उत्तर प्रदेश Switch to English
अनुपम गुप्ता UP SEIAA के अध्यक्ष नियुक्त
चर्चा में क्यों?
पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा अनुपम गुप्ता को तीन वर्ष के कार्यकाल हेतु उत्तर प्रदेश में राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।
- वे भारतीय वन सेवा (IFS) के सेवानिवृत्त अधिकारी (1989 बैच) हैं, जिन्होंने वानिकी क्षेत्र में 35 वर्षों तक सेवा की है।
मुख्य बिंदु
राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण (SEIAA)
- परिचय:
- यह एक वैधानिक प्राधिकरण है, जिसे भारत सरकार द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत गठित किया गया है।
- यह प्राधिकरण पर्यावरण प्रभाव आकलन (EIA) अधिसूचना, 2006 के अंतर्गत निर्दिष्ट परियोजनाओं या गतिविधियों को राज्य स्तर पर पर्यावरणीय स्वीकृति प्रदान करने हेतु उत्तरदायी है।
- यह एक वैधानिक प्राधिकरण है, जिसे भारत सरकार द्वारा पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम, 1986 के अंतर्गत गठित किया गया है।
- उद्देश्य और कार्य:
- SEIAA की प्राथमिक भूमिका राज्य या केंद्रशासित प्रदेश के भीतर श्रेणी 'बी' परियोजनाओं (श्रेणी 'ए' की तुलना में कम प्रभाव वाली छोटी परियोजनाएँ, जिन्हें केंद्रीय मंत्रालय द्वारा मंज़ूरी दी जाती है) का मूल्यांकन और अनुमोदन करना है।
- SEIAA राज्य विशेषज्ञ मूल्यांकन समिति (SEAC) के साथ मिलकर कार्य करता है, जो परियोजना मूल्यांकन के लिये तकनीकी सहायता प्रदान करती है।
- संरचना और नियुक्ति:
- प्राधिकरण का गठन आमतौर पर राज्य सरकार या केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन की सिफारिशों पर केंद्र सरकार द्वारा किया जाता है।
- इसमें तीन सदस्य होते हैं:
- अध्यक्ष (पर्यावरण नीति/प्रबंधन विशेषज्ञ),
- एक अन्य विशेषज्ञ सदस्य तथा
- सदस्य सचिव (राज्य/केंद्रशासित प्रदेश का अधिकारी, जिसे पर्यावरण कानून का अनुभव हो)।
- अध्यक्ष और विशेषज्ञ सदस्य को अधिसूचना प्रकाशित होने की तिथि से तीन वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त किया जाता है।
- परिवेश पोर्टल:
- भारत में प्रत्येक राज्य और केंद्रशासित प्रदेश का अपना SEIAA है। इन प्राधिकरणों को मंत्रालय के परिवेश पोर्टल के माध्यम से सूचीबद्ध और सुलभ बनाया गया है, जो देश में पर्यावरण मंज़ूरी प्रस्तावों के प्रबंधन का कार्य करता है।