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स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Oct 2025
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छत्तीसगढ़ Switch to English

बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में काले हिरण का पुनरुज्जीवन

चर्चा में क्यों?

छत्तीसगढ़ के बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य ने लगभग पाँच दशकों बाद स्थानीय रूप से विलुप्त हो चुके काले हिरण की संख्या को सफलतापूर्वक पुनरुज्जीवित किया है, जो भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि का प्रतीक है।

मुख्य बिंदु

  • पुनर्वास पहल: छत्तीसगढ़ वन विभाग ने काले हिरण (ब्लैकबक) को उनके पर्यावास में लौटाने के उद्देश्य से एक पाँच-वर्षीय पुनर्वास कार्यक्रम (वर्ष 2021-2026) शुरू किया।
  • स्थानांतरण प्रयास: कुल 77 काले हिरण पेश किये गए, 50 राष्ट्रीय प्राणि उद्यान (दिल्ली) से और 27 कनन पेंडारी प्राणि उद्यान (बिलासपुर) से।
  • संख्या की पुनर्प्राप्ति: 1970 के दशक में शून्य संख्या के बाद, अब बारनवापारा में लगभग 190 काले हिरण हैं, जो कार्यक्रम की सफलता को दर्शाता है।
  • भविष्य का विस्तार: इस सफलता से प्रेरित होकर वन विभाग इस मॉडल को अन्य अभयारण्यों तक विस्तारित करने की योजना बना रहा है, जिनमें गोमरधा वन्यजीव अभयारण्य (रायगढ़) शामिल है, जो अपने आदर्श घास के पारिस्थितिक तंत्र (Grassland Ecosystem) हेतु जाना जाता है।

काला हिरण

  • परिचय: काला हिरण (Antilope cervicapra), जिसे इंडियन एंटीलोप भी कहा जाता है, दिन में सक्रिय (Diurnal) रहने वाला जीव है, जो भारत (मुख्य रूप से राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और ओडिशा) तथा नेपाल में पाया जाता है।
    • इसे भारत के घास पारिस्थितिक तंत्र (Grassland Ecosystem) का प्रतीक माना जाता है।
  • पर्यावास: वेलावदार ब्लैकबक अभयारण्य (गुजरात), प्वाइंट कैलिमेयर वन्यजीव अभयारण्य (तमिलनाडु) और ताल छपार अभयारण्य (राजस्थान)।
  • संरक्षण स्थिति:
  • जोखिम: पर्यावास का नुकसान और विखंडन, वनोन्मूलन (वनों की कटाई), प्राकृतिक आपदाएँ और अवैध शिकार इस प्रजाति के लिये मुख्य जोखिम हैं।

बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य: परिचय 

  • स्थान और नाम: यह छत्तीसगढ़ के रायपुर ज़िले के उत्तर-पूर्वी कोने में स्थित है और इसका नाम इसके केंद्र में स्थित बार और नवापारा वन गाँवों के नाम पर रखा गया है।
  • भूगोल और स्थलाकृति: अभयारण्य ऊबड़-खाबड़ भूभाग है, जिसमें कई छोटे और बड़े टीले हैं। जलस्रोतों में महानदी की सहायक नदियाँ शामिल हैं, पश्चिमी सीमा पर बालमदेही नदी और उत्तर-पूर्वी सीमा पर जोंक नदी प्रवाहित होती है।
  • वन का प्रकार: अभयारण्य में घने और समृद्ध वन हैं, जिन्हें सागवान (टीक), साल और मिश्रित वनों के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • वन्यजीव: यहाँ सामान्यतः पाए जाने वाले जीवों में भारतीय भैंसा (गौर), चीता, साँभर, नीलगाय और वन्य सूअर शामिल हैं।

बिहार Switch to English

अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम

चर्चा में क्यों?

बिहार के 5 विश्वविद्यालयों के 11 कॉलेज 2025-26 शैक्षणिक सत्र से अप्रेंटिसशिप एंबेडेड डिग्री प्रोग्राम (AEDP) शुरू करने जा रहे हैं।

मुख्य बिंदु

  • परिचय: AEDP एक नवाचारपूर्ण चार-वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम है, जो शैक्षणिक अध्ययन को वास्तविक उद्योग अनुभव के साथ सहजता से जोड़ता है, जिसमें कक्षा शिक्षा को हैंड्स-ऑन (व्यावहारिक) अप्रेंटिसशिप प्रशिक्षण के साथ संयोजित किया गया है। 
  • उद्देश्य: AEDP को उच्च शिक्षा को अधिक रोज़गारोन्मुख बनाने के लिये तैयार किया गया है, जिससे छात्रों को उद्योग-संबंधित कौशल और व्यावहारिक प्रशिक्षण से सुसज्जित किया जा सके।
  • केंद्रित क्षेत्र: डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स, स्वास्थ्य प्रबंधन, वित्तीय सेवाएँ, मीडिया, खुदरा/रिटेल, रसद/लॉजिस्टिक्स और बीमा।
  • उद्योग संपर्क: यह कार्यक्रम शिक्षा को बाज़ार की मांगों के अनुरूप बनाने के लिये उद्योग-अकादमिक सहयोग पर बल देता है।
  • भाग लेने वाले विश्वविद्यालय और महाविद्यालय:
    • पटना विश्वविद्यालय: बी.एन. कॉलेज (डिजिटल इलेक्ट्रॉनिक्स), मगध महिला कॉलेज (हेल्थकेयर मैनेजमेंट)
    • पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय: कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस (इलेक्ट्रॉनिक्स), गंगा देवी महिला कॉलेज (वित्तीय सेवाएँ और बीमा), जे.डी. विमेंस कॉलेज (रिटेल ऑपरेशंस और वित्तीय सेवाएँ)
    • तिलका माँझी भागलपुर विश्वविद्यालय: भागलपुर नेशनल कॉलेज (रिटेल और लॉजिस्टिक्स) 
    • मगध विश्वविद्यालय: एस.एन. सिन्हा कॉलेज (मीडिया और मनोरंजन), एस.एस. कॉलेज औरंगाबाद (वित्तीय सेवाएँ और बीमा)
    • बी.आर. अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय: आर.एन. कॉलेज हाजीपुर (वित्तीय सेवाएँ और लॉजिस्टिक्स), आर.एस.एस. साइंस कॉलेज सीतामढ़ी (वित्तीय सेवाएँ और रिटेल), एल.एन. दुबे कॉलेज मोतिहारी (मीडिया और वित्तीय सेवाएँ)
  • शैक्षणिक मॉडल: AEDP प्रारंभिक सेमेस्टर में कक्षा शिक्षण को बाद के सेमेस्टर में पूर्णकालिक अप्रेंटिसशिप के साथ जोड़ता है, जिससे शैक्षणिक अवधारणाओं का व्यावहारिक अनुप्रयोग सुनिश्चित होता है।

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