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राजस्थान उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश
चर्चा में क्यों?
न्यायमूर्ति कल्पथी राजेंद्रन श्रीराम को राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने राजस्थान उच्च न्यायालय के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई।
मुख्य बिंदु
न्यायमूर्ति कल्पथी राजेंद्रन श्रीराम के बारे में:
- न्यायमूर्ति श्रीराम का राजस्थान उच्च न्यायालय में कार्यकाल संभवतः 69 दिन का होगा, क्योंकि 27 सितंबर 2025 को उनकी सेवानिवृत्ति की तिथि है।
- न्यायमूर्ति श्रीराम ने मुख्य न्यायाधीश एम.एम. श्रीवास्तव का स्थान लिया है, जिन्हें मद्रास उच्च न्यायालय स्थानांतरित किया गया है।
- न्यायमूर्ति श्रीराम ने वर्ष 2013 से 26 सितंबर 2024 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में सेवा की थी, इसके बाद 27 सितंबर 2024 को मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने तथा उसके बाद उनका स्थानांतरण राजस्थान उच्च न्यायालय में हो गया।
उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति
- संविधान का अनुच्छेद 217: यह कहता है कि उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI), राज्य के राज्यपाल के परामर्श से की जाएगी।
- मुख्य न्यायाधीश के अलावा किसी अन्य न्यायाधीश की नियुक्ति के मामले में उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श किया जाता है।
- परामर्श प्रक्रिया: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सिफारिश एक कॉलेजियम द्वारा की जाती है जिसमें CJI और दो वरिष्ठतम न्यायाधीश शामिल होते हैं।
- यह प्रस्ताव दो वरिष्ठतम सहयोगियों के परामर्श से संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा किया जाता है।
- सिफारिश मुख्यमंत्री को भेजी जाती है, जो केंद्रीय कानून मंत्री को प्रस्ताव राज्यपाल को भेजने की सलाह देता है।
- उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति इस नीति के आधार पर की जाती है कि राज्य का मुख्य न्यायाधीश संबंधित राज्य से बाहर का होगा।
- पदोन्नति पर निर्णय कॉलेजियम द्वारा लिया जाता है।