छत्तीसगढ़ Switch to English
वैज्ञानिकों ने ढूंढी छत्तीसगढ़ में 10 नई दुर्लभ पौध प्रजातियाँ
चर्चा में क्यों?
27 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार हाल ही में छत्तीसगढ़ के वैज्ञानिकों की एक टीम ने राज्य में 10 नई दुर्लभ पौध प्रजातियों की पहचान की है। ये प्रजातियाँ बहुत ही दुर्लभ हैं व ज्यादातर वेस्टर्न घाट में पाई जाती हैं।
प्रमुख बिंदु
- पौध प्रजातियों को ढूँढने वाली वैज्ञानिकों की टीम में डॉ. एम. एल. नायक, डॉ. राजेंद्र मिश्रा व डॉ. ए. पी. तिवारी शामिल हैं।
 - ये प्रजातियाँ घास, बेला, मध्यम वृक्ष एवं झाड़ियो की हैं जिन्हें उदंती अभयारण्य और कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से खोजी गई हैं।
 - डॉ. एम. एल. नायक ने बताया कि पौध प्रजातियों का सैंपल एकत्रित करके हर्वेरियम बनाया गया है। इन प्रजातियों में 1 घास की प्रजाति, 2 बेला की, 2 मध्यम आकार के वृक्ष की और 5 झाड़ियो की प्रजातियाँ शामिल हैं।
 - डॉ. नायक ने बताया कि खोजी गई 10 में से 8 प्रजातियाँ कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान से व शेष 2 प्रजातियाँ उदंती अभयारण्य से खोजी गई हैं।
 - उक्त सर्वे अरुण कुमार पांडेय अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक व सदस्य सचिव छत्तीसगढ़ राज्य जैव विविधता बोर्ड के मार्गदर्शन में हुआ।
 - उक्त पौध प्रजातियों को देश के जाने-माने जरनल ‘द इंडियन फोरेस्टर’ ने मई के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित किया है।
 - वैज्ञानिकों की एक टीम ने जिन पौध प्रजातियों की खोज की है, उनमें शामिल हैं- एलोकेशिया डेसीपियंस, ब्रेयनिया रेटुसा, कोस्मोस्टिग्मा रेसीमोसम, डाइनब्रा पॉलीस्टैचियोस, ड्रैसीना टर्निफ्लोरा, गैम्फोस्टेम्मा परविफ्लोरम, जिमनेमा इनोडोरम, ह्यूबेरेंथा सेरासाइड्स, लेपिसैंथेस टेट्राफिला व सोलेनम इरिंथियम।
 
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 लेपिसैंथेस टेट्राफिला  | 
 
 कोस्मोस्टिग्मा रेसीमोसम  | 
 
 ड्रैसीना टर्निफ्लोरा  | 
 
 एलोकेशिया डेसीपियंस  | 
 
 सोलेनम इरिंथियम  | 
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 ह्यूबेरेंथा सेरासाइड्स  | 
 
 गैम्फोस्टेम्मा परविफ्लोरम  | 
 
 ब्रेयनिया रेटुसा  | 
 
 जिमनेमा इनोडोरम  | 
 
 डाइनब्रा पॉलीस्टैचियोस  | 
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