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उत्तर प्रदेश

शारदा नदी

  • 17 Jun 2025
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

उत्तर प्रदेश के सीतापुर ज़िले के देवराघाट के निकट शारदा नदी की तेज़ धाराओं में बह जाने से कई लोगों की मृत्यु हो गई।

मुख्य बिंदु

  • शारदा नदी के बारे में:
    • उत्पत्ति और प्रवाहमार्ग:
      • शारदा नदी, जिसे ऊपरी भाग में काली नदी के नाम से भी जाना जाता है, उत्तराखंड से निकलती है।
      • इसका उद्गम महान हिमालय में नंदा देवी पर्वत की पूर्वी ढलानों पर स्थित है।
      • सामान्यतः दक्षिण-दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहती हुई यह नदी उत्तराखंड (भारत) और पश्चिमी नेपाल के बीच सीमा बनाती है।
      • पहाड़ों से उतरने के बाद यह नदी नेपाल के बरमदेव मंडी में सिंधु-गंगा के मैदान में प्रवेश करती है।
        • शारदा बैराज के ऊपर नदी का विस्तार बढ़ने के कारण इसे शारदा नदी कहा जाता है।
      • भारत में प्रवेश करने के बाद, शारदा नदी उत्तरी उत्तर प्रदेश से होकर दक्षिण-पूर्व की ओर बहती है।
      • यह अंततः बहराइच के दक्षिण-पश्चिम में घाघरा नदी से मिलती है। इसकी कुल लंबाई लगभग 480 किमी. (300 मील) है।
    • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • शारदा बैराज और नहर प्रणाली:
      • उत्तराखंड में बनबसा के पास स्थित शारदा बैराज सिंचाई में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
      • यह वर्ष 1930 में पूरी हुई शारदा नहर का उद्गम स्थल है, जो उत्तर भारत की सबसे लंबी सिंचाई नहरों में से एक है।

घाघरा नदी

  • उद्गम एवं ऊपरी मार्ग:
    • घाघरा नदी, गंगा नदी की एक प्रमुख बायीं तटवर्ती सहायक नदी है। इसका उद्गम चीन के दक्षिणी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के उच्च हिमालय में करनाली नदी के रूप में होता है। 
    • नेपाल से दक्षिण-पूर्व की ओर बहते हुए यह नदी शिवालिक पर्वतमाला को काटते हुए पहाड़ों से नीचे उतरती है और ती है।
  • नदी का निर्माण
    • शिवालिक श्रेणी को पार करने के बाद नदी दो शाखाओं में विभाजित हो जाती है। 
    • ये शाखाएँ भारत-नेपाल सीमा के दक्षिण में पुनः मिलती हैं तथा घाघरा नदी के नाम से जानी जाती हैं।
  • प्रमुख सहायक नदियाँ:
    • उत्तर से घाघरा में मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियों में कुवां नदी, राप्ती नदी, छोटी गंडक नदी शामिल हैं।
    • ये सहायक नदियाँ नदी के जल-स्तर में महत्त्वपूर्ण योगदान देती हैं तथा उत्तरी उत्तर प्रदेश के विस्तृत जलोढ़ मैदानों को आकार देने में सहायता करती हैं।
    • अपने निचले क्षेत्रों में घाघरा नदी को सरयू नदी, देवहा आदि नामों से भी जाना जाता है।
    • दूसरी शताब्दी के यूनानी भूगोलवेत्ता टॉलेमी ने इसे सरबोस नाम से संदर्भित किया था।

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