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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 20 Jan 2022
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पशुपालन मंत्री ने जोबनेर में पशु विज्ञान केंद्र का शिलान्यास किया

चर्चा में क्यों? 

19 जनवरी, 2022 को राजस्थान के कृषि एवं पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने जोबनेर (जयपुर) में वेटरनरी विश्वविद्यालय के 16वें पशु विज्ञान केंद्र का शिलान्यास किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • इस अवसर पर मंत्री कटारिया ने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में ऐसी तकनीकें विकसित हों, जिनसे देशी गोवंश व अन्य पशुओं की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके तथा युवा इससे प्रेरणा लेकर इसे स्वरोज़गार के रूप में अपना सकें।
  • विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग ने कहा कि वेटरनरी विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित पशु विज्ञान केंद्रों के माध्यम से पशुपालकों को पशुपालन की वैज्ञानिक तकनीकों एवं नवाचारों से अवगत कराया जाता है। विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों को आयोजित कर पशुपालकों का कौशल विकास किया जा रहा है। 
  • इस नवीन पशु विज्ञान केंद्र के खुलने से इस क्षेत्र के किसानों व पशुपालकों को सीधा लाभ मिल सकेगा, जो कि इनके आर्थिक उत्थान में सहायक सिद्ध होगा। 
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में पशुपालन विकास एवं पशुपालकों के कल्याण को देखते हुए मुख्यमंत्री ने वर्ष 2021-22 की बजट घोषणा में जोबनेर में पशु विज्ञान केंद्र खोलने की घोषणा की थी। पशु विज्ञान केंद्र के क्रियान्वयन के लिये राज्य सरकार की ओर से पदों की स्वीकृति, केंद्र के भवन निर्माण कार्य, आवश्यक उपकरण एवं फर्नीचर की खरीद तथा कार्यालय व्यय के लिये वित्तीय मंज़ूरी भी प्रदान कर दी गई है।

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राजस्थान मंत्रिमंडल के महत्त्वपूर्ण निर्णय

चर्चा में क्यों?

19 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये हुई मंत्रिमंडल की बैठक में राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बोर्ड के गठन को मंज़ूरी देने के साथ ही कई महत्त्वपूर्ण नीतिगत निर्णय लिये गए। 

प्रमुख बिंदु

  • मंत्रिमंडल ने राज्य में कृषि विपणन तंत्र को मज़बूत कर किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से राजस्थान स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज़ डेवलपमेंट बोर्ड के गठन को मंज़ूरी दी है। यह बोर्ड किसानों की आय बढ़ाने के लिये ठोस नीति बनाने एवं इसके प्रभावी क्रियान्वयन के संबंध में सुझाव देगा। साथ ही प्रदेश के अधिकाधिक किसानों को एग्रो-प्रोसेसिंग एवं मूल्य संवर्धन से जोड़ने के लिये रूपरेखा तैयार करेगा। 
  • उल्लेखनीय है कि राज्य में कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण, व्यवसाय एवं निर्यात को बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात नीति-2019 लागू की थी। इस नीति के पश्चात् राज्य में उत्पादित कृषि जिन्सों, जैसे- जीरा, धनिया, लहसुन, ईसबगोल, अनार, खजूर, प्याज आदि के निर्यात को बढ़ावा देने तथा इनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान सुनिश्चित करने की दिशा में इस बोर्ड का गठन राज्य सरकार का एक और बड़ा कदम होगा।
  • मंत्रिमंडल ने पुरातत्त्व एवं संग्रहालय विभाग के संग्रहाध्यक्ष (क्यूरेटर) के पद की शैक्षणिक योग्यता में संशोधन का निर्णय लिया है। इस निर्णय से इतिहास के विद्यार्थियों के साथ-साथ म्यूजियोलॉजी के अभ्यर्थियों को भी इस पद की प्रतियोगी परीक्षा में बैठने का अवसर मिलेगा। इससे संग्रहालयों के प्रबंधन के कार्य को नवीन तकनीक और वैज्ञानिक पद्धति से संपादित किया जा सकेगा। 
  • मंत्रिमंडल ने भू-जल विभाग में कनिष्ठ भू-भौतिकविद् के पद 75 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 25 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के स्थान पर 50 प्रतिशत सीधी भर्ती एवं 50 प्रतिशत पदोन्नति से भरने के लिये राजस्थान भू-जल सेवा नियम-1969 में संशोधन को मंज़ूरी दी है। साथ ही, पदोन्नति के लिये न्यूनतम अनुभव दो वर्ष के स्थान पर पाँच वर्ष करने की भी स्वीकृति दी है। इससे विभाग में पदोन्नति के समान अवसर उपलब्ध हो सकेंगे। 
  • साथ ही मंत्रिमंडल ने राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधीनस्थ सेवा नियम-1965 (यथा संशोधित) के नियम 19 में संशोधन को स्वीकृति दी है। इससे सहकारिता विभाग में संविदा पर कार्यरत् फार्मासिस्टों को भर्ती में बोनस अंकों का लाभ मिल सकेगा।
  • मंत्रिमंडल ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में निजी भागीदारी को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से व्यास विद्यापीठ विश्वविद्यालय, जोधपुर विधेयक, 2021 के प्रारूप का अनुमोदन किया है। मंत्रिमंडल के अनुमोदन के बाद अब यह विधेयक विधानसभा में प्रस्तुत किया जाएगा और विधेयक के पारित होने से इस विश्वविद्यालय की स्थापना का मार्ग प्रशस्त होगा।

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