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परमवीर अब्दुल हमीद का 60वाँ शहीद दिवस
चर्चा में क्यों?
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पुनर्स्थापित परमवीर अब्दुल हमीद स्मारक स्थल का उद्घाटन किया और उनके 60वें शहीद दिवस के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्य बिंदु
- अब्दुल हमीद के बारे में:
- अब्दुल हमीद का जन्म 1 जुलाई, 1933 को धामूपुर, गाजीपुर ज़िला, संयुक्त प्रांत, ब्रिटिश भारत में हुआ था।
- उन्होंने भारतीय सेना की चौथी ग्रेनेडियर्स बटालियन के साथ सेवा की, वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में असल उत्ताड़ के युद्ध के दौरान शहीद हो गए।
- असल उत्ताड़ का युद्ध:
- यह वर्ष1965 के युद्ध के दौरान लड़ा गया सबसे बड़ा टैंक युद्ध था। इसमें पाकिस्तानी प्रथम आर्मर्ड डिवीज़न के आक्रमण को भारतीय सेना ने ध्वस्त कर दिया था।
- इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के 97 पैटन टैंक नष्ट हो गए तथा एक पूरी पाकिस्तानी आर्मर्ड रेजिमेंट को आत्मसमर्पण करना पड़ा।
- 10 सितंबर 1965 को युद्ध के दौरान, अब्दुल हमीद ने चार पाकिस्तानी पैटन टैंकों की पहचान की, तीन को नष्ट कर दिया और एक को क्षतिग्रस्त कर दिया। बाद में, एक अन्य टैंक की गोलीबारी में वे शहीद हो गए
- सम्मान:
- हमीद को उनकी बहादुरी के लिये मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता पुरस्कार परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
- उनका शहीद स्थल आज एक युद्ध स्मारक के रूप में संरक्षित है, जहाँ श्रद्धांजलि स्वरूप एक विजित पाकिस्तानी पैटन टैंक स्थापित है।
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झारखंड में बायोगैस संयंत्र
चर्चा में क्यों?
गोबरधन योजना के तहत झारखंड के पाँच ज़िलों में नए बायोगैस संयंत्र स्थापित किये जाएंगे जिससे राज्य में बायोगैस संयंत्रों की कुल संख्या 47 हो जाएगी।
- ये पाँच नए बायोगैस संयंत्र बोकारो (पेटरवार ब्लॉक), रामगढ़ (चित्रापुर), दुमका (जरमुडी), जामताड़ा (कुंडहित) और सरायकेला-खरसावाँ (इचागढ़) में स्थापित किये जाएंगे।
- ये संयंत्र प्रतिदिन 135 घन मीटर गैस का उत्पादन करेंगे, जिससे स्थानीय समुदायों को स्वच्छ ऊर्जा का लाभ मिलेगा।
- इसके अतिरिक्त बंडगाँव में बनकर तैयार हुआ 25 घन मीटर का संयंत्र 20 घरों को ऊर्जा प्रदान करेगा।
मुख्य बिंदु
- गोबरधन योजना के बारे में:
- शुरुआत: वर्ष 2018 में शुरू की गई गैल्वनाइज़िंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सेज़ धन (गोबरधन) योजना, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) – चरण II के अंतर्गत एक राष्ट्रीय प्राथमिकता परियोजना है।
- क्रियान्वयन: इसके क्रियान्वयन के लिये जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत पेयजल और स्वच्छता विभाग (DDWS) को नोडल विभाग के रूप में नियुक्त किया गया है।
- उद्देश्य: इसका उद्देश्य सतत् विकास को बढ़ावा देने के लिये बायोगैस/संपीड़ित बायोगैस (CBG)/Bio-CNG संयंत्रों के लिये एक मज़बूत पारिस्थितिकी तंत्र स्थापित करना है।
योजना के मॉडल |
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श्रेणी |
विवरण |
उपयोग |
व्यक्तिगत घरेलू |
तीन या उससे अधिक पशुओं वाले परिवार। |
खाना पकाने के लिये बायोगैस, खाद के रूप में स्लरी (तरल खाद)। |
समुदाय |
5-10 घरों के लिये संयंत्र, ग्रामसभा (GP) या स्वयं सहायता समूह (SHG) द्वारा प्रबंधन। |
घरों/रेस्तरां के लिये गैस, स्लरी (तरल खाद) खाद के रूप में या बिक्री हेतु। |
क्लस्टर |
एक गाँव/गाँवों के समूह में अनेक घरों में संयंत्र स्थापित। |
घरों के लिये गैस, जैव-उर्वरक के रूप में बिक्री हेतु स्लरी (तरल खाद)। |
वाणिज्यिक CBG |
उद्यमियों/सहकारी समितियों/गौशालाओं द्वारा स्थापित संयंत्र। |
ईंधन के लिये संपीड़ित गैस, जैविक खाद के रूप में स्लरी (तरल खाद)। |