इंदौर शाखा: IAS और MPPSC फाउंडेशन बैच-शुरुआत क्रमशः 6 मई और 13 मई   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

मेन्स प्रैक्टिस प्रश्न

  • प्रश्न :

    उन विभिन्न तरीकों पर चर्चा कीजिये जिनसे सूक्ष्मजीवी इस समय में हो रही ईंधन की कमी से पार पाने में मदद कर सकते हैं। (150 शब्द, यू.पी.एस.सी. मुख्य परीक्षा 2023)

    15 Nov, 2023 सामान्य अध्ययन पेपर 3 विज्ञान-प्रौद्योगिकी

    उत्तर :

    शैवाल, जीवाणु आदि जैसे सूक्ष्मजीवों का उपयोग कच्चे कार्बनिक पदार्थों से इथेनॉल, हाइड्रोजन, मीथेन, लिपिड और ब्यूटेनॉल सहित विभिन्न ईंधन उत्पन्न करने के लिये किया जा सकता है, जिससे बायोमास में मौज़ूद रासायनिक ऊर्जा को ईंधन के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है।

    वर्तमान समय में ईंधन की कमी से निपटने में सूक्ष्मजीवियों की भूमिका:

    • जैव ईंधन उत्पादन: शैवाल और जीवाणु जैसे कुछ सूक्ष्मजीवों का उपयोग बायोडीज़ल एवं बायोएथेनॉल जैसे जैव ईंधन का उत्पादन करने के लिये किया जा सकता है। उदाहरण के लिये, शैवाल सूर्य के प्रकाश और कार्बन डाइ-ऑक्साइड को लिपिड में परिवर्तित कर सकते हैं, जिन्हें अंततः बायोडीज़ल में परिवर्तित किया जा सकता है।
    • बायोगैस उत्पादन: सीवेज और कृषि अपशिष्ट जैसे कार्बनिक अपशिष्ट को तोड़ने के लिये सूक्ष्मजीवों का उपयोग किया जाता है, जिससे अंततः बायोगैस का उत्पादन किया जाता है।
    • हाइड्रोजन उत्पादन: कई सूक्ष्मजीव किण्वन प्रक्रिया के माध्यम से हाइड्रोजन गैस का उत्पादन कर सकते हैं जिसका उपयोग ईंधन सेल सहित विभिन्न अनुप्रयोगों में स्वच्छ ईंधन के रूप में किया जा सकता है।
    • जैव सुधार: सूक्ष्मजीव प्रदूषित स्थानों से उपयोगी हाइड्रोकार्बन को अलग करते हैं, जिससे वे तेल रिसाव और दूषित स्थानों की सफाई में सहायता कर सकते हैं।
    • कार्बन कैप्चर और उपयोग: सूक्ष्मजीव औद्योगिक प्रक्रियाओं से कार्बन डाइ-ऑक्साइड (CO2) उत्सर्जन को कैप्चर और जैव ईंधन में परिवर्तित कर सकते हैं।

    ईंधन की कमी को पूरा करने के लिये सूक्ष्मजीवी ऊर्जा ईंधन उत्पादन के लिये पायलट संयंत्रों का विकास किये जाने की आवश्यक है और यह न केवल कच्चे तेल की ऊँची कीमतों को कम कर सकता है बल्कि धारणीय तरीके से पर्यावरण की सुरक्षा कर सकता है।

    To get PDF version, Please click on "Print PDF" button.

    Print
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2