उत्तर प्रदेश
11वाँ राष्ट्रीय हथकरघा दिवस
- 09 Aug 2025
- 25 min read
चर्चा में क्यों?
7 अगस्त 2025 को वस्त्र मंत्रालय ने भारत के हथकरघा क्षेत्र का उत्सव मनाते हुए 11वें राष्ट्रीय हथकरघा दिवस (NHD) का आयोजन किया, जिसका विषय था- “वीविंग इनोवेशन इन्टू ट्रडिशन”।
- 11वें NHD के अवसर पर भारत मंडपम में भारत के राष्ट्रपति ने वर्ष 2024 के लिये प्रतिष्ठित 5 संत कबीर हथकरघा पुरस्कार तथा 19 राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार प्रदान किये।
मुख्य बिंदु
- राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के बारे में:
- 7 अगस्त 2015 को स्थापित NHD, 7 अगस्त 1905 से प्रारंभ हुए स्वदेशी आंदोलन की ऐतिहासिक स्मृति में मनाया जाता है, जिसने स्वदेशी हथकरघा बुनाई उद्योगों को प्रोत्साहन दिया।
- NHD भारतीय हथकरघा के पीछे के कुशल शिल्प कौशल और रचनात्मकता का उत्सव मनाता है तथा एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के रूप में उनके महत्त्व को मान्यता देता है।
- राष्ट्रीय हथकरघा विकास निगम (NHDC) के साथ साझेदारी में मंत्रालय ने एक्सक्लूसिव हैंडलूम एक्सपो और "हाट ऑन व्हील्स" मोबाइल रिटेल पहल भी शुरू की।
- राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के उपलक्ष्य में 1 से 7 अगस्त 2025 तक एक सप्ताह तक चलने वाले कार्यक्रम के रूप में वस्त्र मंत्रालय द्वारा "अपने बुनकरों को जानें अभियान 2025" भी शुरू किया गया।
- हथकरघा पुरस्कार
- इन पुरस्कारों का उद्देश्य हथकरघा उद्योग में उत्कृष्टता को सम्मानित करना तथा ऐसे व्यक्तियों और संगठनों को मान्यता देना है जिन्होंने शिल्प कौशल, नवाचार तथा विकास में योगदान के मानक स्थापित किये हैं।
- पुरस्कारों की श्रेणियाँ:
आयाम |
संत कबीर हथकरघा पुरस्कार |
राष्ट्रीय हथकरघा पुरस्कार |
उद्देश्य |
क्षेत्र के विकास और परंपरा में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये उत्कृष्ट हथकरघा बुनकरों को सम्मानित किया जाता है। |
असाधारण शिल्प कौशल, समर्पण और नवाचार के लिये बुनकरों का सम्मान किया जाता है। |
पात्रता |
उत्कृष्ट हथकरघा बुनकर; इसमें राष्ट्रीय/राज्य पुरस्कार विजेता, योग्यता प्रमाण-पत्र धारक या असाधारण योगदानकर्त्ता शामिल हो सकते हैं। |
अनुकरणीय शिल्प कौशल, नवाचार और समर्पण वाले बुनकर। |
नकद राशि |
3.5 लाख रुपए |
2 लाख रुपए |
हथकरघा क्षेत्र
- परिचय:
- हथकरघा क्षेत्र भारत की ग्रामीण अर्थव्यवस्था और सांस्कृतिक विरासत का आधार बना हुआ है, जो 35 लाख से अधिक लोगों को रोज़गार प्रदान करता है जिसमें 70% महिलाएँ हैं।
- वैश्विक उपस्थिति:
- भारत विश्व का एकमात्र प्रमुख देश है जो व्यावसायिक स्तर पर हथकरघा कपड़ों का उत्पादन करता है और यह वैश्विक हस्त-बुने कपड़ों के उत्पादन का लगभग 95% हिस्सा है।
- भारत के हथकरघा निर्यात की वैश्विक बाज़ारों में मजबूत मांग बनी हुई है, जो 20 से अधिक देशों तक पहुँच रही है।
- वित्त वर्ष 2024-25 में संयुक्त राज्य अमेरिका सबसे बड़ा निर्यात गंतव्य रहा, जहाँ 331.56 करोड़ रुपए के हथकरघा उत्पादों का निर्यात किया गया।
- प्रमुख योजनाएँ:
- राष्ट्रीय हथकरघा विकास कार्यक्रम (NHDP): आत्मनिर्भर और प्रतिस्पर्द्धी इकाइयों का गठन करके मान्यता प्राप्त समूहों के भीतर तथा बाहर हथकरघा बुनकरों के सतत् विकास को बढ़ावा देना।
- कच्चा माल आपूर्ति योजना (RMSS): सस्ती कीमतों पर गुणवत्ता वाले धागे की उपलब्धता सुनिश्चित करके हथकरघा बुनकरों को समर्थन देना।
- मुद्रा ऋण: बुनकरों को बैंकों के माध्यम से 6% की कम ब्याज दर पर सब्सिडी युक्त ऋण प्रदान करना।