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परमाणु ऊर्जा रूपांतरण विधेयक, 2025

  • 16 Dec 2025
  • 21 min read

चर्चा में क्यों?

विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने भारत के परमाणु ऊर्जा से संबंधित विधिक ढाँचे के आधुनिकीकरण के उद्देश्य से संसद में सतत परमाणु ऊर्जा दोहन तथा संवर्द्धन विधेयक, 2025 प्रस्तुत किया।

मुख्य बिंदु

  • नया विधिक ढाँचा: यह विधेयक परमाणु ऊर्जा के लिये एक व्यापक कानून का प्रस्ताव करता है, जिसके तहत परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 तथा परमाणु क्षति के लिये नागरिक दायित्व अधिनियम, 2010 को निरस्त किया जाएगा।
  • ऊर्जा सुरक्षा: इसका उद्देश्य परमाणु स्थापित क्षमता का विस्तार करना है, ताकि डेटा सेंटर जैसी भविष्य की आवश्यकताओं के लिये विश्वसनीय, स्वच्छ तथा चौबीसों घंटे विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
  • कार्बन उत्सर्जन में कमी: यह विधेयक भारत की दीर्घकालिक जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है, जिनमें वर्ष 2047 तक 100 गीगावाट परमाणु विद्युत क्षमता का लक्ष्य तथा वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो उत्सर्जन प्राप्त करने का संकल्प शामिल है।
  • निजी भागीदारी: यह परमाणु ऊर्जा विकास में घरेलू उद्योग तथा निजी क्षेत्र की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करता है।
  • नियामक तंत्र: विधेयक लाइसेंसिंग, सुरक्षा प्राधिकरण, निलंबन तथा निरस्तीकरण से संबंधित अद्यतन प्रावधान प्रस्तुत करता है, जिससे नियामक निगरानी को सुदृढ़ किया जा सके।
  • नागरिक दायित्व: परमाणु क्षति से संबंधित एक संशोधित नागरिक दायित्व ढाँचा प्रस्तावित किया गया है, ताकि सुरक्षा, जवाबदेही और मुआवजा तंत्र को अधिक प्रभावी बनाया जा सके।
  • संस्थागत ढाँचा: विधेयक में परमाणु ऊर्जा निवारण सलाहकार परिषद, दावा आयुक्तों तथा परमाणु क्षति दावा आयोग जैसे निकायों का प्रावधान किया गया है।
  • प्रौद्योगिकी विस्तार: परमाणु ऊर्जा के साथ-साथ विकिरण आधारित प्रौद्योगिकियों को भी एक आधुनिक नियामक संरचना के अंतर्गत शामिल किया गया है।
  • राष्ट्रीय दृष्टिकोण: समग्र रूप से, यह विधेयक स्वच्छ ऊर्जा विस्तार, सुरक्षा तथा जनहित के बीच संतुलन स्थापित करते हुए परमाणु प्रशासन के आधुनिकीकरण की भारत की प्रतिबद्धता को प्रतिबिंबित करता है।

परमाणु ऊर्जा

  • परमाणु ऊर्जा वह ऊर्जा है जो परमाणु के नाभिक में संचित होती है और नाभिकीय अभिक्रियाओं के परिणामस्वरूप मुक्त होती है। 
  • इसका उपयोग विद्युत उत्पादन, चिकित्सा क्षेत्र, अंतरिक्ष अनुसंधान तथा परमाणु हथियारों में किया जाता है। 
  • परमाणु ऊर्जा के दो प्रमुख स्रोत नाभिकीय विखंडन और नाभिकीय संलयन हैं।
  • पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र: तारापुर, महाराष्ट्र (1969) 
  • सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा संयंत्र: राजस्थान– अधिकतम परमाणु ऊर्जा उत्पादन
  • अन्य प्रमुख संयंत्र: काकरापार (गुजरात), कुडनकुलम और कलपक्कम (तमिलनाडु), नरोरा (उत्तर प्रदेश)।
  • रिएक्टर प्रकार: PHWR (सर्वाधिक), BWR (तारापुर), फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (कलपक्कम)।
  • ईंधन: यूरेनियम और थोरियम (भारत में थोरियम का सबसे बड़ा भंडार है)।
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