उत्तर प्रदेश
भारत FIDE विश्व कप 2025 की मेज़बानी करेगा
- 28 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने FIDE विश्व कप 2025 की मेज़बानी मिलने पर भारत के गौरव को व्यक्त किया। क्योंकि लगभग 23 वर्षों के अंतराल के बाद यह प्रतियोगिता भारतीय धरती पर आयोजित होने जा रही है।
- यह टूर्नामेंट 30 अक्तूबर से 27 नवंबर, 2025 तक गोवा में आयोजित होगा। इसमें 2 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पुरस्कार राशि और अगले वर्ष के कैंडिडेट्स टूर्नामेंट के लिये तीन स्थान निर्धारित किये जाएंगे।
- 206 खिलाड़ियों वाले इस टूर्नामेंट में विश्व चैंपियन डी. गुकेश, मैग्नस कार्लसन, फैबियानो कारूआना और भारत के आर. प्रज्ञानंदधा जैसे शीर्ष खिलाड़ी शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- भारत की पूर्व मेज़बानी:
- भारत ने वर्ष 2002 में हैदराबाद में अंतिम बार FIDE विश्व कप का आयोजन किया था।
- इस प्रतियोगिता में विश्वनाथन आनंद विजेता तथा रुस्तम कासिमदजानोव उपविजेता रहे थे।
- शतरंज की उत्पत्ति:
- शतरंज की उत्पत्ति छठी शताब्दी ईस्वी में गुप्त साम्राज्य के दौरान उत्तरी भारत में हुई थी।
- इसे प्रारम्भ में ‘चतुरंग’ कहा जाता था, जो वास्तविक जीवन की युद्ध-रणनीति को दर्शाता था।
- 8×8 बोर्ड पर खेले जाने वाले इस खेल में पैदल सेना, घुड़सवार सेना, हाथी और रथ का प्रतिनिधित्व करने वाले मोहरे होते थे।
- यह खेल भारत से फारस पहुँचा और फिर यूरोप में फैला। 15वीं शताब्दी तक यह आधुनिक शतरंज के रूप में विकसित हुआ, जिसमें रानी तथा ऊँट (बिशप) की शक्तियों में महत्त्वपूर्ण वृद्धि की गई।
- अंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस :
- वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने 20 जुलाई कोअंतर्राष्ट्रीय शतरंज दिवस घोषित किया।
- इस दिवस को शिक्षा, शांति और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में शतरंज की भूमिका को मान्यता देने हेतु घोषित किया गया।
- साथ ही यह सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs)—SDG 4 (गुणवत्तापूर्ण शिक्षा), SDG 5 (लैंगिक समानता), SDG 11 (सतत् शहर एवं समुदाय) तथा SDG 16 (शांति, न्याय और सशक्त संस्थानों) का भी समर्थन करता है।
- FIDE (अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ) :
- FIDE विश्व कप 2025 का आयोजन FIDE द्वारा किया जा रहा है, जो विश्व स्तर पर शतरंज का प्रमुख शासी निकाय है।
- अखिल भारतीय शतरंज महासंघ (AICF) स्थानीय आयोजक के रूप में FIDE के सहयोग से कार्य कर रहा है।
- FIDE की स्थापना वर्ष 1924 में पेरिस में की गई थी, जिसने शतरंज को औपचारिक रूप से अंतर्राष्ट्रीय खेल का दर्जा प्रदान किया।