उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में वैश्विक सेवा केंद्र
चर्चा में क्यों?
वैश्विक निवेश को आकर्षित करने के लिये उत्तर प्रदेश सरकार ने वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC) नीति को मंज़ूरी प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- परिचय:
- इस नीति का उद्देश्य उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य की ओर ले जाना है।
- अनुमान है कि यह नीति IT, बैंकिंग, स्वास्थ्य सेवा, इंजीनियरिंग एवं अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में वैश्विक अभिकर्त्ताओं को आकर्षित करेगी।
- यह नीति आकर्षक प्रोत्साहन प्रदान करने पर केंद्रित है तथा इसे वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन करने के बाद तैयार किया गया है।
- GCC द्वारा कवर की गई प्रौद्योगिकियाँ:
- उत्तर प्रदेश में स्थापित किये जा रहे GCC में निम्नलिखित अत्याधुनिक डोमेन शामिल हैं:
- पहले से ही शामिल क्षेत्र और कंपनियाँ:
- बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं, बीमा, ऑटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण क्षेत्र की वैश्विक कंपनियों द्वारा उत्तर प्रदेश में परिचालन शुरू किया गया है।
- माइक्रोसॉफ्ट ने नोएडा में 10,000 सीटों वाले डेवलपमेंट सेंटर की आधारशिला रखी है।
- MAQ सॉफ्टवेयर द्वारा 3,000 सीटों वाला इंजीनियरिंग केंद्र स्थापित किया है।
- राज्य सरकार नोएडा एवं NCR के साथ-साथ वाराणसी, कानपुर और प्रयागराज में भी GCC को आकर्षित करने की दिशा में कार्य कर रही है।
वैश्विक क्षमता केंद्र (GCC)
- GCC का आशय उन ऑफशोर प्रतिष्ठानों से है, जिन्हें कंपनियों द्वारा अपनी मूल संस्थाओं को अनेक प्रकार की सेवाएँ प्रदान करने के लिये स्थापित किया जाता है।
- वैश्विक कॉर्पोरेट ढाँचे के तहत आंतरिक संस्थाओं के रूप में कार्य करते हुए ये केंद्र IT सेवाओं, अनुसंधान एवं विकास, ग्राहक सहायता तथा विभिन्न अन्य व्यावसायिक कार्यों सहित विशिष्ट सेवाएँ प्रदान करते हैं।
- GCC लागत दक्षताओं का लाभ उठाने, प्रतिभा का उचित उपयोग करने तथा मूल उद्यमों एवं उनके ऑफशोर समकक्षों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने में प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (SEZ) कर छूट, सरलीकृत विनियमन और सुव्यवस्थित नौकरशाही जैसे कई लाभ प्रदान करके GCC के विकास में सहायता प्रदान कर सकते हैं।