राजस्थान Switch to English
राजस्थान के सरकारी अस्पताल में CAR-T सेल थेरेपी सुविधा
चर्चा में क्यों?
जयपुर स्थित SMS अस्पताल, राजस्थान का पहला सरकारी अस्पताल बन जाएगा जहाँ CAR-T सेल थेरेपी की सुविधा के साथ एक समर्पित क्लिनिकल हेमेटोलॉजी (DCH) विभाग स्थापित किया जाएगा।
मुख्य बिंदु
- SMS अस्पताल के बारे में:
- इस अस्पताल में क्लीनिकल हीमेटोलॉजी विभाग (DCH) की स्थापना हीमेटोलॉजिकल कैंसर और रक्त संबंधी विकारों (जिसमें ब्लीडिंग डिसऑर्डर तथा बोन मैरो ट्रांसप्लांट शामिल हैं) के उपचार हेतु की गई है।
- यह नया विभाग अब CAR-T सेल थेरेपी जैसी उन्नत उपचार सुविधा प्रदान करेगा, जो अब तक केवल राज्य के निजी अस्पतालों में ही उपलब्ध थी।
- हालाँकि यह विभाग वर्तमान में SMS अस्पताल में संचालित है, परंतु इसे बेहतर ढाँचे और सुविधाओं के लिये भविष्य में स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
- CAR-T सेल थेरेपी:
- परिचय;
- CAR-T सेल थेरेपी (Chimeric Antigen Receptor T-Cell Therapy) भारत की पहली स्वदेशी जीन थेरेपी है, जो कैंसर के उपचार के लिये विकसित की गई है।
- यह नवीन चिकित्सा आनुवंशिक संशोधनों पर आधारित थेरेपी है, जो विशेष रूप से रक्त कैंसर जैसे कुछ प्रकार के कैंसर के लिये आशाजनक उपचार प्रदान करती है।
- इस प्रक्रिया में रोगी की टी-कोशिकाएँ (प्रतिरक्षा कोशिकाएँ) रक्त से निकाली जाती हैं और उन्हें आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है ताकि वे कैंसर कोशिकाओं की पहचान कर उन्हें नष्ट कर सकें।
- संशोधित कोशिकाओं को चिमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR) टी-कोशिकाएँ कहा जाता है, जिन्हें शरीर में पुनः प्रविष्ट कर B -कोशिकाओं को लक्षित किया जाता है और पुनरावृत्ति को रोका जाता है।
- यह थेरेपी भारत में अंतर्राष्ट्रीय लागत के दसवें हिस्से में विकसित की गई है, जिससे यह भारतीय रोगियों के लिये अधिक सुलभ बन गई है।
- महत्त्व:
- भारत की CAR-T सेल थेरेपी एक अतिरिक्त और रोगी-विशिष्ट उपचार विकल्प प्रदान करती है, क्योंकि संशोधित टी-कोशिकाएँ शरीर में बनी रहती हैं तथा कैंसर की पुनरावृत्ति के विरुद्ध दीर्घकालिक प्रतिरक्षा प्रदान करती हैं।
- यह एक रोगी-विशिष्ट उपचार है, जो पारंपरिक कीमोथेरेपी की तुलना में अधिक सटीक और प्रभावी है।
- उल्लेखनीय है कि जयपुर की 82 वर्षीय महिला देश में CAR-T थेरेपी प्राप्त करने वाली सबसे वृद्ध महिला बन गई हैं।
- परिचय;
- NexCAR19:
- वर्ष 2023 में NexCAR19 भारत की पहली अनुमोदित स्वदेशी CAR-T सेल थेरेपी बनी, जिसे IIT बॉम्बे, टाटा मेमोरियल सेंटर और इम्यूनोएक्ट (IIT बॉम्बे में स्थापित एक स्टार्टअप) के सहयोग से विकसित किया गया था।