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हरियाणा

‘हरियाणा किराये पर सरकारी संपत्ति निपटान नीति 2023’ अधिसूचित

  • 21 Apr 2023
  • 4 min read

चर्चा में क्यों?

20 अप्रैल, 2023 को हरियाणा सरकार ने पिछले 20 वर्ष या उससे अधिक समय से किराये या पट्टे के माध्यम से व्यक्तिगत या निजी संस्था के कब्जे वाली सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों और प्राधिकरणों की संपत्तियों (दुकानों/मकानों) को बेचने के लिये ‘हरियाणा किराये पर सरकारी संपत्ति निपटान नीति 2023’ को अधिसूचित की है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य सचिव संजीव कौशल ने यह जानकारी देते हुए बताया कि यह नीति 100 वर्ग गज प्रति लाभार्थी/प्रति भूखंड तक की ऐसी सभी संपत्तियों पर लागू होगी, जो 01 जून, 2001 से पहले पट्टे या किराए पर दी गई थी।
  • मुख्य सचिव ने बताया कि यह एक ‘वन टाइम पालिसी’है जिसके अंतर्गत आने वाले लोगों को नीति की अधिसूचना जारी होने के 3 महीने के भीतर आवेदन करना होगा।
  • यह नीति पर्यटन, परिवहन और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभागों की भूमि पर लागू नहीं होगी। इसके अलावा, यह नीति शामलात भूमि, पंचायत भूमि, पंचायत समिति एवं ज़िला परिषद भूमि पर भी लागू नहीं होगी।
  • विशिष्ट विभागीय अधिनियमों और वैधानिक नियमों के अर्थात् हरियाणा विस्थापित संपत्ति (प्रबंधन और निपटान) नियम 2011, हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994, हरियाणा पंचायती राज नियम 1995, हरियाणा ग्राम शामलात भूमि (विनियमन) अधिनियम 1961, हरियाणा ग्राम ग्राम शामलात (विनियमन) नियम 1964 और विस्थापित संपत्ति (प्रबंधन और निपटान) अधिनियम 2008 के तहत शासित होने वाली भूमि को भी इस नीति से बाहर रखा जाएगा।
  • इस नीति में वे संपत्तियाँ शामिल होंगी, जिनका स्वामित्व या प्रबंधन सरकारी संस्था द्वारा किया जाता है और जो किराए या पट्टे का पैसा अथवा लाइसेंस शुल्क या तहबाजारी शुल्क के आधार पर खाली ज़मीन, दुकान (दुकानों) जिसका अलग-अलग तल (यदि कोई हो) मकान और उसका अलग-अलग तल (यदि कोई हो) उद्योग और खाली भूमि के लिये सरकारी संस्था को देय या प्राप्य है।
  • ऐसी संपत्तियों के मामले में, जिनसे सरकारी संस्थाएँ वार्षिक कलेक्टर रेट मूल्य का 8 प्रतिशत और उससे अधिक का किराया पट्टा प्राप्त कर रही हैं, तो सक्षम प्राधिकारी को वह संपत्ति बेचने की अनुमति नहीं होगी।
  • कब्जे की अवधि के आधार पर बेस रेट पर रियायत-
    • जिस संपत्ति पर किसी व्यत्ति का 20 वर्ष से अधिक लेकिन 25 वर्ष से कम की अवधि के लिये कब्जा है, उससे सर्कल रेट का 80 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा।
    • 30 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 35 वर्ष से कम की अवधि तक कब्जे वाले लोगों से सर्किल रेट का 75 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा।
    • इसके अलावा, 35 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 40 वर्ष से कम की अवधि तक कब्जे वाले लोगों को सर्किल रेट का 65 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
    • 40 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 45 वर्ष से कम की अवधि के लिये कब्जा रखने वालों से सर्कल रेट का 60 प्रतिशत और 45 वर्ष या उससे अधिक लेकिन 50 वर्ष से कम की अवधि के लिये सर्कल रेट का 55 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा।
    • जिनके पास 50 वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिये कब्जा है, उनसे सर्कल रेट का 50 प्रतिशत शुल्क लिया जाएगा।
  • नीति की निगरानी एवं क्रियान्वयन शहरी स्थानीय निकाय विभाग द्वारा इसके लिये तैयार किये गए पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा।
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