मध्य प्रदेश
भारत के पहले स्मार्ट मोबाइल शौचालयों के लिये राष्ट्रीय मानक
- 13 Oct 2025
- 12 min read
चर्चा में क्यों?
IIT इंदौर भारत के पहले मोबाइल शौचालयों के राष्ट्रीय मानक विकसित करने का नेतृत्व कर रहा है, जिसमें UV स्टरलाइज़ेशन, सौर ऊर्जा और ऑन-साइट वेस्ट-टू-एनर्जी सिस्टम जैसी आधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है।
मुख्य बिंदु
- परिचय: यह स्मार्ट शौचालय मॉडल पारंपरिक स्वच्छता प्रणालियों की चुनौतियों को दूर करने का प्रयास करता है, जो मैनुअल सफाई, ग्रिड बिजली और अधिक जल की खपत पर निर्भर हैं।
- प्रस्तावित ढाँचा: यह ढाँचा भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) को प्रस्तुत किया जाएगा और यह स्थानीय निकायों, उद्योगों और आयोजन आयोजकों के लिये मोबाइल स्वच्छता अवसंरचना का राष्ट्रीय मानक बन सकता है।
- विशेषताएँ:
- स्वचालन और स्मार्ट डिज़ाइन: रियल-टाइम स्वच्छता निगरानी और रखरखाव अलर्ट के लिये IoT सेंसर शामिल।
- सततता: सौर ऊर्जा द्वारा संचालित, UV-आधारित स्टरलाइजेशन और वेस्ट-टू-एनर्जी रूपांतरण के साथ।
- सुरक्षा और पहुँच में सुधार: महिलाओं की सुरक्षा और गरिमा पर ध्यान, सुरक्षित प्रवेश प्रणाली, एर्गोनोमिक डिज़ाइन और बेहतर प्रकाश व्यवस्था।
- अनुप्रयोग: इस मॉडल को सिंहस्थ 2028, उज्जैन के दौरान तैनात करने का प्रस्ताव है, जो 15 करोड़ से अधिक आगंतुकों को आकर्षित करने की संभावना वाला आयोजन है।
- इसका कार्यान्वयन बड़े समारोहों में पर्यावरण के अनुकूल और कुशल मोबाइल सुविधाओं के माध्यम से स्वच्छता प्रबंधन में क्रांति ला सकता है।
- वैश्विक दृष्टिकोण: ढाँचे के विकास के लिये, IIT इंदौर की टीम ने UK, जर्मनी, फ्राँस और स्विट्ज़रलैंड की वैश्विक स्वच्छता प्रणालियों का अध्ययन किया और स्वचालन और सततता में सर्वोत्तम प्रथाओं को भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल एक स्वदेशी डिज़ाइन में समाहित किया।