इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 21 Jan 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
बिहार Switch to English

पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में बिहार के पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने बताया कि बिहार और बंगाल के बीच बेहतर कनेक्टिविटी के लिये पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना शुरू की जा रही है। पटना से कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार की पहली सड़क होगी, जो एज रिस्ट्रिक्टेड (Edge Restricted) होगी।

प्रमुख बिंदु

  • मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे के बन जाने से बिहार से बंगाल जाने के लिये कुल 550 किलोमीटर की यात्रा आसान हो जाएगी। ये सड़क उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसी ही होगी। सरकार बहुत जल्द इसके लिये काम शुरू करने वाली है।
  • इसके बनने से पूर्वोत्तर भारत की शेष भारत से कनेक्टिविटी मज़बूत होगी। 18 हज़ार करोड़ रुपए से अधिक की अनुमानित लागत वाली इस परियोजना में बिहार के पाँच ज़िले शामिल हैं।
  • पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे पटना (बख्तियारपुर), नालंदा (बिहारशरीफ), शेखपुरा, जमुई (सिकंदरा और चकाई), बांका के कटोरिया होते हुए मधुपुर, दुर्गापुर और पानागढ़ से ढालकुनी से आगे बढ़ेगा। बिहारशरीफ, सिकदरा, चकाई से सीधे झारखंड में देवघर ज़िले के देवीपुर में प्रवेश करेगा। 
  • देवीपुर में ये एक्सप्रेसवे एम्स को जोड़ने वाली प्रस्तावित फोरलेन सड़क को कनेक्ट करते हुए मधुपुर की ओर निकल जाएगा। इससे देवघर की बिहार और बंगाल से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। 
  • भारतमाला परियोजना फेज-2 के तहत ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पुराने भीड़भाड़ वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-2 के विकल्प के रूप में काम करेगा। इसके बन जाने से विकास के द्वार भी खुलेंगे।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2