उत्तर प्रदेश
WHO–IRCH अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला
- 09 Aug 2025
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चर्चा में क्यों?
आयुष मंत्रालय के भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी फार्माकोपिया आयोग (PCIM&H) ने गाज़ियाबाद स्थित अपने मुख्यालय में “हर्बल औषधियों की सुरक्षा और विनियमन” (कार्य समूह-1) तथा “हर्बल औषधियों की प्रभावकारिता तथा इच्छित उपयोग” (कार्य समूह-3) पर WHO–हर्बल औषधियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (IRCH) कार्यशालाओं के उद्घाटन सत्र की मेज़बानी की।
- कार्य समूह 1 और 3 के लिये अग्रणी देश के रूप में भारत, WHO–IRCH मंच के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग को मज़बूत करने के लिये प्रतिबद्ध है।
मुख्य बिंदु
- कार्यशाला के बारे में:
- आयुष मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित यह वैश्विक तकनीकी कार्यशाला 6 से 8 अगस्त 2025 तक आयोजित हुई, जिसमें WHO के सदस्य देशों, नियामक प्राधिकरणों, शिक्षाविदों, अनुसंधान निकायों और हर्बल औषधि उद्योग के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
- इसका उद्देश्य नियामक अभिसरण, गुणवत्ता आश्वासन और स्वास्थ्य देखभाल की पारंपरिक प्रणालियों में हर्बल औषधियों की नैदानिक प्रासंगिकता जैसे प्रमुख पहलुओं पर विचार-विमर्श करना था।
- एजेंडा में हर्बल औषधि मानकीकरण तकनीकों जैसे फार्माकोग्नोस्टिक, रासायनिक और तत्त्व विश्लेषण में व्यावहारिक प्रशिक्षण सत्र शामिल थे।
- अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागियों को नैदानिक, शैक्षणिक और विनिर्माण पद्धतियों का प्रत्यक्ष अनुभव देने के लिये प्रमुख आयुष संस्थानों का दौरा भी कराया गया।
- कार्यशालाओं में WHO–IRCH के अंतर्गत कई देशों के प्रतिभागियों ने भाग लिया, जिनमें पोलैंड, नेपाल, भूटान, ब्रुनेई दारुस्सलाम, जापान, इंडोनेशिया, श्रीलंका, पैराग्वे आदि शामिल हैं।
भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी के लिये फार्माकोपिया आयोग (PCIM&H)
- PCIM&H, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार के अधीन एक अधीनस्थ कार्यालय है।
- फार्माकोपिया और फार्मूलरी का विकास तथा भारतीय चिकित्सा एवं होम्योपैथी प्रणालियों के लिये केंद्रीय औषधि परीक्षण सह अपीलीय प्रयोगशाला के रूप में कार्य करना इसके प्रमुख कार्यक्षेत्र हैं।
हर्बल औषधियों के लिये अंतर्राष्ट्रीय नियामक सहयोग (IRCH)
- IRCH की स्थापना वर्ष 2006 में हुई थी। यह हर्बल औषधियों के विनियमन के लिये ज़िम्मेदार नियामक प्राधिकरणों का एक वैश्विक नेटवर्क है।
- मिशन:
- WHO की सिफारिशों में सहायता हेतु सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान और सहयोग।
- हर्बल औषधियों के सुरक्षित उपयोग के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा स्वास्थ्य एवं कल्याण में इनके योगदान को प्रोत्साहित करना।