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बिहार

26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में शामिल हुए मुख्यमंत्री

  • 11 Dec 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

10 दिसंबर, 2023 को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में बिहार के पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित ‘संवाद’ में 26वीं पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार शामिल हुए और बैठक की मेज़बानी भी की।

प्रमुख बिंदु

  • केंद्र सरकार के निर्देश पर पटना में पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की यह 5वीं बार बैठक हुई। इसके पूर्व 1958, 1963, 1985 और 2015 में बैठक हो चुकी है।
  • इस बैठक में बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के मंत्री और वरीय अधिकारी बैठक में शामिल हुए।
  • विदित हो कि मुख्यमंत्री ने 28 फरवरी, 2020 में उड़ीसा में आयोजित पूर्वी क्षेत्रीय परिषद् की बैठक में भाग लिया था।
  • मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना करा ली है और इसके आँकड़ों को जारी किया है, जिसके अनुसार बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ 7 लाख 25 हज़ार 310 है, जिसमें 53 लाख 72 हज़ार 22 लोग बिहार के बाहर रह रहे हैं। 12 करोड़ 53 लाख 53 हज़ार राज्य में रह रहे हैं।
  • जाति आधारित गणना में पिछड़ा वर्ग 27.12 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा 36.01 प्रतिशत, अनुसूचित जाति 19.65 प्रतिशत, अनुसूचित जनजाति 1.68 प्रतिशत तथा सामान्य वर्ग 15.52 प्रतिशत की आबादी पाई गई है।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में आरक्षण की सीमा 50 से बढ़ाकर 65 प्रतिशत कर दिया गया है। इसके लिये कानून पारित हो गया है। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिये पूर्व से ही 10 प्रतिशत आरक्षण उपलब्ध है। सभी को मिलाकर कुल आरक्षण 75 प्रतिशत हो गया है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जातियों में गरीब परिवार मिले हैं, जिनमें 25.09 प्रतिशत सामान्य वर्ग के, 33.16 प्रतिशत पिछड़ा वर्ग के, 33.58 प्रतिशत अति पिछड़ा वर्ग के, 42.93 प्रतिशत अनुसूचित जाति तथा 42.70 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोग गरीब हैं। सभी वर्गों में गरीब परिवारों की कुल संख्या 94 लाख है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि गरीब परिवारों को आगे बढ़ाने के लिये इसके एक सदस्य को रोज़गार हेतु 2 लाख रुपए तक की सहायता की योजना बनाई गई है।
  • जिन परिवारों के पास आवास/घर नहीं हैं, उन्हें जमीन खरीदने की राशि को 60 हज़ार से 1 लाख रुपए कर दिया गया है। मकान बनाने के लिये 1 लाख 20 हज़ार रुपए दिये जाएंगे।
  • वर्ष 2018 से ‘सतत् जीविकोपार्जन योजना’ के तहत अत्यंत निर्धन परिवार को रोज़गार हेतु दी जा रही 1 लाख रुपए की सहायता राशि को बढ़ाकर 2 लाख रुपए कर दिया गया है।

 

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