हरियाणा
व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD)
- 24 Jun 2025
- 5 min read
चर्चा में क्यों?
सार्वजनिक परिवहन में सुरक्षा बढ़ाने के लिये एक महत्त्वपूर्ण कदम उठाते हुए, हरियाणा सरकार ने सभी सार्वजनिक परिवहन वाहनों को व्हीकल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस (VLTD) से युक्त करने का निर्णय लिया है।
मुख्य बिंदु
VLTD के बारे में:
- सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्भया फ्रेमवर्क के तहत विकसित, VLTD रियल टाइम लोकेशन ट्रैकिंग और आपातकालीन चेतावनी सुविधा प्रदान करते हैं।
- एकीकरण: संकट की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिये इस प्रणाली को आपातकालीन प्रतिक्रिया सेवा (112) के साथ एकीकृत किया जाएगा।
- महत्त्व: VLTD की शुरूआत महिलाओं और बच्चों के लिये सुरक्षित परिवहन वातावरण बनाने में एक मील का पत्थर साबित होगी, जो सुरक्षा तथा जवाबदेही का एक अतिरिक्त स्तर प्रदान करेगी।
निर्भया फ्रेमवर्क
- निर्भया फ्रेमवर्क भारत सरकार द्वारा महिलाओं की सुरक्षा और संरक्षण बढ़ाने के लिये शुरू की गई शृंखला है, जिसे विशेष रूप से वर्ष 2012 के दिल्ली सामूहिक बलात्कार कांड के बाद लागू किया गया।
- निर्भया फंड: सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने वाली परियोजनाओं को समर्थन देने के लिये निर्भया फंड की स्थापना की।
- महिला एवं बाल विकास मंत्रालय इस कोष के अंतर्गत वित्तपोषण हेतु प्रस्तावों और योजनाओं की समीक्षा तथा सिफारिश करने के लिये नोडल प्राधिकरण के रूप में कार्य करता है।
- 112 हेल्पलाइन सेवा:
- यह निर्भया फंड योजना के अंतर्गत एक पहल है, जिसका उद्देश्य महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
- इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम (ERSS) नागरिकों के लिये आपात स्थितियों में सहायता हेतु एक अखिल भारतीय एकल नंबर आधारित आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली है।
- यह प्रणाली पुलिस (100), अग्निशमन (101) तथा महिला हेल्पलाइन (1090) को एकीकृत करती है।
- आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013:
- इसे निर्भया अधिनियम भी कहा जाता है, इसके माध्यम से यौन अपराधों के लिये दंडों को कठोर बनाया गया है। इसमें बलात्कार की पुनरावृत्ति करने वालों के लिये मृत्युदंड का प्रावधान जोड़ा गया तथा पीड़ितों की सुरक्षा हेतु प्रावधानों को सख्त किया गया है। इसमें बलात्कार, पीछा करना और उत्पीड़न जैसे अपराधों की परिभाषाएँ और दंड अधिक स्पष्ट और कठोर किये गए हैं।
भारत में महिला सुरक्षा से संबंधित पहल
- अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन:
- भारत ने वर्ष 1993 में महिलाओं के विरुद्ध सभी प्रकार के भेदभाव के उन्मूलन पर कन्वेंशन (CEDAW) सहित प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों की पुष्टि की।
- भारत ने मैक्सिको कार्य योजना (1975) का भी समर्थन किया, जिसका उद्देश्य पूर्ण लैंगिक समानता और लैंगिक भेदभाव को समाप्त करना तथा 21वीं सदी के लिये लैंगिक समानता, विकास एवं शांति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा सत्र का भी समर्थन किया।
- महिलाओं के सशक्तीकरण के लिये राष्ट्रीय नीति, 2001:
- इसका उद्देश्य महिलाओं की उन्नति और सशक्तीकरण, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा को संबोधित करना तथा रोकथाम, सहायता और कार्रवाई के लिये तंत्र प्रदान करना है।
- घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005:
- घरेलू हिंसा की शिकार महिलाओं को अनिवार्य संरक्षण अधिकारियों के साथ आश्रय और चिकित्सा सुविधाओं सहित सहायता प्रदान करता है।
- कार्यस्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) (POSH) अधिनियम, 2013:
- यह अधिनियम कार्यस्थल पर महिलाओं द्वारा सामना किये जाने वाले यौन उत्पीड़न को संबोधित करता है, जिसका उद्देश्य सुरक्षित कार्य वातावरण सुनिश्चित करना है।
- यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012:
- यह बच्चों को यौन अपराधों से बचाता है, उनकी सुरक्षा के लिये कानूनी ढाँचा प्रदान करता है और अपराधियों के लिये कठोर दंड सुनिश्चित करता है।