राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025
- 03 Oct 2025
- 13 min read
चर्चा में क्यों?
आयुष मंत्रालय ने प्रो. बनवारी लाल गौर, वैद्य नीलकंधन मूस ई.टी. और वैद्य भावना प्रशर को आयुर्वेद के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट योगदान के लिये राष्ट्रीय धन्वंतरि आयुर्वेद पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया गया।
मुख्य बिंदु
- पुरस्कार के बारे में:
- यह पुरस्कार आयुष मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है और पारंपरिक भारतीय चिकित्सा में सर्वोच्च सम्मानों में से एक माना जाता है।
- यह आयुर्वेद के प्रचार, संरक्षण और नवाचार में उत्कृष्टता को मान्यता देता है।
- वर्ष 2025 के पुरस्कार विजेता आयुर्वेद के तीन महत्त्वपूर्ण आयामों का प्रतिनिधित्व करते हैं- विद्वत्ता, पारंपरिक अभ्यास और वैज्ञानिक नवाचार।
- विजेता:
- प्रो. बनवारी लाल गौर आयुर्वेदिक शिक्षा और संस्कृत साहित्य में छह दशकों का योगदान देने वाले विद्वान तथा शिक्षाविद् हैं, जिन्हें राष्ट्रपति सम्मान सहित कई अन्य राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं।
- वैद्य नीलकंधन मूस ई.टी. केरल स्थित वैद्यरत्नम समूह के प्रमुख हैं और 200-वर्षीय आयुर्वेदिक परंपरा की आठवीं पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं।
- उन्हें आयुर्वेद को जीवंत और समुदाय-उन्मुख अभ्यास के रूप में संरक्षित तथा आधुनिक बनाने के लिये जाना जाता है।
- वैद्य भावना प्रशर आयुर्जिनोमिक्स (Ayurgenomics) में अग्रणी हैं, जिन्होंने आयुर्वेदिक प्रकृति अवधारणाओं को आधुनिक आनुवंशिक विज्ञान से जोड़ा और उनके योगदान को राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण कार्यक्रम में एकीकृत किया गया।
- महत्त्व:
- यह पुरस्कार पारंपरिक विद्वत्ता, पारंपरिक अभ्यास और आधुनिक विज्ञान के माध्यम से आयुर्वेद की निरंतरता तथा विकास को मान्यता देता है।
- एकीकृत एवं व्यक्तिगत स्वास्थ्य सेवा में आयुर्वेद की भूमिका को सुदृढ़ करता है।
- पारंपरिक चिकित्सा और नवाचार में भारत के वैश्विक नेतृत्व को मज़बूत करता है।
