उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में सेमीकंडक्टर यूनिट
- 31 May 2025
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चर्चा में क्यों?
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के जेवर में 3,700 करोड़ रुपए की डिस्प्ले ड्राइवर चिप निर्माण इकाई स्थापित करने को मंजूरी दी है।
- यह परियोजना इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (ISM) के पहले चरण के अंतर्गत स्वीकृत की गई छठी सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई है।
मुख्य बिंदु
- परियोजना विवरण:
- यह इकाई भारतीय कंपनी HCL और ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण क्षेत्र की दिग्गज कंपनी Foxconn के बीच एक संयुक्त उपक्रम है।
- जेवर संयंत्र में व्यावसायिक उत्पादन वर्ष 2027 तक शुरू होने की संभावना है, जिसके लिये तेज़ी से निर्माण और विकास की आवश्यकता होगी।
- इस संयंत्र में उत्पादित चिप्स का उपयोग लैपटॉप, पर्सनल कंप्यूटर, स्मार्टफोन और ऑटोमोबाइल्स में किया जाएगा।
- सामरिक महत्त्व:
- यह उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र है, जो तेज़ी से विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र जेवर में स्थित है।
- उत्तर प्रदेश सरकार ने इसके समर्थन में UP सेमीकंडक्टर नीति-2024 की शुरुआत की है।
- यह महत्त्वाकांक्षी नीति, राज्य में स्थानीय सेमीकंडक्टर निर्माण को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ भारत को महत्त्वपूर्ण प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में रणनीतिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
- यह संयंत्र भारत की डिस्प्ले और इलेक्ट्रॉनिक्स वैल्यू चेन में मौजूद एक महत्त्वपूर्ण रिक्ति को भरने में सहायक होगा।
- संयंत्र के चालू होने के बाद, भारत में एक डिस्प्ले पैनल निर्माण संयंत्र की स्थापना की भी संभावना है, जिससे देश की लगभग 40% डिस्प्ले आवश्यकता पूरी की जा सकेगी।
- यह उत्तर प्रदेश का पहला सेमीकंडक्टर विनिर्माण संयंत्र है, जो तेज़ी से विकसित हो रहे औद्योगिक क्षेत्र जेवर में स्थित है।
- परियोजना का महत्त्व:
- मेक इन इंडिया और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को बढ़ावा: यह परियोजना भारत के सेमीकंडक्टर निर्माण में आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य के अनुरूप है, जो प्रौद्योगिकीय संप्रभुता और आर्थिक विकास के लिये आवश्यक है।
- रोज़गार और औद्योगिक विकास: यह इकाई उत्तर प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को गति देगी, रोज़गार के अवसर उत्पन्न करेगी और सहायक उद्योगों को आकर्षित करेगी।
- आयात पर निर्भरता में कमी: घरेलू स्तर पर चिप निर्माण की वृद्धि से आयात पर निर्भरता घटेगी और भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स आपूर्ति शृंखला की मज़बूती सुनिश्चित होगी।
भारत सेमीकंडक्टर मिशन (ISM)
- ISM को इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) के तत्वावधान में 76,000 करोड़ रुपए के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ वर्ष 2021 में शुरू किया गया था।
- यह देश में टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले पारिस्थितिकी तंत्र के विकास के लिये व्यापक कार्यक्रम का हिस्सा है।
- इस कार्यक्रम का उद्देश्य सेमीकंडक्टर, डिस्प्ले विनिर्माण और डिज़ाइन पारिस्थितिकी तंत्र में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।
- सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले उद्योग के वैश्विक विशेषज्ञों के नेतृत्व में ISM योजनाओं के कुशल, सुसंगत और सुचारू कार्यान्वयन के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करेगा।