेचने के लिये ऑनलाइन स्लॉट बुक करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे खरीद केंद्रों पर प्रतीक्षा समय और कतारें कम होती हैं।
    • बायोमेट्रिक आधारित खरीद प्रणाली: यह सुनिश्चित करती है कि खरीद केवल सत्यापित वास्तविक किसानों से ही की जाए।
    • ई-KYC आवश्यकता: एग्रीस्टैक (AgriStack) पोर्टल के माध्यम से अनिवार्य ई-KYC पंजीकरण, पारदर्शिता बढ़ाने और डुप्लीकेट से बचाव हेतु।
    • प्रोत्साहन: जो सहकारी समितियाँ इस सीज़न में शून्य नुकसान या बर्बादी सुनिश्चित करती हैं, उन्हें प्रति क्विंटल ₹5 का प्रोत्साहन मिलेगा।
  • निगरानी एवं नियंत्रण: मार्कफेड कार्यालय में एक एकीकृत कमांड एवं नियंत्रण केंद्र (Integrated Command and Control Centre) स्थापित किया जाएगा, जबकि ज़िला स्तर पर नियंत्रण कक्ष बनाए जाएँगे ताकि खरीद प्रक्रिया की निगरानी की जा सके।
    • ज़िलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रशासनिक अधिकारियों को केंद्र प्रभारी नियुक्त करें और विशेष जाँच दलों का गठन करें, ताकि पड़ोसी राज्यों से धान के अवैध परिवहन या पुनर्चक्रण को रोका जा सके।
  • महत्त्व: छत्तीसगढ़ सरकार के ये रणनीतिक कदम अपने मुख्य धान खरीद तंत्र को सशक्त बनाने, पारदर्शिता बढ़ाने तथा किसानों को समय पर भुगतान और उनके फसल का उचित मूल्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण प्रयास हैं।

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