उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश में FDI वृद्धि
चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, वर्ष 2019 से 2023 के दौरान प्रदेश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
मुख्य बिंदु
- ऐतिहासिक चुनौतियाँ: ऐतिहासिक रूप से, उत्तर प्रदेश एक खराब औद्योगिक पारिस्थितिकी तंत्र से जूझता रहा है, जिसने विदेशी निवेशकों को हतोत्साहित किया है। इसके लिये कई कारक ज़िम्मेदार थे, जिनमें शामिल हैं:
- व्यापार सुगमता में निम्न रैंकिंग
- एकीकृत सिंगल विंडो क्लीयरेंस सिस्टम का अभाव
- अपर्याप्त बुनियादी ढाँचा
- अस्पष्ट औद्योगिक नीतियाँ
- अस्थिर कानून-व्यवस्था की स्थिति
- FDI प्रवृत्तियों में बदलाव: वर्ष 2000 से 2017 तक उत्तर प्रदेश में FDI मात्र 3,000 करोड़ रुपए तक सीमित था, किंतु हाल के वर्षों में इसमें तीव्र वृद्धि हुई है।
- अब उत्तर प्रदेश FDI के लिये भारत का 11वाँ सबसे आकर्षक राज्य है। अक्तूबर 2019 से सितंबर 2024 तक राज्य में कुल 1.7 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश हुआ है।
- उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में उत्तर प्रदेश भारत में प्रथम स्थान पर है। वर्तमान में राज्य में 196 इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिज़ाइन और विनिर्माण (ESDM) कंपनियाँ संचालित हैं।
- प्रमुख नीतिगत सुधार :
- वर्ष 2018 में आयोजित UP इन्वेस्टर्स समिट ने निवेश-हितैषी पहलों के लिये मंच तैयार किया।
- इस समिट में 4.28 लाख करोड़ रुपए मूल्य के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
- इस सफलता के आधार पर वर्ष 2023 में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में 33.50 लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए।
- वर्ष 2018 में आयोजित UP इन्वेस्टर्स समिट ने निवेश-हितैषी पहलों के लिये मंच तैयार किया।
- प्रमुख नीतियाँ:
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उत्तर प्रदेश प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) फॉर्च्यून ग्लोबल 500 और फॉर्च्यून इंडिया 500 कंपनियों के निवेश संवर्द्धन हेतु नीति-2023
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- परियोजना कार्यान्वयन:
- उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनीज़ (GBCs) की अवधारणा शुरू की।
- ये आयोजन राज्यव्यापी बड़े निवेश परियोजनाओं के शुभारंभ के मंच होते हैं।
- अब तक हुई पहली चार GBCs में 16,000 से अधिक परियोजनाओं की शुरुआत हो चुकी है, जिनमें से 8,000 से अधिक परियोजनाएँ क्रियाशील हैं।
- आगामी GBC-5 के लिये राज्य सरकार ने 5 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं के ग्राउंडिंग का लक्ष्य रखा है, जिसे बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपए तक किया जा सकता है।
- कुल निवेश का अधिकांश भाग विनिर्माण, सेवा और अवसंरचना क्षेत्रों में गया है, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र को सर्वाधिक 62.25% का हिस्सा प्राप्त हुआ है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनीज़ (GBCs) की अवधारणा शुरू की।