उत्तर प्रदेश
ULBs को राज्य क्षेत्रक योजना से वित्तीय अनुदान मिलेगा
- 18 Jun 2025
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चर्चा में क्यों?
उत्तर प्रदेश सरकार ने नगर निगमों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों सहित शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) को शहरी विकास विभाग से अनुमोदन प्राप्त किये बिना 10 करोड़ रुपए तक की बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को सीधे निष्पादित करने का अधिकार दिया है।
- इस कदम का उद्देश्य वित्तीय बाधाओं को दूर करना तथा ULBs को अपने समुदायों की बुनियादी ढाँचे संबंधी आवश्यकताओं को, विशेष रूप से सार्वजनिक हित परियोजनाओं के लिये, पूरा करने में सक्षम बनाना है।
मुख्य बिंदु
- बुनियादी ढाँचे के कार्यों का विस्तारित क्षेत्र:
- प्रारंभ में शहरी विकास विभाग ने ULBs को जल निकासी कार्यों के लिये अधिक व्यय सीमा के साथ कार्य करने की अनुमति दी थी। अब इस लचीलेपन को विस्तारित करते हुए विभिन्न प्रकार के नागरिक निर्माण कार्यों को भी इसमें शामिल कर लिया गया है।
- इस योजना के अंतर्गत अब निम्नलिखित प्रकार के कार्यों की अनुमति दी गई है:
- सीवरेज लाइनों, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट्स, पंपिंग स्टेशन तथा जल आपूर्ति प्रणालियों का निर्माण तथा विस्तार।
- जल मीटर, ट्यूबवेल, ओवरहेड टैंक तथा वर्षा जल संचयन प्रणाली की स्थापना।
- जल पुनर्चक्रण तथा जल शोधन ढाँचा।
- अतिरिक्त अनुमेय कार्य: ULBs को निम्नलिखित परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिये भी अधिकृत किया गया है:
- जल निकायों से गाद निकालना।
- रिटेनिंग वॉल का निर्माण।
- वृक्षारोपण अभियान।
- सौर ऊर्जा आधारित प्रकाश व्यवस्था की स्थापना।
- वित्तीय प्रावधान:
- इन परियोजनाओं का वित्तपोषण ULBs को उपलब्ध बढ़ी हुई बजटीय आवंटन तथा राज्य क्षेत्रक योजना के अंतर्गत कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु उपलब्ध प्रावधानों के माध्यम से किया जा सकता है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि बुनियादी ढाँचे के काम को पूरा करने के लिये धन आसानी से उपलब्ध हो ।