राजस्थान Switch to English
सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य का विस्तार
चर्चा में क्यों?
राजस्थान सरकार ने नियामक समीक्षा और अनुमोदन के उपरांत सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य के बफर ज़ोन का विस्तार करते हुए उसमें 44,000 हेक्टेयर से अधिक अतिरिक्त क्षेत्र को इसमें शामिल कर दिया है।
मुख्य बिंदु
- विस्तार के बारे में:
- इस विस्तारित क्षेत्र को बफर ज़ोन के रूप में अधिसूचित किया गया है, जिसमें मुख्य क्षेत्र के आसपास स्थित वन भूमि और राजस्व भूमि को एकीकृत किया गया है।
- यह विस्तार सर्वोच्च न्यायालय के उस निर्देश के पश्चात किया गया है जिसमें महत्त्वपूर्ण बाघ आवास (CTH) की सीमाओं और उसकी संपर्कता की समीक्षा अनिवार्य की गई थी।
- सरिस्का वन्यजीव अभयारण्य
- यह राजस्थान के अलवर ज़िले में स्थित है और अरावली पर्वतमाला का हिस्सा है, जिसमें शुष्क पर्णपाती वन तथा चट्टानी भूभाग पाए जाते हैं।
- इसे वर्ष 1955 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में अधिसूचित किया गया और वर्ष 1978 में प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत टाइगर रिज़र्व घोषित किया गया।
- यह वर्ष 2004 में स्थानीय विलुप्ति के पश्चात सफल बाघ पुन:प्रवेश कार्यक्रम के लिये प्रसिद्ध है, जिसके तहत बाघों को रणथंभौर से स्थानांतरित किया गया।
- यह क्षेत्र सरिस्का–रणथंभौर परिदृश्य को जोड़ने वाला एक महत्त्वपूर्ण वन्यजीव गलियारा बनाता है, जो दीर्घकालिक बाघ संरक्षण में सहायक है।
- इसके प्रमुख वन्यजीवों में बंगाल टाइगर, तेंदुआ, धारीदार लकड़बग्घा, कैराकल, सांभर, चीतल, नीलगाय, जंगली सूअर, लंगूर तथा विविध पक्षी प्रजातियाँ शामिल हैं।
- इसमें घाटियाँ, पठार, मौसमी धाराएँ (नाले) तथा सिलिसेढ़ और मानसरोवर जैसी झीलें हैं, जो आवास (habitat) को पोषण प्रदान करती हैं।
- अभयारण्य में कांकवारी किला जैसी एतिहासिक संरचनाएँ भी स्थित हैं, जो इसके सांस्कृतिक महत्त्व में वृद्धि करती हैं।
राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स Switch to English
बुकर पुरस्कार 2025
चर्चा में क्यों?
लेखक डेविड स्ज़ेले को उनके काल्पनिक उपन्यास फ्लेश (Flesh) के लिये वर्ष 2025 के बुकर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
मुख्य बिंदु
- डेविड स्ज़ेले के बारे में:
- डेविड स्ज़ेले एक हंगेरियन-ब्रिटिश उपन्यासकार हैं, जो अपनी सटीक, संक्षिप्त शैली और पुरुषत्व पहचान तथा समकालीन यूरोपीय जीवन की गहरी खोज के लिये जाने जाते हैं।
- अपने उपन्यास फ्लेश के माध्यम से, उन्होंने अपनी प्रतिष्ठा को और मज़बूत किया है। वे साधारण पुरुषों के आंतरिक जीवन को असाधारण रूप से चित्रित करते हैं तथा उनके व्यक्तिगत संघर्षों को व्यापक सामाजिक एवं आर्थिक परिवेश के संदर्भ में प्रस्तुत करते हैं।
- बुकर पुरस्कार के बारे में:
- बुकर पुरस्कार (पूर्व में मैन बुकर पुरस्कार) विश्व के सबसे प्रतिष्ठित साहित्यिक पुरस्कारों में से एक है।
- इसे वर्ष 1969 में स्थापित किया गया था और यह बुकर पुरस्कार फाउंडेशन द्वारा संचालित किया जाता है।
- यह पुरस्कार अंग्रेज़ी में लिखा गया और यूके या आयरलैंड में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ मौलिक पूर्ण-कालिक उपन्यास को सम्मानित करता है। वर्ष 2014 से किसी भी राष्ट्रीयता के लेखक इसके लिये प्रतियोगिता में भाग लेने के पात्र हैं।
- इस पुरस्कार का उद्देश्य अंग्रेज़ी भाषा के साहित्य में उत्कृष्टता को प्रोत्साहित करना और पाठकों के व्यापक वर्ग को आकर्षित करना है।
- भारत के पुरस्कार विजेताओं में अरुंधति रॉय (1997), किरण देसाई (2006) और अरविंद अडिगा (2008) शामिल हैं।
बुकर पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार के बीच अंतर
- बुकर पुरस्कार पहली बार वर्ष 1969 में प्रदान किया गया और यह मूलतः अंग्रेज़ी में लिखी गई सर्वश्रेष्ठ एकल कथा कृति के लिये दिया जाता है।
- अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की स्थापना वर्ष 2005 में की गई और यह किसी भी अन्य भाषा से अंग्रेज़ी में अनुवादित सर्वश्रेष्ठ एकल कथा कृति के लिये दिया जाता है।
- यह पुरस्कार लेखक और अनुवादक दोनों की उपलब्धियों को मान्यता प्रदान करता है।
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