दृष्टि के NCERT कोर्स के साथ करें UPSC की तैयारी और जानें
ध्यान दें:

State PCS Current Affairs


मध्य प्रदेश

पात्रा नदी

  • 26 Nov 2025
  • 17 min read

चर्चा में क्यों?

पत्रा नदी, जो कभी राजा भोज से जुड़ी एक महत्त्वपूर्ण ताज़े पानी की धारा के रूप में जानी जाती थी, भोपाल में इसकी गंभीर स्थिति तथा पुनर्जीवन प्रयासों को लेकर अधिकारियों और पर्यावरण विशेषज्ञों द्वारा पुनः ध्यान का विषय बनी हुई है।

मुख्य बिंदु

पात्रा नदी के बारे में:

  • पात्रा नदी, जिसे पात्रा नाला भी कहा जाता है, ऐतिहासिक रूप से प्राचीन भोपाल से होकर बहती थी और अपने औषधीय गुणों के लिये प्रसिद्ध थी। 
  • ऐसा माना जाता है कि राजा भोज इसके जल में स्नान करने के बाद एक गंभीर रोग से ठीक हो गए थे, जिससे इसका सांस्कृतिक महत्त्व और भी बढ़ गया।
  • यह नदी मूलतः एक प्राकृतिक जल निकास और ताज़े पानी के वाहक के रूप में कार्य करती थी, जो ऊपरी झील (बड़ा तालाब) में मिलती थी।
  • तीव्र शहरीकरण, अतिक्रमण और अनियमित अपशिष्ट निर्वहन ने नदी को प्रदूषित नाले में बदल दिया है, जिससे इसका पारिस्थितिकी स्वरूप लगभग पूरी तरह नष्ट हो गया है।

ऊपरी झील के बारे में:

  • ऊपरी झील (बड़ा तालाब) भारत की सबसे पुरानी मानव-निर्मित झीलों में से एक है, जिसका निर्माण 11वीं शताब्दी में राजा भोज द्वारा कराया गया था।
  • यह भोज आर्द्रभूमि का हिस्सा है, जिसे वर्ष 2002 में रामसर स्थल घोषित किया गया था।
  • इसके प्रमुख जल-प्रवाह स्रोतों में कोलांस नदी तथा पत्रा नदी सहित कई मौसमी जल-धाराएँ शामिल हैं।
  • यह झील अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है क्योंकि यह भोपाल की 40% से अधिक जनसंख्या को पेयजल उपलब्ध कराती है तथा 200 से अधिक पक्षी प्रजातियों के लिये एक महत्त्वपूर्ण आवास है।

राजा भोज 

  • राजा भोज (लगभग 1010–1055 ई.) मालवा के परमार वंश के सबसे प्रसिद्ध शासकों में से एक थे, जो अपनी विद्वता, शासन कौशल और लोक कल्याणकारी कार्यों के लिये प्रसिद्ध थे।
  • उन्होंने ऐतिहासिक नगर भोजपाल की स्थापना की, जो बाद में आधुनिक भोपाल के रूप में विकसित हुआ, जिसे उनके जल-प्रबंधन कार्यों से जोड़ा जाता है।
  • उन्हें कोलांस नदी पर बाँध बनाकर ऊपरी झील (बड़ा तालाब) के निर्माण का श्रेय दिया जाता है, जिससे क्षेत्र के जल-भूगोल संरचना में परिवर्तन आया।
  • राजा भोज ने आयुर्वेद, खगोल, वास्तुकला, काव्यशास्त्र तथा व्याकरण पर कई संस्कृत ग्रंथों की रचना की या उन्हें संरक्षण दिया, जैसे समरांगण सूत्रधार (वास्तुकला) और राजमार्तण्ड (ज्योतिष)।
close
Share Page
images-2
images-2