इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Mar 2023
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में द्रोणाचार्य, खेल रत्न और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिये नाम तय

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि राज्य के वर्ष 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के लिये तीन खेल प्रशिक्षकों को देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य अवॉर्ड और तीन खिलाड़ियों को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार सहित कुछ अन्य पुरस्कारों के लिये चयनित किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • खेल निदेशक जितेंद्र कुमार सोनकर ने बताया कि शासन की हाईपावर कमेटी और खेल मंत्री के अनुमोदन के बाद पुरस्कारों के लिये नाम घोषित कर दिये जाएंगे।
  • खेल विभाग की ओर से 24 मार्च को परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में करीब 200 से अधिक खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पुरस्कृत करेंगे। राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रदर्शन करने वाले इन खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जाएगा।
  • ज्ञातव्य है कि राज्य के खिलाड़ी हॉकी, क्रिकेट के मैदान से लेकर बैडमिंटन सहित विभिन्न खेलों में देश और दुनियाभर में अपना लोहा मनवा चुके हैं, लेकिन पिछले चार साल से कोविड एवं अन्य कई वजहों से राज्य के खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों को पुरस्कार नहीं मिल पाए थे। हालाँकि विभाग की ओर से समय-समय पर इसके लिये आवेदन मांगे गए, लेकिन खिलाड़ियों और खेल प्रशिक्षकों के नाम फाइनल नहीं हो पाए।
  • खेल विभाग के अधिकारियों के मुताबिक द्रोणाचार्य अवार्ड के लिये विभाग को आठ और खेल रत्न पुरस्कार के लिये 11 आवेदन मिले, जबकि लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिये छह आवेदन मिले हैं।
  • द्रोणाचार्य, खेल रत्न एवं लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिये खिलाड़ियों एवं खेल प्रशिक्षकों को पुरस्कार मिलने का इंतजार खत्म होने जा रहा है, लेकिन हिमालय पुत्र पुरस्कार के लिये खिलाड़ियों को अभी इंतजार करना होगा। वर्ष 2022 में शासनादेश होने के बावजूद विभाग की ओर से अभी इसके लिये आवेदन नहीं मांगा गया है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड कैबिनेट ने आबकारी नीति 2023-24 को दी मंजूरी

चर्चा में क्यों?

20 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में उत्तराखंड सरकार ने राज्य के लिये आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी दे दी।

प्रमुख बिंदु 

  • नई आबकारी नीति में यह प्रावधान किया गया है कि अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी) से अधिक दाम पर शराब बेचने वालों के लाइसेंस सस्पेंड होंगे। अगर किसी दुकान की पाँच बार एमआरपी से अधिक वसूली की शिकायत आई तो उसका लाइसेंस सस्पेंड कर दिया जाएगा।
  • बैठक में तय किया गया कि देशी मदिरा के पव्वे काँच के बजाए अब टेट्रा पैक में मिलेंगें ताकि मिलावट रोकी जा सके।
  • सरकार ने डिपार्टमेंटल स्टोर के लाइसेंस का शुल्क पहाड़ों में आठ लाख रुपए और मैदानी ज़िलों में आठ से बढ़ाकर 15 लाख रुपए कर दिया है।
  • नई आबकारी नीति में बार रेस्टोरेंट के शुल्क में कोई इज़ाफा नहीं किया गया है। ये निकटवर्ती शराब ठेके से ही ले सकेंगे। समुद्र आयतित मदिरा की कीमतों को भी नियंत्रित किया गया है।
  • राज्य में डिपार्टमेंटल स्टोर अब अपने ज़िले में स्थित शराब ठेके से ही शराब ले सकेंगे, जिससे उनकी मनमानी पर लगाम लगेगी।
  • नई नीति में दैवीय आपदा या धरना प्रदर्शन के दौरान बंद रहने वाली दुकानों का ज़िलाधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर उस अवधि का राजस्व माफ करने का प्रावधान किया गया है।
  • नई नीति के बाद प्रदेश में देशी-विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से शराब की तस्करी पर अंकुश लगाने और अधिक राजस्व अर्जित करने के लिये उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में शराब की कीमतों के अंतर को 150 रुपए से घटाकर 20 रुपए कर दिया गया है।
  • नई आबकारी नीति को मंजूरी के बाद एक अप्रैल से देशी-विदेशी शराब के दाम 100 रुपए से 300 रुपए तक सस्ते हो जाएंगे।
  • आबकारी नीति 2023-24 के तहत 3 रुपए प्रति बोतल उपकर के रूप में लिया जाएगा, जो राज्य में गौ रक्षा, खेल और महिला कल्याण के लिये निर्धारित किया जाएगा।
  • वर्ष 2023-24 के लिये आबकारी राजस्व लक्ष्य 4000 करोड़ रुपए रखा गया है।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2
× Snow