बिहार
बिहार सरकार ने गया का नाम परिवर्तित कर गया जी किया
- 19 May 2025
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चर्चा में क्यों?
बिहार सरकार ने ऐतिहासिक शहर गया का नाम आधिकारिक तौर पर परिवर्तित कर 'गया जी' कर दिया है।
- नाम परिवर्तित करने का उद्देश्य गया में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना, अधिक तीर्थयात्रियों और आगंतुकों को आकर्षित करना, स्थानीय अर्थव्यवस्था को मज़बूत करना तथा आजीविका के अवसर सृजित करना है।
मुख्य बिंदु
गया जी के बारे में
- ऐतिहासिक संदर्भ:
- गया प्राचीन मगध साम्राज्य का हिस्सा था, जो भारतीय इतिहास में महत्त्वपूर्ण राज्य था।
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यह शहर फल्गु नदी के तट पर स्थित है, जो इसके आध्यात्मिक और भौगोलिक महत्त्व को बढ़ाता है।
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धार्मिक महत्त्व:
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गया एक प्रमुख हिंदू तीर्थ स्थल है, जो विशेष रूप से पितृपक्ष त्योहार के लिये जाना जाता है, जहाँ लाखों लोग अपने पूर्वजों के सम्मान में पिंडदान करते हैं।
- पौराणिक मान्यता के अनुसार त्रेता युग में गयासुर नामक राक्षस ने यहाँ तपस्या की थी और भगवान विष्णु से वरदान प्राप्त कर पुण्यात्मा बन गया था। तब से इस स्थान का नाम गया पड़ा।
- बोधगया, गया ज़िले में स्थित है, जहाँ गौतम बुद्ध को बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त हुआ था।
- यह विश्व में सबसे महत्त्वपूर्ण बौद्ध तीर्थस्थलों में से एक है।
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यह शहर मंगला-गौरी, शृंग-स्थान, राम-शिला और ब्रह्मयोनि जैसी पवित्र पहाड़ियों से घिरा हुआ है।
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फल्गु नदी
- फल्गु नदी गया के पूर्व दिशा में बहती है और केवल मानसून के मौसम में ही इसमें पानी रहता है।
- वर्ष के बाकी समय में इसकी नदी का तल सूखा दिखाई देता है, लेकिन गाद (mud) के नीचे पानी पाया जा सकता है।
पितृपक्ष महोत्सव (पितृ पक्ष)
- पितृपक्ष, जिसे पितृ पक्ष या श्राद्ध भी कहा जाता है, आश्विन (सितंबर-अक्तूबर) के चंद्र माह के दौरान मनाया जाने वाला 16 दिवसीय हिंदू त्योहार है।
- यह पूर्णिमा के दिन शुरू होता है और अमावस्या के दिन समाप्त होता है।