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रक्षा संपदा दिवस का शताब्दी वर्ष समारोह
- 16 Dec 2025
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चर्चा में क्यों?
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 16 दिसंबर, 2025 को दिल्ली छावनी स्थित रक्षा संपदा भवन में रक्षा संपदा दिवस समारोह की अध्यक्षता की, जो रक्षा संपदा विभाग की 100वीं वर्षगाँठ को चिह्नित करता है
मुख्य बिंदु
- समारोह एवं सम्मान: रक्षा मंत्री द्वारा 61 छावनी बोर्डों में रक्षा भूमि प्रबंधन तथा नगर प्रशासन के क्षेत्र में सार्वजनिक सेवा में उत्कृष्ट योगदान के लिये रक्षा मंत्री पुरस्कार प्रदान किये गए।
- शताब्दी का महत्त्व: यह आयोजन रक्षा संपदा विभाग की 100वीं वर्षगाँठ का प्रतीक है, जिसकी शुरुआत वर्ष 1765 में बैरकपुर से हुई और 16 दिसंबर, 1926 को इसे औपचारिक स्वरूप प्रदान किया गया।
- रक्षा संपदा की भूमिका: रक्षा मंत्रालय के अधीन यह विभाग भारत सरकार की सर्वाधिक व्यापक भू-संपत्ति का प्रबंधन करता है।
- डिजिटल परिवर्तन: ई-छावनी जैसी पहलों के माध्यम से भूमि प्रबंधन का आधुनिकीकरण किया गया है, जिसके तहत लगभग 20 लाख छावनी निवासियों को 100 प्रतिशत नगरपालिका सेवाएँ ऑनलाइन उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- पुरस्कार एवं मान्यता: जल संरक्षण तथा जल निकायों के पुनरुद्धार में योगदान के लिये ‘जल संचय जन-भागीदारी’ श्रेणी में राष्ट्रीय जल पुरस्कार प्राप्त किया गया है।
- डिजिटलीकरण: विरासत में प्राप्त भूमि अभिलेखों का पूर्ण डिजिटलीकरण किया गया है, जिससे उनका संरक्षण, आसान पुनर्प्राप्ति तथा सुरक्षित अभिलेखीकरण सुनिश्चित हुआ है।
- रक्षा भूमि प्लेटफॉर्म: केंद्रीकृत सॉफ्टवेयर ‘रक्षा भूमि’ सुरक्षित सर्वरों पर सभी रक्षा भूमि अभिलेखों के एकीकृत भंडार के रूप में कार्य करता है।
- उन्नत सर्वेक्षण उपकरण: भूमि की सटीकता तथा प्रबंधन में सुधार के लिये डिफरेंशियल GPS, GIS उपकरणों तथा उच्च-रिज़ॉल्यूशन उपग्रह चित्रों का उपयोग किया जा रहा है।
- प्रौद्योगिकी नवाचार: उपग्रह एवं मानवरहित रिमोट वाहन पहल पर आधारित उत्कृष्टता केंद्र के माध्यम से AI/ML तथा उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए अगली पीढ़ी के रक्षा भूमि प्रबंधन समाधान विकसित किये जा रहे हैं।