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देवनारायण पशुपालक आवासीय योजना
चर्चा में क्यों?
19 जून, 2022 को राजस्थान के स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल ने देशभर में अनूठी एवं आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित पशुपालकों के लिये पहली बार तैयार की गई देवनारायण एकीकृत आवासीय योजना में कब्जा सौंपकर आवंटियों को गृह प्रवेश कराया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 300 करोड़ रुपए की लागत से कोटा शहर के पशुपालकों के सुव्यवस्थित शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक विकास हेतु देवनारायण एकीकृत आवास योजना विकसित करने की घोषणा की गई थी।
 - परियोजना की आधारशिला मुख्यमंत्री द्वारा 17 अगस्त, 2020 को रखी गई थी, जिसमें नगर विकास न्यास कोटा द्वारा प्रथम चरण में 738 आवासों का निर्माण पूर्ण कर 501 आवासों का आवंटन किया गया है।
 - योजना में पशुपालकों के लिये 1227 बड़े आवासीय भूखंडों का प्रावधान किया गया है। इनमें से 738 आवासों का निर्माण पूर्णकर 501 पशुपालकों को आवंटन कर दिया गया है। इन भूखंडों के पिछले भाग में लगभग 40 वर्ग मीटर क्षेत्र में दो कमरे, रसोईघर, शौचालय, स्नानघर, बरामदा, चारा भंडारण की सुविधा है। भूखंड के अग्रभाग में पशुओं के लिए शेड का निर्माण किया गया है।
 - पशुपालकों की सुविधा के लिये योजना में विद्यालय भवन, पशु चिकित्सालय, सोसाइटी कार्यालय, पुलिस चौकी, विद्युत सब स्टेशन, पेयजल के लिए उच्च जलाशय, सीवर लाइन, पार्क, नाली, सड़कें, एसटीपी, पशुमेला मैदान एवं दुग्ध मंडी का भी निर्माण किया गया है। इसके अतिरित्त भविष्य की आवश्यकता के अनुसार प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक भवन, रंगमंच का निर्माण किया गया है।
 - योजना में लगभग 15 हजार पशुओं से प्राप्त गोबर के निस्तारण के लिए नगर विकास न्यास द्वारा बायोगैस संयंत्र की स्थापना की जा रही है जिससे गोबर के निस्तारण के साथ-साथ जैविक खाद का भी उत्पादन होगा।
 
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