इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 06 Dec 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
राजस्थान Switch to English

राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना लागू

चर्चा में क्यों?

5 दिसंबर, 2022 को राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये घोषित ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’को लागू कर दिया गया है। योजना के माध्यम से राज्य सरकार द्वारा गाँवों के जीवन, कला संस्कृति और विरासत को प्रदर्शित करने वाली पर्यटन इकाइयों को बढ़ावा दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये राज्य बजट में ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’की घोषणा की थी।
  • योजना के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में पर्यटन इकाइयाँ स्थापित होने से स्थानीय लोक कला को प्रोत्साहन और हस्तशिल्प का संरक्षण होगा। इससे ग्रामीण इलाकों में स्थानीय लोगों के लिये रोज़गार के अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे।
  • ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’के तहत ग्रामीण पर्यटन इकाइयों को देय लाभ-
    • स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। आरंभ में 25 प्रतिशत स्टांप ड्यूटी देय होगी, पर्यटन इकाई शुरू होने का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने पर पुनर्भरण किया जाएगा।
    • देय एवं जमा एसजीएसटी का 10 वर्षों तक 100 प्रतिशत पुनर्भरण किया जाएगा।
    • ‘मुख्यमंत्री लघु उद्योग प्रोत्साहन योजना’ के तहत 25 लाख रुपए तक के ऋण पर 8 प्रतिशत के स्थान पर 9 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
    • ग्रामीण पर्यटन इकाइयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की ज़रूरत नहीं होगी।
    • वन विभाग के अधीन क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन का प्रोत्साहन राज्य इको टूरिज्म पॉलिसी, 2021 के प्रावधानों के अनुसार किया जाएगा।
    • स्थानीय लोक कलाकारों एवं हस्तशिल्पियों तथा ग्रामीण स्टार्टअप को अनुमोदन एवं देय लाभों में प्राथमिकता दी जाएगी।
  • ‘राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना’की विशेषताएँ-
    • ग्रामीण गेस्ट हाउस: ग्रामीण क्षेत्रों में गेस्ट हाउस पंजीकृत किये जाएंगे, जिनमें 6-10 कमरे होंगे। ये कमरे पर्यटकों के ठहरने के लिये किराए पर उपलब्ध होंगे। गेस्ट हाउस में पर्यटकों के भोजन की व्यवस्था भी होगी।
    • कृषि पर्यटन इकाई: कृषि भूमि पर अनुमोदित पर्यटन इकाई न्यूनतम 2,000 वर्ग मीटर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर पर स्थापित होगी। इसके 90 प्रतिशत हिस्से में कृषि और बागवानी कार्य, ऊँट फार्म, घोड़ा फार्म, पक्षी एवं पशुधन, फसल बोने के लिये,  हस्तशिल्प, बगीचे आदि गतिविधियों के द्वारा पर्यटकों को ग्रामीण परिवेश उपलब्ध करवाया जाएगा।
    • कैंपिंग साइट: कृषि भूमि पर न्यूनतम 1,000 वर्गमीटर एवं अधिकतम एक हेक्टेयर पर कैंपिंग साइट स्थापित हो सकेगी। इसके 10 प्रतिशत हिस्से पर टेंट में अस्थायी आवास की व्यवस्था होगी। शेष हिस्से में ऊँट फार्म, घोड़ा फार्म, पशुधन, बगीचे आदि गतिविधियाँ होंगी।
    • कैरावैन पार्क: कृषि भूमि पर न्यूनतम 1,000 वर्ग मीटर एवं अधिकतम 1 हेक्टेयर पर कैरावैन पार्क स्थापित हो सकेगा। इस पर अतिथियों के वाहन पार्क किये जाने के बुनियादी सुविधाओं का विकास होगा।
    • होम स्टे (पेईंग गेस्ट हाउस): पर्यटन विभाग द्वारा पूर्व में जारी होम स्टे (पेईंग गेस्ट हाउस) स्कीम ग्रामीण क्षेत्र में भी लागू है। इसके तहत आवास मालिक द्वारा स्वयं के आवास में पर्यटकों को 5 कमरों तक आवास सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • उल्लेखनीय है कि इस योजना के तहत ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैंपिंग साइट, कैरावैन पार्क का प्रोजेक्ट अनुमोदन और पंजीकरण पर्यटन विभाग के संबधित पर्यटक स्वागत केंद्र द्वारा किया जाएगा। साथ ही ग्रामीण पर्यटन इकाइयों के लिये 15 फीट चौड़ी सड़क होना आवश्यक होगा।

राजस्थान Switch to English

राजीविका का इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक तथा फीनो पैमेंट बैंक के साथ एमओयू

चर्चा में क्यों?

5 दिसंबर, 2022 को राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद (राजीविका) द्वारा मिशन ‘वन जीपी -वन बीसी’प्रोजेक्ट के अंर्तगत राज्य के 17 ज़िलों में स्वयं सहायता समूहों की प्रशिक्षित एवं आईआईबीएफ सर्टिफाइड महिलाओं को बीसी सखी के रूप में लगाने हेतु इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक तथा फीनो पैमेंट बैंक के साथ एमओयू किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • इसके अतिरिक्त 25 नवंबर, 2022 को ‘पे-नियर बाय’फिनटेक ऐजेंसी के साथ 8 ज़िलों में भी बीसी सखी लगाने हेतु एमओयू किया गया था। इस प्रकार अभी तक 25 ज़िलों में बीसी सखी लगाने के लिये एमओयू किया जा चुका है एवं अतिशीघ्र ही शेष 8 ज़िलों के लिये एयरटेल पेमेंट बैंक से एमओयू किया जाना है।
  • इसके साथ ही 25 अगस्त, 2022 को राज्य स्तरीय महिला समानता दिवस आयोजन कार्यक्रम के अवसर पर 4825 बीसी सखी लगाए जाने हेतु बैंक ऑफ बड़ौदा, राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक, आईसीआईसीआई बैंक तथा आईडीएफसी बैंकों के साथ भी बीसी सखी लगाए जाने हेतु एमओयू किया जा चुका है।
  • उल्लेखनीय है कि विभिन्न बैंकों के माध्यम से लगाई गई बीसी सखी संबंधित ग्राम पंचायत में ग्रामीण क्षेत्र के निवासियों तथा स्वयं सहायता समूहों के परिवारों को नि:शुल्क बैंकिग सेवाएँ उपलब्ध करवा रही हैं। इससे उन्हें डोर स्टेप बैंकिंग सुविधाओं का लाभ मिल रहा है। साथ ही इन बीसी सखियों की आमदनी का एक अच्छा जरिया बनने से उनका सशक्तीकरण, आत्मनिर्भरता तथा बैंकिंग कौशल में वृद्धि हो रही है।
  • डोर स्टेप बैंकिंग सेवाओं में प्रमुख रूप से बचत खाता खोलना, रकम निकासी, रकम जमा करने के साथ-साथ बैंकिंग सेवाओं के अन्य प्रोडेक्टस जैसे बीमा एवं पेंशन योजनाओं में नामांकन की सुविधाएँ उपलब्ध करवाने के साथ पेंशन वितरण, डीबीटी का पैसा निकासी की सुविधा शामिल हैं। 

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2