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मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    भारतीय अपवर्जन रिपोर्ट (Indian Exclusion Report: IXR) क्या है? हाल ही में जारी भारतीय अपवर्जन रिपोर्ट-2016 के महत्त्वपूर्ण निष्कर्षों पर प्रकाश डालिए।

    17 May, 2017 सामान्य अध्ययन पेपर 3 पर्यावरण

    उत्तर :

    भारतीय अपवर्जन रिपोर्ट (IXR) दिल्ली स्थित ‘निष्पक्षता अध्ययन केंद्र (Centre for Equity Study: CES)’ द्वारा जारी की जाती है जिसके माध्यम से CES सामाजिक अन्याय और असमानता की प्रकृति और कारणों पर अपने अनुसंधान को प्रकाशित करता है। CES की स्थापना 2000 में भारत में सामाजिक-आर्थिक न्याय के मुद्दों पर अनुसंधान और सिफारिश के लिये एक स्वतंत्र संगठन के रूप में की गई थी।

    भारतीय अपवर्जन रिपोर्ट-2016 (IXR-2016) के महत्त्वपूर्ण निष्कर्षः IXR-2016 रिपोर्ट निम्नलिखित मुद्दों पर अपवर्जन की समीक्षा करती है-

    1. कृषि भूमि
    2. वृद्धों के लिये पेंशन
    3. डिजिटल अपवर्जन (Digital exclusion)

    1. कृषि भूमिः

    • भारत में भूमि वितरण का पैटर्न व्यापक रूप से सामाजिक-आर्थिक पदानुक्रम को दर्शाता है। बड़े जमींदार ऊँची जातियों से संबंधित थे, मध्यम जातियों से किसान थे तथा निम्न जातियों, दलितों एवं आदिवासियों से कृषि मजदूर।
    • भूमिहीनता के मामले में सर्वाधिक 57.3% दलित थे एवं विकास गतिविधियों से विस्थापित लोगों में सर्वाधिक आदिवासी थे (लगभग 40%)
    • लगभग 2% दलित परिवार ही 2 हेक्टेयर से अधिक जमीन के मालिक थे। दलितों के स्वामित्व वाली भूमि की गुणवत्ता कम थी एवं अधिकांशतः यह भूमि सिंचाई सुविधाओं से युक्त नहीं थी।
    • IXR रिपोर्ट के अनुसार ‘भूमि सुधार’ के प्रयासों से दलितों, महिलाओं एवं मुस्लिमों को अधिक लाभ नहीं हुआ क्योंकि अधिकांशतः भूमि सुधार कागजों पर ही हुए, व्यवहारिकता में नहीं।

    2. वृद्धों के लिये पेंशनः

    • रिपोर्ट के अनुसार भारत के लगभग 10 करोड़ वृद्ध सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे से बाहर हैं। केवल 40% वृद्ध ही पेंशन के दायरे में हैं। ग्रामीण भारत की 40% विकलांग महिलाएँ रोजगारहीन हैं।
    • रिपोर्ट में उल्लेख है कि यद्यपि वर्ष 2008 के बाद ‘ग्लोबल हंगर इंडेक्स’ पर भारत के स्कोर में सुधार हुआ है लेकिन सुधार की गति संतोषजनक नहीं है।

    3. डिजिटल अपवर्जन (Digital exclusion)

    • रिपोर्ट के अनुसार भारत विश्व में इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या के मामले में शीर्ष 5 देशों में शामिल है यद्यपि वर्ष 2016 में लगभग 1 अरब भारतीय इंटरनेट की पहुँच से दूर थे। गरीब और भौगोलिक स्थिति डिजिठल पहुँच के मार्ग में दो बड़ी बाधाएँ हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुँच अत्यंत सीमित है जबकि शहरी  क्षेत्रों में इंटरनेट की व्यापक पहुँच है।
    • डिजिटल इंडिया कार्यक्रम का उद्देश्य प्रथम चरण में 1 लाख पंचायतों को कवर करना था लेकिन अप्रैल 2016 तक 50 हजार से भी कम पंचायतों को कवर किया जा सका।
    • रिपोर्ट में यह भी चेतावनी दी गई कि जब केशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहन दिया जा रहा है तो डिजिटल अपवर्जन के कारण वित्तीय अपवर्जन भी हो सकता है।

    इनके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार इस दौरान रोजगार सृजन में गिरावट आई है एवं नौकरियों की गुणवत्ता में भी गिरावट आई है। वर्ष 2000 के पश्चात जहाँ सर्वाधिक धनी 10% लोगों के धन में 12 गुणा की वृद्धि हुई वहीं सर्वाधिक गरीब 10% लोगों की आय में मात्र 3 गुणा वृद्धि हुई है। इस प्रकार इस रिपोर्ट के अनुसार विषमता में लगातार वृद्धि हो रही है।

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