उत्तर प्रदेश
संत मदर टेरेसा की 115वीं जयंती
- 28 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
संत मदर टेरेसा की 115वीं जयंती 26 अगस्त, 2025 को मदर्स हाउस, कोलकाता में मनाई गई ।
मुख्य बिंदु
मदर टेरेसा के बारे में:
- मदर टेरेसा, जिनका जन्म वर्ष 1910 में स्कोप्जे, ओटोमन साम्राज्य (अब उत्तरी मैसेडोनिया) में एग्नेस गोंक्सा बोजाक्सीहु (Agnes Gonxha Bojaxhiu) के रूप में हुआ था, ने अपना जीवन गरीब लोगों की सेवा के लिये समर्पित कर दिया।
- उनकी यात्रा 12 वर्ष की आयु में शुरू हुई जब उन्हें मिशनरी के रूप में सेवा करने का आह्वान महसूस हुआ।
- वर्ष 1928 में, 18 वर्ष की आयु में, वह भारत गईं, जहाँ उन्होंने वर्ष 1931 में अपनी धार्मिक प्रतिज्ञा ली। 17 वर्षों तक उन्होंने कलकत्ता के सेंट मैरी हाई स्कूल में पढ़ाया।
- मदर टेरेसा ने वेटिकन से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद 7 अक्तूबर, 1950 को मिशनरीज ऑफ चैरिटी की स्थापना की।
- उनका संगठन, जो विश्व स्तर पर विस्तारित था, शरणार्थियों, बुज़ुर्गों और एड्स से पीड़ित लोगों सहित निराश्रित लोगों की देखभाल पर ध्यान केंद्रित करता था।
- 1990 के दशक तक, मिशनरीज ऑफ चैरिटी के 40 देशों में दस लाख से अधिक स्वयंसेवक थे, जो मदर टेरेसा की करुणा की भावना का प्रसार कर रहे थे।
- शांति और समझ को बढ़ावा देने में उनके अथक कार्य के लिये उन्हें अनेक पुरस्कार प्राप्त हुए जिनमें पोप जॉन XXIII शांति पुरस्कार (1971), नेहरू पुरस्कार (1972) और वर्ष 1979 में नोबेल शांति पुरस्कार शामिल हैं।
- मदर टेरेसा का निधन 5 सितंबर, 1997 को हुआ और वे अपने पीछे करुणा तथा सेवा की एक स्थायी विरासत छोड़ गईं।
- वर्ष 2016 में पोप फ्राँसिस ने उन्हें संत घोषित किया जिससे दुनिया में सबसे प्रिय मानवतावादी हस्तियों में से एक के रूप में उनकी स्थिति और मज़बूत हो गई।
नोट: मदर टेरेसा भारत की एकमात्र प्राकृतिकीकरण द्वारा नागरिकता प्राप्त नागरिक हैं, जिन्हें भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (1980) से सम्मानित किया गया।
- वह भारत रत्न पाने वाले केवल दो विदेशियों में से एक हैं। दूसरे हैं खान अब्दुल गफ्फार खान, जिन्हें सीमांत गांधी के नाम से जाना जाता है, जिन्हें वर्ष 1987 में यह सम्मान दिया गया था।