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धाकड़ समाज का 32वाँ राष्ट्रीय अधिवेशन
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री ने कोटा के दशहरा मैदान में धाकड़ समाज के 32वें राष्ट्रीय अधिवेशन को संबोधित किया।
मुख्य बिंदु
- अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने धाकड़ समाज को देश के समग्र विकास में महत्त्वपूर्ण योगदान देने वाला समाज बताते हुए उनके इतिहास, कठिन परिश्रम, सेवा-भाव पर प्रकाश डाला।
 - श्री धरणीधर भगवान के उपासक धाकड़ समाज अब केवल कृषि कार्यों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उद्यमिता के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहा है।
 - मुख्यमंत्री ने अधिवेशन में किसानों, युवाओं और महिलाओं के उत्थान पर ज़ोर दिया।
 - अधिवेशन में मौजूद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने देश को प्रगति की दिशा में आगे बढ़ाने के लिये किसानों की समृद्धि और खुशहाली पर विशेष ज़ोर दिया।
 
धाकड़ समाज
- धाकड़ समाज मुख्यतः राजस्थान और मध्य प्रदेश में एक हिंदू कृषक क्षत्रिय जाति है, जिसका उल्लेख कई शिलालेखों में भी मिलता है।
- ये राजस्थान के टोंक, बूंदी, कोटा, झालावाड़, सवाईमाधोपुर, चित्तौड़गढ़ और अजमेर ज़िलों में रहते हैं।
 
 - 'धाकड़' शब्द का अर्थ है वह जो किसी से नहीं डरता बल्कि साहसपूर्वक परिस्थितियों का सामना करता है।
 - ये खुद को बलदाऊजी (भगवान कृष्ण के बड़े भाई बलराम) के वंशज मानते हैं।
 - ये हिंदी बोलते हैं और देवनागरी का उपयोग करते हैं।
 

            
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