उत्तर प्रदेश
आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश अग्रणी
- 24 Sep 2025
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चर्चा में क्यों?
आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में उत्तर प्रदेश अग्रणी है, जहाँ 87% पात्र परिवारों को शामिल किया जा चुका है, जो सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुरक्षा की दिशा में उल्लेखनीय उपलब्धि है।
मुख्य बिंदु
- उपलब्धि के बारे में:
- उत्तर प्रदेश में अब 87% पात्र परिवारों के पास आयुष्मान कार्ड है। अब तक कुल 5.38 करोड़ कार्ड वितरित किये जा चुके हैं, जिससे राज्य आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन में अग्रणी बन गया है।
- उत्तर प्रदेश में नौ करोड़ लक्षित लाभार्थियों में से 50% से अधिक को इस योजना में नामांकित किया जा चुका है।
- आयष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (PMJAY) की सातवीं वर्षगाँठ के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान इस उपलब्धि पर प्रकाश डाला गया।
- स्वास्थ्य सेवा तक पहुँच और व्यय
- योजना की शुरुआत से अब तक उत्तर प्रदेश में 74.4 लाख लाभार्थियों को इस योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध अस्पतालों में मुफ्त उपचार प्राप्त हुआ है, जिस पर कुल 12,283 करोड़ रुपये का व्यय हुआ है।
- इसमें से 4,200 करोड़ रुपये कैंसर उपचार, कार्डियोलॉजी, अंग प्रत्यारोपण और बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी जैसी तृतीयक देखभाल सेवाओं के लिये आवंटित किये गए हैं।
- सूचीबद्ध अस्पताल:
- वर्तमान में, उत्तर प्रदेश में 6,099 सूचीबद्ध अस्पताल हैं, जो देश में सर्वाधिक हैं। इनमें 2,921 सरकारी अस्पताल और 3,088 निजी अस्पताल शामिल हैं।
- यह व्यापक नेटवर्क राज्य की जनसंख्या को स्वास्थ्य सुविधाओं तक व्यापक पहुँच सुनिश्चित करता है।
आयुष्मान भारत-PMJAY योजना
- परिचय:
- 23 सितंबर, 2018 को शुरू की गई आयुष्मान भारत को विश्व की सबसे बड़ी सार्वभौमिक स्वास्थ्य सुविधा पहल के रूप में मान्यता प्राप्त है, जो भारत की लगभग 45% जनसंख्या को कवर करती है।
- इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को निशुल्क एवं उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराना है।
- वित्तपोषण:
- राज्यों के पास इस योजना से बाहर निकलने का विकल्प है।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसमें केंद्र और राज्यों के लिये लागत अनुपात 60:40 तथा पूर्वोत्तर राज्यों, हिमालयी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के लिये 90:10 है।
- लाभार्थी:
- लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (SECC) 2011 तथा अन्य राज्य-विशिष्ट पहलों के आधार पर किया जाता है।
- इनमें निर्माण श्रमिक, अंत्योदय कार्डधारक, मान्यता प्राप्त पत्रकार, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्त्ता, कुंभ कार्यकर्त्ता, 70 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिक तथा कमज़ोर आदिवासी समूह शामिल हैं।
- हाल ही में, इस योजना का विस्तार शिक्षकों को भी शामिल करने के लिये किया गया है।