राजस्थान
AI के साथ पढ़ाई
- 23 Jun 2025
- 4 min read
चर्चा में क्यों?
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित शैक्षिक कार्यक्रम “पढ़ाई विद AI” ने राजस्थान के टोंक ज़िले के सरकारी स्कूलों के शैक्षणिक परिणामों में उल्लेखनीय सुधार किया है।
मुख्य बिंदु
- कार्यक्रम के बारे में: इस कार्यक्रम को “पढ़ाई विद AI” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “AI के साथ अध्ययन”।
- यह पहल छात्रों की स्वयं-गति से सीखने के लिये डिज़ाइन किये गए एक समर्पित वेब पोर्टल के माध्यम से डिजिटल शिक्षा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता को एकीकृत करती है।
- वेब पोर्टल छात्रों को पाठ्यपुस्तक के प्रश्नों को हल करने, समान समस्याओं का अभ्यास करने तथा कमज़ोर क्षेत्रों को निपुण करने में मदद करने के लिये सुधारात्मक अभ्यास, ड्रिल अभ्यास और व्यक्तिगत शिक्षण प्रदान करता है।
- इसका उद्देश्य छात्रों को उन विषयों को समझने और उनका अभ्यास करने में मदद करना है, जो उन्हें कठिन लगते हैं तथा गणित पर विशेष ध्यान केंद्रित किया जाता है।
- कार्यान्वयन रणनीति:
- गणित में कमज़ोर प्रदर्शन को दूर करने के लिये टोंक कलेक्टर द्वारा शुरू किया गया यह AI-आधारित कार्यक्रम, टोंक ज़िले के 351 स्कूलों में लागू किया गया, जिसमें 2025 सत्र को लक्षित करते हुए कक्षा 10 के लिये तीन महीने की कार्य योजना तैयार की गई।
- प्रभाव और परिणाम:
- टोंक का कुल उत्तीर्ण प्रतिशत, राज्य औसत से अधिक रहा, जो AI-आधारित शिक्षण कार्यक्रम की सफलता को दर्शाता है।
शिक्षा के लिये राजस्थान की अन्य डिजिटल पहल
- AI-सक्षम मूल्यांकन:
- राजस्थान ने पारंपरिक परीक्षाओं से हटते हुए राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के अनुरूप AI-संचालित, योग्यता-आधारित मूल्यांकन की दिशा में कदम बढ़ाया है।
- ध्वनि पहचान तकनीक का उपयोग करके 26 लाख से अधिक छात्रों के लिये मौखिक पठन प्रवाह (ORF) परीक्षण आयोजित किये गए।
- कक्षा 9 से 12 तक के लिये सामान्य मूल्यांकन परीक्षण (CET) को मानकीकृत किया गया है।
- बुनियादी ढाँचा एवं डिजिटल लर्निंग विस्तार:
- विद्यालयी बुनियादी ढाँचे में सुधार हेतु 225 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
- डिजिटल कक्षाओं, स्मार्ट बोर्डों तथा ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- डिजिटल माध्यम से व्यावसायिक प्रशिक्षण और कैरियर परामर्श का एकीकरण किया जाएगा।
- कौशल विकास एवं कैरियर तैयारी:
- विश्वकर्मा कौशल संस्थान तथा उन्नत कौशल एवं कैरियर परामर्श केंद्र की शुरुआत की गई है।
- 36 ITI संस्थानों का आधुनिकीकरण किया गया तथा नए पॉलिटेक्निक कॉलेजों की स्थापना की गई है।