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मालदीव ने विश्व में पहली बार पीढ़ीगत धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाया
- 06 Nov 2025
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चर्चा में क्यों?
मालदीव आधिकारिक रूप से दुनिया का पहला देश बन गया है जिसने धूम्रपान पर पीढ़ीगत प्रतिबंध लागू किया है, जिसके तहत 1 जनवरी, 2007 या उसके बाद जन्मे किसी भी व्यक्ति को तंबाकू उत्पादों को खरीदने, रखने या उपयोग करने की अनुमति नहीं है।
मुख्य बिंदु
- पीढ़ीगत प्रतिबंध:
- यह प्रतिबंध सिगरेट, सिगार और धूम्ररहित तंबाकू सहित सभी प्रकार के तंबाकू पर लागू होता है।
- उल्लंघन को रोकने के लिये खुदरा विक्रेताओं को बिक्री से पहले आयु की पुष्टि करनी होगी।
- इसका उद्देश्य एक पीढ़ी के भीतर तंबाकू के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करना है ।
- मालदीव में पहले से ही वेपिंग और ई-सिगरेट पर पूर्ण प्रतिबंध है, चाहे उम्र कोई भी हो।
- न्यूज़ीलैंड ऐसा कानून लागू करने वाला पहला देश था (1 जनवरी, 2009 के बाद जन्म लेने वालों के लिये), लेकिन उसने इसे प्रभावी होने से पहले ही वर्ष 2023 में निरस्त कर दिया।
- स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य:
- WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के अनुसार, तंबाकू से हर साल लगभग 70 लाख लोगों की मौत होती है।
- यह कदम युवाओं में तंबाकू सेवन की प्रवृत्ति को रोकने तथा भावी पीढ़ियों की सुरक्षा के लिये WHO के तंबाकू नियंत्रण फ्रेमवर्क कन्वेंशन (FCTC) के अनुरूप है।
तंबाकू नियंत्रण पर WHO फ्रेमवर्क कन्वेंशन (FCTC)
- परिचय:
- यह विश्व की पहली वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य संधि है। 180 से अधिक देशों (भारत सहित) ने इस संधि को अनुमोदित किया है।
- इसे वर्ष 2003 में अपनाया गया और 2005 में लागू किया गया।
- उद्देश्य:
- वर्तमान एवं भावी पीढ़ियों को तंबाकू सेवन तथा तंबाकू के धुएँ के संपर्क से होने वाले विनाशकारी स्वास्थ्य, सामाजिक, पर्यावरणीय एवं आर्थिक परिणामों से सुरक्षित रखना।
- प्रमुख प्रावधान:
- तंबाकू विज्ञापन, प्रचार और प्रायोजन पर प्रतिबंध।
- पैकेजिंग के कम-से-कम 30-50% भाग पर स्वास्थ्य चेतावनियाँ अनिवार्य।
- कराधान और सार्वजनिक धूम्रपान प्रतिबंध सहित तंबाकू की मांग तथा आपूर्ति को कम करने के उपाय।
- अवैध व्यापार का विनियमन और नीति-निर्माण में उद्योग हस्तक्षेप से सुरक्षा।