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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 07 Jul 2022
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उत्तराखंड में गठित होगा खेल विकास कोष

चर्चा में क्यों?

6 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्य ने विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक में एक ‘खेल विकास कोष’ का गठन करने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु

  • उन्होंने अधिकारियों को केरल, हरियाणा और ओडिशा की नीतियों का अध्ययन करने को कहा, ताकि खेल विभाग आर्थिक रूप से मजबूत हो और खिलाड़ियों के लिये आवश्यक संसाधन उपलब्ध हो सकें।
  • योजना के तहत कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) और अन्य संसाधनों से फंड उपलब्ध कराया जाएगा।
  • उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी 29 अगस्त (खेल दिवस) को औपचारिक रूप से ‘खेल छात्रवृत्ति योजना’ का शुभारंभ करेंगे।
  • ‘मुख्यमंत्री उभरते खिलाड़ी प्रोत्साहन योजना’ के तहत प्रत्येक जिले के 150 युवाओं (8-14 वर्ष आयु वर्ग) को 1500 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी। यह खेल कौशल विकसित करने में मदद के साथ ही भविष्य के खिलाड़ियों के पोषण के लिये सहायता प्रदान करेगी।

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‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में उत्तराखंड 24वें स्थान पर

चर्चा में क्यों?

5 जुलाई, 2022 को जारी ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ के पहले संस्करण में उत्तराखंड पूरे देश में 24वें पायदान पर है। इस सूचकांक में ओडिशा पहले और उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर हैं।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्रीय उपभोक्ता कार्य, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, वस्त्र और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ का पहला संस्करण जारी किया।
  • सामान्य श्रेणी के राज्यों में ‘एनएफएसए के लिये राज्य रैंकिंग सूचकांक’ में ओडिशा 836 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर है, जबकि उत्तर प्रदेश 0.797 स्कोर के साथ दूसरे और आंध्र प्रदेश 0.794 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • विशेष श्रेणी के राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में त्रिपुरा 788 स्कोर के साथ पहले स्थान पर है, उसके बाद हिमाचल प्रदेश 0.758 स्कोर के साथ दूसरे और सिक्किम 0.710 स्कोर के साथ तीसरे स्थान पर है।
  • इसके अलावा तीन केंद्रशासित प्रदेशों में, जहाँ प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) नकद संचालित है, दादरा और नगर हवेली एवं दमन दीव 802 स्कोर के साथ शीर्ष स्थान पर हैं।
  • एनएफएसए लागू करने के मामले में उत्तराखंड का प्रदर्शन न केवल राष्ट्रीय स्तर, बल्कि पूर्वोत्तर व हिमालयी 14 राज्यों में भी काफी पीछे रहा है। इस सूची में त्रिपुरा पहले, हिमाचल प्रदेश दूसरे और सिक्किम तीसरे नंबर पर है, जबकि उत्तराखंड 0.637 स्कोर के साथ पांचवें स्थान पर है।
  • यह सूचकांक राज्यों के साथ परामर्श के बाद देश भर में एनएफएसए के कार्यान्वयन और विभिन्न सुधार पहलों की स्थिति एवं प्रगति का दस्तावेजीकरण करने का प्रयास करता है।
  • यह राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा किये गए सुधारों पर प्रकाश डालता है और सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा एक क्रॉस-लर्निंग वातावरण और स्केल-अप सुधार उपायों का निर्माण करता है।
  • वर्तमान सूचकांक काफी हद तक एनएफएसए वितरण पर केंद्रित है और इसमें भविष्य में खरीद, पीएमजीकेएवाई वितरण शामिल होगा।
  • राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की रैंकिंग के लिये सूचकांक तीन प्रमुख स्तंभों पर बनाया गया है, जो टीपीडीएस के माध्यम से एनएफएसए के एंड-टू-एंड कार्यान्वयन को कवर करता है। ये स्तंभ हैं- i) एनएफएसए- कवरेज, लक्ष्यीकरण और अधिनियम के प्रावधान, ii) डिलीवरी प्लेटफॉर्म, और iii) पोषण संबंधी पहल।

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