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राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2025
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सहकारिता विभाग एवं राजस्थान राज्य सहकारी उपभोक्ता संघ द्वारा जयपुर के जवाहर कला केंद्र में राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2025 आयोजित किया गया।
मुख्य बिंदु
मेले के बारे में:
- मेले में विभिन्न प्रकार के स्वास्थ्यवर्द्धक और परंपरागत मसाले, मिलेट्स अनाज (श्री अन्न) से बने उत्पाद और अन्य सहकारी उत्पादों की प्रदर्शनी की गई।
- इस वर्ष मेले में श्री अन्न से बने उत्पाद विशेष रूप से आकर्षण के केंद्र बने हैं।
- मेले में विभिन्न स्वयं सहायता समूह, सहकारी उपभोक्ता संघ और स्थानीय उत्पादकों ने अपनी विविध उत्पाद शृंखला के साथ भाग लिया।
- यह मेला उपभोक्ताओं को सीधे शुद्ध, गुणवत्तापूर्ण और स्वास्थ्यकर उत्पाद खरीदने का अवसर प्रदान करता है।
- मेले के माध्यम से स्थानीय स्तर पर रोज़गार और आर्थिक सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलता है।
मिलेट्स
- यह एक सामूहिक शब्द है, जो अनेक छोटे बीज वाली घासों (small-seeded grasses) को संदर्भित करता है, जिनकी खेती अनाज की फसलों के रूप में की जाती है, मुख्य रूप से समशीतोष्ण, उपोष्णकटिबंधीय और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में शुष्क क्षेत्रों की सीमांत भूमि पर।
- भारत में उपलब्ध कुछ सामान्य मोटे अनाज हैं रागी (फिंगर मिलेट), ज्वार (सोरघम), समा (लिटिल मिलेट), बाजरा (पर्ल मिलेट) और वरिगा (प्रोसो मिलेट)।
- वैश्विक और भारतीय उत्पादन: भारत बाजरा का सबसे बड़ा उत्पादक है, इसके बाद नाइजर और चीन का स्थान है।
- बाजरा संवर्द्धन: खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा वर्ष 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष के रूप में मान्यता दी गई।
- भारत सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत बाजरा उत्पादन को बढ़ावा देती है।