उत्तर प्रदेश
भारत की पहली जंगल सफारी विस्टाडोम ट्रेन
- 19 May 2025
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चर्चा में क्यों?
भारतीय रेलवे और उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत की पहली विस्टाडोम जंगल सफारी ट्रेन शुरू की।
मुख्य बिंदु
- जंगल सफारी विस्टाडोम ट्रेन के बारे में:
- यह ट्रेन कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य को दुधवा टाइगर रिज़र्व से जोड़ेगी, जिससे यात्रियों को राज्य की समृद्ध जैवविविधता का अनुभव करने का मौका मिलेगा।
- वर्तमान में यह सेवा सप्ताहांत पर संचालित है, लेकिन इसे दैनिक परिचालन में विस्तारित करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे यह वर्ष भर अधिक आगंतुकों के लिये सुलभ हो सके।
- एक गंतव्य, तीन वन:
- यह योजना उत्तर प्रदेश के इको टूरिज्म बोर्ड की “एक गंतव्य, तीन वन” थीम का हिस्सा है।
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इसका उद्देश्य दुधवा राष्ट्रीय उद्यान, कतर्नियाघाट और किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य को एक संयुक्त पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना है, ताकि वन्यजीवों के बीच बेहतर और अधिक अनुभव प्राप्त हो सके।
- आर्थिक महत्त्व:
- इस ट्रेन से स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, नए रोज़गार सृजित होंगे तथा सतत् विकास को बढ़ावा मिलेगा।
कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य
- यह उत्तर प्रदेश के बहराइच ज़िले में ऊपरी गंगा के मैदान में स्थित है, जो प्राकृतिक रूप से एक समृद्ध और विविध पारिस्थितिकी तंत्र को बनाए रखता है।
- यह 400.6 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है।
- संरक्षण:
- वर्ष 1987 में इसे 'प्रोजेक्ट टाइगर' के दायरे में लाया गया और किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य और दुधवा राष्ट्रीय उद्यान के साथ मिलकर यह दुधवा टाइगर रिज़र्व बनाता है। इसकी स्थापना 1975 में हुई थी।
- अभयारण्य में चीतल, हिरण, जंगली सूअर, बाघ, हाथी और तेंदुए आदि प्रजातियाँ भी पाई जाती हैं।
- यह घड़ियाल, बाघ, गैंडे, गंगा डॉल्फिन, दलदली हिरण, हिसपिड खरगोश, बंगाल फ्लोरिकन, सफेद पीठ वाले और लंबी चोंच वाले गिद्धों सहित कई लुप्तप्राय प्रजातियों का घर है।
- पारिस्थितिकी संरचना:
- यह क्षेत्र मिश्रित पर्णपाती वन से घिरा हुआ है, जिसमें साल और सागौन के जंगल, हरे-भरे घास के मैदान, असंख्य दलदल और आर्द्रभूमि शामिल हैं।
- इस क्षेत्र में गिरवा नदी बहती है, जो पारिस्थितिकी तंत्र को संतुलित करती है।
दुधवा टाइगर रिज़र्व
- यह उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में भारत-नेपाल सीमा पर लखीमपुर-खीरी ज़िले में स्थित है।
- अपनी समृद्ध जैवविविधता के लिये जाना जाने वाला यह स्थान बंगाल टाइगर, भारतीय गैंडे, दलदली हिरण, तेंदुए और कई पक्षी प्रजातियों का घर है।
- तराई आर्क लैंडस्केप (TAL) में शामिल हैं:
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान
- किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य
- कतर्नियाघाट वन्यजीव अभयारण्य
- ये तीन क्षेत्र प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत दुधवा टाइगर रिज़र्व का निर्माण करते हैं, जो राज्य में रॉयल बंगाल टाइगर्स की अंतिम व्यवहार्य आबादी की रक्षा करते हैं।
- दुधवा राष्ट्रीय उद्यान और किशनपुर अभयारण्य वर्ष 1987 में तथा कतर्नियाघाट वर्ष 2000 में इसमें शामिल किये गए।