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बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025

  • 28 Aug 2025
  • 25 min read

चर्चा में क्यों?

बिहार मंत्रिमंडल ने 26 अगस्त, 2025 को बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन पैकेज 2025 को स्वीकृति प्रदान की, जिसका उद्देश्य राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और बड़े स्तर पर निजी निवेश को आकर्षित करना है। 

  • यह पहल, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति 2016 का एक विस्तार है, जो 31 मार्च, 2026 तक प्रभावी रहेगी और अगले पाँच वर्षों में 1 करोड़ रोज़गार के अवसर सृजित करने के बिहार के प्रयासों का हिस्सा है, जिससे राज्य एक महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित होगा।

मुख्य बिंदु 

निवेश प्रोत्साहन पैकेज के बारे में:

  • निवेशकों के लिये निःशुल्क भूमि
    • निवेशक उद्योग स्थापित करने के लिये 1 रुपये के नाममात्र शुल्क पर भूमि प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत 100 करोड़ रुपये के निवेश और 1,000 नौकरियों के सृजन पर 10 एकड़ तक भूमि प्रदान की जाएगी।
    • 1,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश वाली परियोजनाओं को 25 एकड़ तक भूमि आवंटित की जाएगी।
    • फॉर्च्यून 500 कंपनियों को 10 एकड़ भूमि दी जाएगी।
  • भूमि पर छूट
    • उपर्युक्त योजनाओं का चयन न करने वाले निवेशकों को BIADA (बिहार औद्योगिक क्षेत्र विकास प्राधिकरण) की भूमि दर से 50% छूट पर भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।
  • फिनटेक सिटी विकास: 
    • मंत्रिमंडल ने पटना में फतुहा के समीप फिनटेक सिटी परियोजना हेतु 242 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिये 408.81 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी है। 
    • गुजरात की गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) की तर्ज पर निर्मित इस परियोजना से वित्तीय सेवाएँ बढ़ेंगी तथा पटना तक सीधे माल की आवाजाही संभव होगी, जिससे निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
  • अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों हेतु व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण
    • मंत्रिमंडल ने पटना और गया हवाई अड्डों से अंतर्राष्ट्रीय मार्गों को बढ़ावा देने वाली एयरलाइनों के लिये व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण (VGF) को भी मंज़ूरी दी है। 
    • पटना-काठमांडू, गया-शारजाह, गया-बैंकॉक तथा अन्य अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर परिचालन करने वाली एयरलाइनों को न्यूनतम 150 यात्रियों की क्षमता वाली राउंड ट्रिप के लिये वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी।
  • वित्तीय प्रोत्साहन: 
    • निवेशक तीन वित्तीय प्रोत्साहन मॉडलों में से किसी एक का विकल्प चुन सकते हैं:
      • 40 करोड़ रुपये तक का ब्याज अनुदान तथा 100% तक SGST प्रतिपूर्ति
      • 14 वर्षों में अनुमोदित परियोजना लागत का 300% SGST प्रतिपूर्ति।
      • अनुमोदित परियोजना लागत के आधार पर 30% पूंजीगत सब्सिडी।
  • निर्यात प्रोत्साहन: 
    • निर्यात प्रोत्साहन को बढ़ाकर 40 लाख रुपये प्रतिवर्ष कर दिया गया है, जो पूर्व राशि से दोगुना हैतथा लाभ 14 वर्षों के लिये बढ़ा दिया गया है
  • रोज़गार सहायता: 
    • पात्र उद्योगों को प्रति श्रमिक 5,000 रुपये प्रतिमाह तथा 300% तक ESI/EPF सहायता दी जाएगी। 
    • अन्य इकाइयों को सामाजिक सुरक्षा लाभों के अतिरिक्त प्रति श्रमिक 2,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। 
    • प्रत्येक कर्मचारी के लिये 20,000 रुपये का कौशल विकास अनुदान भी सम्मिलित है।
  • हरित प्रोत्साहन: 
    • पर्यावरण संरक्षण हेतु 25% प्रतिपूर्ति (अधिकतम 1 करोड़ रुपये तक) तथा नवीकरणीय ऊर्जा उपयोग पर 6 लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी।

नोट: एक अन्य निर्णय में मंत्रिमंडल ने कृषि सलाहकारों के मानदेय को 13,000 रुपये से बढ़ाकर 21,000 रुपये प्रतिमाह करने की स्वीकृति दी है, जिससे राज्य में किसान सलाहकारों को और अधिक सहयोग एवं प्रोत्साहन मिल सकेगा।

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